आकाशवाणी में महीनों से बिना वेतन खट रहे अनुबंध कर्मियों का सूचना और प्रसारण राज्‍यमंत्री को पत्र


संबंधित फाइल पर अब तक प्रसार भारती ने कार्रवाई ही नहीं की


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प्रति,

श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर
राज्य मंत्री, सूचना और प्रसारण, नई दिल्ली

विषय –आकाशवाणी समाचार के संविदा आधारित कर्मचारियों-अधिकारियों की
समस्याओं के बारे में

महोदय,

मैं जानबूझकर अपना नाम नहीं दे रहा हूं और मेरा कोई नहीं है। इसलिए कहीं इस पत्र का किसी ने नाजायज इस्तेमाल किया तो मैं सड़क पर आ जाऊंगा।

महोदय, मैं आकाशवाणी समाचार में दिल्ली में कांट्रैक्ट पर कार्य कर रहा हूं। यहां हमें एक-एक साल के लिए कांट्रैक्ट पर रखा जाता है लेकिन हर साल जब कांट्रैक्ट बढ़ाने का वक्त आता है तो उसमें जानबूझकर देरी की जाती है। फिर कांट्रैक्ट को मंजूरी देने की प्रसार भारती की प्रक्रिया बेहद जटिल और लंबी है। वहां के अधिकारी महीनों तक फाइलों पर बैठे रहते हैं। इस वजह से हमें कई-कई महीनों तक वेतन नहीं मिलता और हमें दिल्ली जैसे शहर में गुजर-बसर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

महोदय, अभी करीब चालीस लोगों की संविदा बढ़ाने के लिए जरूरी प्रक्रिया आकाशवाणी समाचार के प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बहुत हीलाहवाली की। इस वजह से हमारे कांट्रैक्ट बढ़ाने की प्रक्रिया में देरी हुई। पता चला कि आकाशवाणी समाचार प्रशासन ने 16 जनवरी को प्रसार भारती को इससे संबंधित फाइल भेजी लेकिन उस फाइल पर अब तक प्रसार भारती ने कार्रवाई ही नहीं की। इसकी वजह से किसी का दो महीने से वेतन रूका है तो किसी का तीन महीने से तो किसी का एक महीने से।

महोदय, नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनते ही पारदर्शी प्रक्रिया लाने और कार्यों को निर्धारित वक्त में पूरा करने की बात की थी लेकिन प्रसार भारती और आकाशवाणी समाचार के अधिकारी प्रधानमंत्री के मंसूबों पर लगातार पानी फेर रहे हैं।

अत: आपसे निवेदन है कि इस बारे में जरूरी कार्रवाई करने के लिए प्रसार भारती के अधिकारियों को आदेश दें, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा किया जा सके।

सादर
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(यह पत्र मीडियाविजिल को आकाशवाणी के कुछ अनाम कर्मचारियों ने भेजा है, जो यहां जस का तस प्रकाशित है)