पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ट्वीट किए, ओलंपिक के 1500 मीटर दौड़ के एक वीडियो की चारों ओर खासी चर्चा हो रही है। पाकिस्तानी पीएम ने नीदरलैंड्स की धाविका सिफ़ान हसन का एक वीडियो ट्वीट किया है और उसके साथ पाकिस्तानी युवाओं के लिए एक संदेश भी जोड़ा है। उन्होंने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा – ‘मैं चाहता हूँ कि पाकिस्तानी युवा इस रेस को देखकर और उस सबसे अहम सबक सीखें जो मैंने खेलों से सीखा – आप सिर्फ़ तब हारते हैं, जब आप उम्मीद छोड़ देते हैं।’
दरअसल नीदरलैंड की सिफ़ान हसन का ये वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हुआ है। ये टोक्यो ओलंपिक के 1500 मीटर की दौड़ के क्वॉलीफ़ाईंग राउंड का है। सिफान इस हीट के आखिरी हिस्से में लड़खड़ा कर गिर गई थी और फिर उठ के दोबारा दौड़ी और आखिरी क्षणों में सबसे आगे के धावकों में पहुंचते हुए – फ़ाइनल में पहुँच गई. फाइनल में वो तीसरे स्थान रही और उन्होंने ब्रोंज़ मेडल जीता।
I want the youth of Pakistan to watch the race and learn the most important lesson that sports taught me: “you only lose when u give up.” pic.twitter.com/a7UnCvnwSR
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 8, 2021
इस स्थिति में हमने अमूमन धावकों को दोबारा उठ कर दौड़ते और जीत हासिल करते नहीं देखा है। ये स्थिति किसी भी खिलाड़ी के लिए ऐसी है, जब आप स्तब्ध और निराश रह जाते हैं और कई बार धावक दौड़ने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते हैं। लेकिन न केवल सिफ़ान दोबारा उठी, वे भागी भी और बिल्कुल अंतिम क्षणों में सेमीफाइनल्स के लिए क्वालीफाई भी कर गई।
सिफ़न ने टोक्यो ओलंपिक में कमाल की सफलता हासिल की है। उन्होंने 1500 मीटर दौड़ में तो ब्रोंज़ जीता ही है लेकिन वो 10 हज़ार मीटर और 5 हज़ार मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडलिस्ट बनी हैं।
हुआ क्या था?
1500 मीटर की दौड़ के आखिरी लैप के दौरान जब सारे ही एथलीट्स तेज़ी से पोजिशन लेने की कोशिश में थे, एक दूसरे से आगे निकलने की जद्दोजहद में तब हसन ने कीनिया की एथलीट से आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन इस में वो लड़खड़ाई और उनसे टकरा कर गिर पड़ी। एक पल के लिए लगा कि हसन रेस से बाहर हो गई। वो उठी और दोबारा दौड़ तो पड़ी लेकिन ऐसा लग रहा था कि वह कुछ भी हो जाए, सेमीफाइनल्स के लिए क्वाईफाई नहीं कर सकेंगी। ऐसा होता तो, ओलंपिक में 3 पदक जीतने का उनका सपना टूट जाता। लेकिन हसन कई धावकों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ीं और अंतिम कर्व आते-आते सबसे आगे दौड़ रहे एथलीट्स में शामिल हो गईं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की जेसिका हल और फिर अमेरिका की इलेनॉर पर्रियर सेंट पिएरे को हराया और ये दौड़ चार मिनट और 5.17 सेकंड में पूरी की और सेमीफ़ाइनल में प्रवेश कर लिया।
इस तरह हार न मानने की जिजीविषा ने इथियोपिया से नीदरलैंड में एक प्रवासी के तौर पर रह रही, सिफ़ान हसन का एक ही ओलंपिक में 3 मेडल का सपना भी सच करवा ही दिया।