लखनऊ प्रतिनिधि
लगभग 25 वर्षों से लखनऊ के लगभग आठ-दस चर्चित अखबारों में बतौर पत्रकार काम चुके मोहम्मद शाहिद के कैंट स्थिति आवास में आज इंस्पेक्टर कैंट रंजना सचान भारी पुलिस बल के साथ घुस गयीं। वे पत्रकार शाहिद से बोलीं- “तुम आतंकवादी लगते हो। तुम्हारे घर में आतंकवादियों का जमावड़ा लगता है। तुम तुरंत अपने परिवार के सदस्य साथ चौकी पहुंचो।”
पत्रकार शाहिद हद से ज्यादा शरीफ और सीधे हैं जिसकी वजह से राज्य मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकार उनको गाय कहते हैं। इनके साथ हुई इस घटना की खबर सुनकर लखनऊ के राज्य मुख्यालय के पत्रकारों में हड़कंप मच गया। मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पदाधिकारियों सहित तमाम पत्रकारों का जमावड़ा लग गया और आला अफसरों से मिला।
गृह सचिव, डीआईजी और प्रमुख सचिव- सूचना से मुलाकात के बाद अफसरों ने एसएसपी कला निधि से मामला जाना। पता चला कि पुलिस ने गलतफहमी में दबिश डाल दी। आला अधिकारियों के दबाव में इंस्पेक्टर कैंट और सीओ कैंट सहित थाने के स्टाफ ने पत्रकार शाहिद से हाथ जोड़ कर दस बार माफी मांगी। इनका कहना था कि खुफिया तंत्र ने 14 अगस्त की विशेष रिपोर्टिंग के लिए औपचारिकता निभाने के लिए गलत और आधी अधूरी रिपोर्ट दे दी।
इस रिपोर्ट में दो संदिग्धों के गुजरने की रिपोर्ट दी गई थी। लैंडमार्क में शाहिद के आवास में टंगे बोर्ड को बताया गया था। बताया गया था कि इस आवास के रास्ते में दो संदिग्ध देखे गये थे। बस इस रिपोर्ट पर कार्यवाही की औपचारिकता के लिए लखनऊ के कैंट थाने की इंस्पेक्टर ने शरीफ पत्रकार को आतंकवादी मान लिया।