पत्रकारों की हत्या के मामले में सोमालिया की हालत लगातार पांचवें साल भी बहुत ख़राब है. सीपीजे की ग्लोबल इम्पियूनिटी इंडेक्स, 2019 में यह बात कही गई है. युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के चलते दुनियाभर में हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और अपराधियों पर कार्रवाई कम हुई है. भारत में 2019 में 17 ऐसे मामले हुए जहां पत्रकारों की हत्या या हमले से ज़ख्मी होने के मामले में किसी को कोई सज़ा नहीं हुई.
Even one murder of a journalist can have a chilling effect — and when the perpetrators escape justice, the intimidation is amplified.
CPJ's #ImpunityIndex lists the countries where journalists are murdered and their killers go free.https://t.co/3s3sj8nmLG
— Committee to Protect Journalists (@pressfreedom) October 29, 2019
सीपीजे की सूची में भारत 13 वें स्थान पर है.
These are the worst countries in the world at prosecuting murderers of journalists, according to CPJ’s 2019 #ImpunityIndex
Somalia
Syria
Iraq
South Sudan
Philippines
Afghanistan
Mexico
Pakistan
Brazil
Bangladesh
Russia
Nigeria
India#EndImpunity #IDEI https://t.co/4kiM2FlsSi pic.twitter.com/N5oqRAgr1N— Committee to Protect Journalists (@pressfreedom) October 29, 2019
इस सूची में सबसे शीर्ष है सोमालिया, दूसरे स्थान पर सीरिया है जहां युद्ध जैसी स्थिति है. फिर इराक़ है, चौथै स्थान पर दक्षिण सूडान और पांचवे स्थान पर फिलीपींस है.
During the 10-year index period of CPJ’s 2019 #ImpunityIndex, 318 journalists were murdered for their work worldwide.
In 86% of these cases, no perpetrators have been successfully convicted. #IDEI #EndImpunity https://t.co/4kiM2FD4gS pic.twitter.com/4rgF6IBEDY
— Committee to Protect Journalists (@pressfreedom) October 29, 2019
विश्व के 13 देशों में हालात बेहद खतरनाक है जहां अपराध में वृद्धि हुई है और अपराधियों पर कार्रवाई कम हुई है.इनमें जहां युद्ध जैसा संघर्ष चल रहा है या अधिक स्थिर देश शामिल हैं जहां आपराधिक समूह, राजनेता, सरकारी अधिकारी और अन्य शक्तिशाली व्यक्ति आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग को शांत करने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं.
2008 में सूचकांक पहली बार प्रकाशित होने के बाद से फिलीपींस लगभग हर साल सबसे खराब पांच देशों में से एक रहा है. फिलीपींस में 23 नवंबर, 2009 को मैगुइंडानाओ, अम्पाटुआन में 32 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों सहित 58 व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी.
Since CPJ first published its #ImpunityIndex, the #Philippines has been among the worst five countries nearly every year.
This year, the country ranks fifth on CPJ's 2019 Global #ImpunityIndex.https://t.co/3s3sj8nmLG pic.twitter.com/6bnpMIOjVl
— Committee to Protect Journalists (@pressfreedom) October 29, 2019
सीपीजे रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं:
Getting Away with Murder – Committee to Protect Journalists