स्वतंत्र पत्रकार, मीडियाविजिल के नियमित लेखक और युवा कवि सुशील मानव पर बुधवार की सुबह दिल्ली के मौजपुर इलाके में दंगाइयों ने हमला किया। सुशील ने बताया कि मौजपुर के गली नंबर 7 में, जहां पर कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या हुई थी, यानी जहां एक आईपीएस ऑफिसर पर भी हमला किया गया, वे वहां गये थे।
सुशील को पहले गिरा दिया गया। पीटा गया। उनके साथ मंडी हाउस से एक और साथी थे। उनके कपड़े उतारकर देखा गया कि कहीं वे ‘मुसलमान’ तो नहीं। सुशील ‘हिन्दू’ थे इसलिए बच गये। उन्हें पहले तो दो तीन लोगों ने गिराया, फिर कई लोगों ने उन्हें घेर लिया। एक ने पेट में देसी कट्टा सटा दिया था।
सुशील ने अपनी फेसबुक वॉल पर संक्षेप में घटना का जिक्र किया हैः
वे वहां से बचकर निकले तो मुस्लिम मोहल्ले में लोगों ने उनका इलाज कराया। वहीं एक स्थानीय क्लिनिक में पट्टी बांधी गयी। उन्होंने बताया कि ‘मुस्लिम मोहल्ले में ज्यादातर लोग रिपोर्टिंग में मदद कर रहे थे। कुछ लोगों ने वीडियो करने से मना किया, लेकिन अधिकांश ने मदद की। लेकिन हिन्दू मोहल्ले में जाते ही यह घटना घटी। हिन्दू लड़के उनसे कह रहे थे कि आपलोग ‘मुल्लों’ की वीडियो क्यों नहीं बनाते हैं?’
सुशील पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडियाविजिल के लिए रिपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक सामाजिक मसलों पर लगातार लिखा है। उनकी पिछली रिपोर्ट इलाहाबाद के रोशनबाग में सीएए विरोधी धरने पर थी।
CAA: इलाहाबाद के रोशनबाग़ धरने को लेकर फैलाई जा रही अफवाह
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