कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने टीवी9 के पूर्व सीईओ रवि प्रकाश की शनिवार को हुई गिरफ्तारी की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है। टीवी9 हिंदी के पूर्व संपादक रहे विनोद कापड़ी भी शनिवार से इस गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कुछ ट्वीट भी किए हैं।
रवि प्रकाश को हैदराबाद पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया. टीवी9 की मूल कंपनी एसोसिएट ब्रॉडकास्टिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एबीसीएल) से कथित तौर पर 18 करोड़ रुपये निकालने के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया गया है. शनिवार की दोपहर पुलिस प्रकाश के घर गई और उन्हें हिरासत में ले लिया. पूछताछ के लिए प्रकाश को उन्हीं की कार में पुलिस स्टेशन लाया गया और कार को भी जब्त कर लिया गया.
The government of India’s Telangana state must immediately release Ravi Prakash, founder of independent Telugu news website Tolivelugu, and ensure he is not harassed because of his work. @TelanganaCMO @KTRTRS @TelanganaDGP @hydcitypolicehttps://t.co/ML9nUtVIqY
— Committee to Protect Journalists (@pressfreedom) October 8, 2019
रवि प्रकाश द्वारा संचालित एक वेबसाइट टॉलिवेलुगु के पत्रकार रघु गणजी के हवाले से सीपीजे ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 30 सितंबर को समाचार वेबसाइट ने अपने यूट्यूब चैनल पर तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के 50 हजार कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर दो यूनियन नेताओं के साक्षात्कार लिए थे जो वेतन वृद्धि और सार्वजनिक परिवहन के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे.
एक साक्षात्कार में, परिवहन संघ के नेता ई अस्वथमा रेड्डी ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उद्योगपति पीवी कृष्ण रेड्डी पर एक मिलियन डॉलर के सार्वजनिक परिवहन घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. एक अन्य साक्षात्कार में, विपक्षी नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने राव और रेड्डी के खिलाफ कालेश्वरम, तेलंगाना में एक बड़ी सिंचाई परियोजना से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
बीते 2 अक्टूबर को टॉलिवेलुगु के एक रिपोर्टर नरसिम्हा रेड्डी को दोनों साक्षात्कारों को हटाने के लिए पहले व्हाट्स एप मैसेज, फिर फोन आया. फोन करने वाले ने पहले दावा किया कि वह तेलंगाना सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग से फोन कर रहा था. रिपोर्टर के पूछने पर फोन करने वाले ने कहा था कि वह कृष्णा रेड्डी के कार्यालय से फोन कर रहे हैं और यदि ये साक्षात्कार नहीं हटाए तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.
दोनों रिपोर्टरों नरसिम्हा रेड्डी और रघु गणजी के मुताबिक बाद में उसी दिन रात 10:30 बजे कृष्ण रेड्डी ने प्रकाश को सीधे फोन करके साक्षात्कारों को हटाने की मांग की जिसे प्रकाश ने ठुकरा दिया.
पत्रकार और तेलुगु न्यूज आउटलेट मोजो टीवी की पूर्व सीईओ रेवती पोगदादंदा ने कहा कि कृष्णा रेड्डी और रामेश्वर राव के कुछ साक्षात्कारों को हटाने के लिए रवि प्रकाश पर दबाव था.
There was pressure on Tolivelugu website team that is run by Ravi ji to remove certain interviews of #MeghaKrishna Reddy and Rameshwara Rao.
— Revathi (@revathitweets) October 5, 2019
रेवती पोगदादंदा ने ट्वीट कर कहा कि 10 वर्दीधारी पुलिसकर्मी रवि प्रकाश के घर गए और उन्हें नोटिस देने के लिए थाने आने के लिए कहा.
रेवती को भी इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किय गया था, फिर सशर्त जमानत पर छोड़ दिया गया था. रवि प्रकाश पर मामला दर्ज किए जाने के बाद रेवती ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पिछले कुछ महीनों से उनका कथित रूप से उत्पीड़न करना का आरोप लगाया था.
द न्यूज मिनट के अनुसार, हालांकि रवि प्रकाश ने आरोप लगाया था कि बंधक बनाकर किया गया अधिग्रहण प्रेस की आजादी पर हमला है. प्रबंधन में बदलाव के लिए उन्होंने रियल एस्टेट कंपनी माई होम ग्रुप के मालिक उद्योगपति जुपली रामेश्वर राव और मेघा इंजीनियरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के कृष्णा रेड्डी को दोषी ठहराया.
सीपीजे ने रवि प्रकाश को तुरंत रिहा करने की मांग की है. साथ ही सीपीजे ने कहा है कि तेलंगाना सरकार यह सुनिश्चित करे कि उनके काम के बदले उनका शोषण न किया जाए.
रवि प्रकाश 2004 में लॉन्च होने के बाद से टीवी9 चैनल की कमान संभाल रहे थे. इससे पहले पुलिस ने अलंदा के निदेशक पी कौशिक राव की दो शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए रवि प्रकाश, टीवी9 के पूर्व सह-संस्थापक एमकेवीएन मुर्ति और अभिनेता एस शिवाजी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए थे.
इस मामले में पत्रकार विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी ने भी विरोध दर्ज कराया है.
On the behest of #TV9 promoters #MegaKrishnaReddy #RameshwarRao @hydcitypolice has slapped completely fake case on former TV9 Editor Raviprakash.He hs been in jail for last 50 hrs & I can sense his life is under very serious threat.These goons can go to any extent. #FreeRavi 1/3 pic.twitter.com/cF5lBLCwCR
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 7, 2019
एक ऐसा मालिक था जो पिछले 10 साल से अपने employees को कंपनी के profit से बोनस दे रहा था (सब काग़ज पर है) . जी हां सुनने में अटपटा इसलिए लगता है कि ऐसे मालिक होते ही बहुत कम हैं जो employees को reward करते हो. उस मालिक का नाम #RaviPrakash था जो इस वक्त जेल में है #FreeRavi
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) October 8, 2019