सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी को दी राहत
रिपब्लिक टीवी चैनल के अर्णब गोस्वामी पर देश भर के कई स्थानों पर एफआईआर वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी को राहत देते हुए तीन हफ़्ते की रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई पाटिल और जस्टिस एमआर शाह वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में याचिकाकर्ता अर्णब गोस्वामी को एंटीसिपेटरी बेल की अर्ज़ी 3 सप्ताह की अंतरिम सुरक्षा और उनके ख़िलाफ़ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह तीन सप्ताह में अग्रिम ज़मानत की अर्जी डाल सकते हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सभी एफआईआर पर फिलहाल कार्रवाई पर स्टे लगा दिया है सिवाय नागपुर में दर्ज एक एफआईआर को छोड़कर। इस एक एफआईआर को भी नागपुर से मुंबई स्थानांतरित किया जायेगा। मुंबई पुलिस कमिश्नर को रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी को सुरक्षा देने को भी कहा गया है।
Supreme Court stays all FIRs against Arnab Goswami except one which was filed in Nagpur and which has now been transferred to Mumbai. SC also directs Mumbai Police Commissioner to provide security to Arnab Goswami and Republic TV https://t.co/klkeYWHKvr
— ANI (@ANI) April 24, 2020
अमर्यादित भाषा और सद्भाव को भड़काने का है आरोप
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल और समुदाय के आधार पर लोगों के सद्भाव को भड़काने के लिए रिपब्लिक टीवी चैनल के अर्णब गोस्वामी पर देश भर के कई स्थानों पर एफआईआर दर्ज़ करा दी गयी थी। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गयी थी। जिसके बाद अर्णब गोस्वामी अपने चैनल रिपब्लिक टीवी पर “पूछता है भारत” नाम से समाचार कार्यक्रम में अचानक ही भाषा और व्यवहार की मर्यादा भूलकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ऊपर अमर्यादित टिपण्णी करने लगे। साथ ही पालघर की घटना को सांप्रदायिक रूप देने में लग गए थे। जबकि महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना के किसी भी तरह से सांप्रदायिक होने से इंकार किया था और गिरफ़्तार हुए लोगों के नाम समेत सूची जारी की थी। इस कार्यक्रम के बाद कई पत्रकारों के साथ ही तमाम कांग्रेस नेताओं ने अर्णब गोस्वामी के इस कृत्य की निंदा की थी। इसके बाद ही अर्णब गोस्वामी ने 22 अप्रैल की देर रात एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी दी। अर्णब गोस्वामी ने हमला करवाने का आरोप सोनिया गांधी पर लगाते हुए हमले की शिकायत पुलिस में भी की।
प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने भी अर्णब गोस्वामी के ऊपर हुए हमले को लेकर बयान दिया कि हिंसा कभी कोई समाधान नहीं होता चाहे वो घटिया पत्रकारिता के ही ख़िलाफ़ क्यों न हो ?
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडियन ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि ये किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। पुलिस जल्द से जल्द हमलावरों को गिरफ़्तार करे।
अपने ऊपर हुई एफआईआर से परेशान अर्णब गोस्वामी के सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने वाली बात पर प्रशांत भूषण ने ट्वीट करके कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के घर वापस जाने वाले मुद्दे की याचिका को हफ्ते तक सूचीबद्ध नहीं किया लेकिन अर्णब गोस्वामी द्वारा एफआईआर को रद्द करने के लिए दायर याचिका को दूसरे ही दिन 8 बजकर 7 मिनट पर सूचीबद्ध कर देता है।”