कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को ठप्प कर दिया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज की मानें तो भारत में चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक जीडीपी गिरकर 1.5 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी. लेकिन इन सबके बीच टेलीविजन चैनलों और डिजिटल मीडिया का प्रसार तेजी से बढ़ा है. टीवी चैनलों के लिए रेटिंग जारी करने वाली संस्था बार्क (ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल इंडिया) ने नीलसन के साथ मिलकर लॉकडाउन के पहले और लॉकडाउन के दौरान मीडिया यूजर के व्यवहार का अध्ययन कर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट के अनुसार न्यूज चैनलों ने तो व्यूअर्स के मामले में अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
हालांकि कोरोना से पैदा परिस्थिति के बीच न्यूज चैनलों के दर्शकों में हुआ ये रिकॉर्ड इजाफा चिंता का भी विषय हो सकता है क्योंकि मीडिया के एक बड़े हिस्से ने कोरोना जैसी महामारी को सांप्रदायिक खेल में तब्दील कर दिया है. इस खेल के लिए तमाम झूठ गढ़े जा रहे हैं जिसे मीडिया का बड़ा हिस्सा प्रसारित करने में जुटा है.
समाचार चैनल के दर्शक तीन गुना बढ़े
बार्क की रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन से पहले भारत के कुल टीवी दर्शकों में न्यूज देखने वाले सिर्फ 7 प्रतिशत होते थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान ये तीन गुना बढ़कर 21 फीसदी हो गये. साफ़ है कि टीवी के दर्शकों में जो बढ़ोतरी दर्ज की गई है, उसमें सबसे बड़ा योगदान न्यूज चैनल्स और उनको देखने वाले दर्शकों का है.
बार्क की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूज के दर्शकों में कुल 298 प्रतिशत, बिजनेस न्यूज़ के दर्शकों में 180 प्रतिशत, इन्फोटेनमेंट चैनलों के दर्शकों में 63 प्रतिशत और फिल्म दिखाने वाले चैनलों के दर्शकों में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
हालांकि यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि यह कोरोना के खौफ के चलते, लोगों की न्यूज चैनलों के मार्फत अधिक से अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की इच्छा से हुआ है या घर में बंद होने के कारण आसान टाईमपास के रूप में. वजह चाहे जो हो लेकिन इससे न्यूज चैनल्स और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म्स की कम से कम दर्शकों/पाठकों के लिहाज से चांदी है.
भारत में 37 प्रतिशत बढ़े टीवी के दर्शक
बार्क की रिपोर्ट के अनुसार, टीवी चैनलों पर दक्षिण भारत की तुलना में हिंदी बेल्ट के दर्शक अधिक बढ़े हैं. हिंदी बेल्ट में जहां टीवी के दर्शक 41 प्रतिशत बढ़े हैं, वहीं दक्षिण भारत के टीवी चैनलों में 31 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि टीवी व्यूअर्स यूपी-उत्तराखंड में 38 प्रतिशत, उसके बाद बिहार-झारखंड में 46 प्रतिशत और एमपी-छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत बढ़े हैं.
इसी तरह असम-नॉर्थईस्ट-सिक्किम में 34 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 36 फीसदी, ओडिशा में 31 फीसदी, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना में 28 फीसदी, तमिलनाडु-पॉन्डिचेरी में 34 फीसदी, केरल में 41 फीसदी, कर्नाटक में 26 फीसदी, महाराष्ट्र-गोवा में 34 फीसदी, गुजरात-दमन दीव- में 39 फीसदी, राजस्थान में 56 फीसदी और पंजाब-हरियाणा-हिमाचल-जम्मू कश्मीर में 57 फीसदी टीवी के दर्शक बढ़े हैं.
नॉन प्राइम टाइम में अधिक दर्शक
बार्क रिपोर्ट की मानें तो टीवी चैनलों पर सबसे अधिक दर्शक नॉन प्राइम टाइम में बढ़े हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि दिन के वक्त लोगों ने सबसे अधिक टीवी चैनलों को देखा है. रिपोर्ट के अनुसार टीवी के 71 प्रतिशत दर्शक नॉन प्राइम टाइम में बढ़े हैं.
मोबाइल पर ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं लोग
रिपोर्ट की माने तो लॉकडाउन के दौरान लोग औसतन मोबाइल पर 3.8 घंटे रोज बिता रहे हैं जो पहले के औसत से अधिक हो गया है. बार्क रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 संकट के पिछले दो हफ्तों को देखें तो संकट से पहले भारत में लोग एक हफ्ते में औसतन 23.6 घंटे मोबाइल पर बिताते थे, यानी रोज औसतन करीब 3.4 घंटे. लेकिन कोविड संकट के पहले हफ्ते में लोगों ने मोबाइल पर 25.1 घंटे बिताये. यानी हर रोज 3.6 घंटे. दूसरे हफ्ते में इसमें और बढ़ोत्तरी हुई. दूसरे हफ्ते में लोगों ने मोबाइल पर 26.4 घंटे बिताये यानी रोज औसतन 3.8 घंटे.
The total volume of social media buzz around #COVID19 picked up in March in India with Janta Curfew garnering the highest volume in a single day till 31st March. pic.twitter.com/r0Fdndu73l
— Nielsen India (@NielsenIndia) April 3, 2020
बर्क की रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के चलते लोग सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर लोग फेसबुक, व्हाट्सअप और इंट्राग्राम में व्यस्त रहते है.
Physical Social Distancing in times of #COVID19 causes a surge in social networking apps! pic.twitter.com/AS9mTplTsD
— Nielsen India (@NielsenIndia) March 31, 2020
वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप पर टाइम स्पेंट बढ़ा
लॉकडाउन का सबसे अधिक फायदा वीडियो स्ट्रीमिंग एप कंपनियों ने उठाया है. बार्क रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान लोग जमकर वेब सीरीज और फिल्में ऑनलाइन देख रहे हैं जिसकी वजह से वीडियो प्ले करने वाले ऐप्स पर टाइम स्पेंट बढ़ा है. कोविड-19 संकट के पहले और दूसरे हफ्ते के दौरान वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स पर टाइम स्पेंट 11 फीसदी बढ़ा है. यूजर्स ने इस दौरान एक हफ्ते में वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स पर 236 मिनट बिताया है.
दुनियाभर में बढ़े टीवी के दर्शक
लॉकडाउन में सिर्फ भारतीय चैनलों के ही नहीं दुनिया भर के ऑनलाइन और टीवी चैनलों दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. कोरोना संकट के दौरान अमेरिका में टीवी के दर्शकों में करीब 10 प्रतिशत, लैटिन अमेरिका में 9 प्रतिशत, यूके में 2.6 प्रतिशत, नॉर्वे में 26 प्रतिशत, स्पेन में 42 प्रतिशत, फिलिपींस में 19 प्रतिशत, वहीं चीन में न्यूज़ के दर्शक दोगुने हुए हैं.
डेटा पर आ सकता है नया नियम
ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बढ़ रहे दर्शकों से जहां ऑनलाइन कंटेंट प्रोड्यूसर कंपनियां खुश हैं, वहीं डेटा कंपनी और दूरसंचार विभाग सकते में है. कंपनियों ने डेटा खर्च को लेकर पिछले दिनों ही डीओटी (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन) के साथ बैठक की थी जिसके बाद माना जा रहा था कि जल्द ही कम्पनियाँ और सरकार डेटा को लेकर नए नियम और दरें लागू कर सकती हैं.
(आंकड़े और ग्राफिक्स BARC और NEILSON की रिपोर्ट से )
अनमोल गुप्ता
(अनमोल भारतीय जन संचार संस्थान में हिंदी पत्रकारिता की छात्रा हैं)