वर्किंग जर्नलिस्‍ट एक्‍ट को निरस्त करने के फैसले के खिलाफ IFWJ का विरोध

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श्रमजीवी पत्रकार संघ (IFWJ) ने कहा है कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में सुधार के नाम पर वर्किंग जर्नलिस्‍ट एक्‍ट को समाप्‍त करने जा रही है. सरकार के इस फैसले का संघ ने विरोध किया है. संघ का कहना है कि जिस तरह से तमाम मजदूर कानूनों को वर्तमान सरकार ने बदलाव के नाम पर खत्म कर दिया ठीक उसी तरह भारत सरकार ने वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को निरस्त करने जा रही है.

वर्तमान पत्रकार कानून को निरस्त कर सरकार 11 नए अधिनियम लाने का मन बना चुकी है. श्रमजीवी पत्रकार संघ ने इसका पुरजोर विरोध किया है. सभी नए अधिनियम पत्रकारों के हितों के खिलाफ हैं. और सभी नए अधिनियम ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हीथ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड’का हिस्सा होंगे.

इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के महासचिव परमानन्द पांडेय ने बताया कि वर्तमान कानून को बनाये रखने और उसमें प्रस्तावित बदलाव न किये जाने के सन्दर्भ में दो बार सम्बंधित मंत्री महोदय से मुलाकात की गई है और श्रम विभाग के संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष के पास भी एक प्रतिनिधित्व भी भेजा है. वर्तमान में इस समिति के अध्यक्ष उड़ीसा के सांसद श्री भर्तृहरि महताब कर रहे हैं.

वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट में बदलाव के विरोध में पत्रकारों ने 10 अक्टूबर को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया था.

पत्रकारों का कहना है कि यदि ये एक्‍ट ही खत्‍म हो जाएगा तो अखबार मालिक और अधिक निरंकुश हो जाएंगे। इसका नतीजा व्‍यापक पैमाने पर शोषण और जब चाहे नौकरी से निकालने के रूप में देखने को मिलेगा.

केंद्र सरकार ने 23 जुलाई को लोकसभा में व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति को विनियमित करने वाले कानूनों में संशोधन करने के लिए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता विधेयक, 2019 प्रस्‍तुत किया था. इसमें श्रमजीवी पत्रकार और अन्‍य समाचारपत्र कर्मचारी (सेवा की शर्तें) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1955 तथा श्रमजीवी पत्रकार (मजदूरी की दरों का निर्धारण) अधिनियम, 1958 को निरस्‍त किए जाने वाले 13 श्रम कानूनों में शामिल किया गया है, जो लोकतंत्र के चौथे स्‍तंभ के साथ कुठाराघात है.

श्रमजीवी पत्रकार संघ (IFWJ) द्वारा संसदीय स्थाई समिति को भेजा गया पत्र:

Representation – Regarding the Working Journalists Act, dt. 02.11.2019 (1)

 


 IFWJ के महासचिव परमानन्द पांडेय द्वारा जारी विज्ञप्ति के आधार पर प्रकाशित