कुछ न्यूज़ चैनल रेडियो रवंडा की तरह जिसने अफ़्रीकी देशों में नरसंहार कराया-एडिटर्स गिल्ड

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पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी से उपजे विवाद और न्यूज चैनल्स पर हुई उसकी कवरेज को लेकर भारत में संपादकों की सबसे बड़ी संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गहरी चिंता जाहिर की है। गिल्ड ने कुछ न्यूज चैनल्स की तुलना ‘रेडियो रवांडा’ से करते हुए कहा है कि ‘कुछ न्यूज चैनल्स व्युअरशिप बढ़ाने और प्रॉफिट कमाने के लिए रेडियो रवांडा के मूल्यों से प्रेरित थे, जिसकी वजह से अफ्रीकी देशों में नरसंहार हुए थे।’

एडिटर्स गिल्ड के बयान में कहा गया है कि ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया कुछ राष्ट्रीय न्यूज चैनल्स के गैर-जिम्मेदाराना आचरण से परेशान है, जो जानबूझकर ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं जिससे कमजोर समुदायों के प्रति नफरत फैलाकर निशाना बनाया जा रहा है।’

एडिटर्स गिल्‍ड ने महज व्‍युअरशिप बढ़ाने और लाभ कमाने के लिए इन चैनल्स से ऐसे व्‍यवहार को रोकने और आत्‍मनिरीक्षण करने की सलाह दी है।गिल्ड ने कहा है कि पत्रकारों के संगठनों को इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मीडिया की जिम्मेदारी तय करने की कोशिश करनी चाहिए।

गिल्ड के बयान में कहा गया है कि यदि देश के कुछ टीवी चैनल धर्मनिरपेक्षता के प्रति देश की संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ-साथ पत्रकारिता की नैतिकता और दिशा-निर्देशों के प्रति जागरूक होते तो देश को अनावश्यक शर्मिंदगी से बचाया जा सकता था।

हाल ही में हुए सांप्रदायिक हिंसा मामलों को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने टीवी चैनल्स से आत्मचिंतन और समीक्षा करने की अपील की है। इसके साथ ही गिल्ड ने इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए मीडिया संस्थानों से कड़ी नजर रखने की भी मांग की है। बयान में कहा गया है कि, ‘मीडिया की जिम्मेदारी संविधान और कानून को बनाये रखने की है, न की गैरजिम्मेदारी और जवाबदेही के अभाव में उसे तोड़ने की है।’