बीएचयू में आदिवासी प्रोफ़ेसर की पिटाई, पहनाई जूतों की माला


प्रो. मनोज ने अपनी शिकायत में विभाग के ही एक प्रोफेसर पर सजिश करने का आरोप मढ़ा है।


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बीएचयू में समाजशास्त्र विभाग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को सोमवार को छात्रों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और चप्पलों की माला पहना दी। आपत्तिजनक हरकत का आरोप लगाते हुए छात्रों ने क्लॉस में पढ़ा रहे प्रोफेसर मनोज कुमार को पहले बाहर निकाला, फिर पीटते हुए हिंदी भवन चौराहे तक ले गए। सुरक्षाकर्मियों ने प्रोफेसर को छात्रों के चंगुल से छुड़ाया और प्राक्टोरियल बोर्ड ले आए। पिटाई से घायल प्रो. मनोज का उपचार बीएचयू के ट्रामा सेंटर में हुआ। 

. मनोज तथा सामाजिक विज्ञान संकाय के 54 छात्र-छात्राओं की तहरीरों पर लंका थाने में क्रॉस एफआईआर दर्ज हुई है। लंका थानाध्यक्ष भारत भूषण तिवारी ने बताया कि प्रो. मनोज वर्मा की तहरीर पर एक नामजद तथा अन्य अज्ञात के खिलाफ मारपीट व एसीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। विभाग के 54 छात्र-छात्राओं की तहरीर पर प्रो. मनोज के खिलाफ भी छेड़खानी, मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ है। 

प्रो. मनोज ने अपनी शिकायत में विभाग के ही एक प्रोफेसर पर सजिश करने का आरोप मढ़ा है। समाज विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राओं ने बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को भी पत्र दिया है जिसमें प्रो. मनोज पर पढ़ाने के दौरान किए जाने वाले  कमेंट का जिक्र करते हुए उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है। 

इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। एक सप्ताह के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी। मनोज वर्मा ने बताया कि वे आदिवासी समुदाय से आते हैं और आरएसएस की शाखा में भी जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश रचने वाले प्रोफेसर कई बार उनपर अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं। 

सबरंग से साभार।


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