पत्रकारों पर हमले के अनसुलझे मामलों में भारत की स्थिति बदतर, CPJ की ताज़ा रिपोर्ट

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पत्रकारों की हत्या के मामले में सोमालिया की हालत लगातार पांचवें साल भी बहुत ख़राब है. सीपीजे की ग्लोबल इम्पियूनिटी इंडेक्स, 2019 में यह बात कही गई है. युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के चलते दुनियाभर में हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और अपराधियों पर कार्रवाई कम हुई है. भारत में 2019 में 17 ऐसे मामले हुए जहां पत्रकारों की हत्या या हमले से ज़ख्मी होने के मामले में किसी को कोई सज़ा नहीं हुई.

सीपीजे की सूची में भारत 13 वें स्थान पर है.

इस सूची में सबसे शीर्ष है सोमालिया, दूसरे स्थान पर सीरिया है जहां युद्ध जैसी स्थिति है. फिर इराक़ है, चौथै स्थान पर दक्षिण सूडान और पांचवे स्थान पर फिलीपींस है.

विश्व के 13 देशों में हालात बेहद खतरनाक है जहां अपराध में वृद्धि हुई है और अपराधियों पर कार्रवाई कम हुई है.इनमें जहां युद्ध जैसा संघर्ष चल रहा है या अधिक स्थिर देश शामिल हैं जहां आपराधिक समूह, राजनेता, सरकारी अधिकारी और अन्य शक्तिशाली व्यक्ति आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग को शांत करने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं.

2008 में सूचकांक पहली बार प्रकाशित होने के बाद से फिलीपींस लगभग हर साल सबसे खराब पांच देशों में से एक रहा है. फिलीपींस में 23 नवंबर, 2009 को मैगुइंडानाओ, अम्पाटुआन में 32 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों सहित 58 व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी.

सीपीजे रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं:

Getting Away with Murder – Committee to Protect Journalists