10 फ़ीसदी आर्थिक आरक्षण दरअसल सवर्ण आरक्षण साबित हुआ है।
इसके पास हो जाने पर मज़दूर यूनियनों को राज्य और केंद्रीय स्तर पर मान्यता लेनी पड़ेगी।
चौकीदार चोर है जैसे आक्रमण को पप्पू की छवि से उड़ा देने की चाल नाकाम होने की हताशा है।
इंडियन एक्सप्रेस और टेलीग्राफ का फर्क
वाम-दक्षिण मस्तिष्क का अतिसरलीकरण उतना ही झूठा वाक्य है , जितना यह कि मैं अपनी मेहनत-मात्र से डाॅक्टर बन गया।
चेक में मोटे-मोटे अंकों में 50,000,00.00 ही नहीं लिखा है, शब्दों में भी पचास लाख (50 Lakh) लिखा है
प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर जिस तरह ढिंढोरा पीटते हैं, उस पर सेना के आला अफसर सवाल खड़ा करने लगे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक (सितंबर 2016) में सेना की उत्तरी कमान…
संजय कुमार सिंह बुलंदशहर की घटना अखबारों में खूब छपने के बाद अब कम छप रही है। आज अंग्रेजी अखबारों में घटना से संबंधित कई खबरें हैं पर हिन्दी में मुख्य रूप से…
अनिल जैन राजस्थान के रेगिस्तान में राजनीति का ऊंट किस करवट बैठने वाला है, इसका पता तो 11 दिसंबर को ही चलेगा, लेकिन पिछले तीन दिनों के दौरान विभिन्न इलाकों में हुए प्रधानमंत्री…
हम, भारत के किसान, प्राथमिक कृषि-जिन्सों के उत्पादक; जिसमें महिला, दलित, घुमन्तू और आदिवासी किसान शामिल हैं; भूस्वामी, पट्टेदार, बंटाईदार, खेतिहर मजदूर तथा बागान श्रमिक; मछुआरे, दुग्ध-उत्पादक, मुर्गीपालक, पशुपालक, पशुचारक तथा लघु वनोपज…
पुण्य प्रसून वाजपेयी क्या पत्रकारिता की धार भोथरी हो चली है? क्या मीडिया-सत्ता गठजोड ने पत्रकारिता को कुंद कर दिया है? क्या मेनस्ट्रीम मीडिया की चमक खत्म हो चली है? क्या तकनालाजी की…
संजय कुमार सिंह आज इंडियन एक्सप्रेस की एक्सक्लूसिव खबर। यह खबर किसी और अखबार में होनी नहीं है। इसलिए आज दूसरे अखबारों की कोई चर्चा नहीं। इस खबर के बहाने एक्सक्लूसिव खबरें कैसे…
संजय कुमार सिंह देश में तमाम संवैधानिक संस्थाओं की साख जब लगातार खराब हो रही है तब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन बहुत मामूली चीज है। यह अकेली भी नहीं है। इसकी साख चुनाव आयोग…
आवेश तिवारी बाबरी मस्जिद का जब विध्वंस हुआ तो उत्तर प्रदेश के सभी समाचार पत्रों ने ख़ास तौर से मझोले अखबारों और उनके रिपोर्टर्स ने शानदार पत्रकारिता की थी ख़ास तौर से जनमोर्चा…
चंद्रभूषण पांच सौ साल पहले तक सूरज, चांद, सितारों को एक साथ दिखाने वाला जो भी मॉडल तैयार किया जाता था, उसके केंद्र में पृथ्वी ही हुआ करती थी। फिर कॉपरनिकस ने पृथ्वी…
डॉ.पंकज श्रीवास्तव राजा निरबंसिया….! आपने ठीक समझा। शीर्षक में इस देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी को ही निरबंसिया कहा गया है। निरबंसिया यानी जिसका वंश आगे न चले, जिसके बच्चे न हों।…
जब सत्ता लोकतंत्र हड़पने पर आमादा हो तब सुप्रीम कोर्ट को ही पहल करनी पडे़गी! पुण्य प्रसून वाजपेयी पत्रकार का सवाल! राष्ट्रपति ट्रंप का गुस्सा! पत्रकार को व्हाइट हाउस में घुसने पर प्रतिबंध!…
रवीश कुमार रफाल विमान सौदा सिर्फ सरकार के लिए ही टेस्ट नहीं है, बल्कि मीडिया के लिए भी परीक्षा है. आप दर्शक मीडिया की भूमिका को लेकर कई सवाल करते भी रहते हैं.…
संजय कुमार सिंह वैसे तो आज हिन्दी-अंग्रेजी के लगभग सभी अखबारों में सुप्रीम कोर्ट में कल रफाल मामले में हुई सुनवाई की खबर लीड है पर चूंकि फैसला नहीं आया है और मैं…
संजय कुमार सिंह सोशल मीडिया पर कल जब डसॉ के सीईओ के दावे पढ़ा तो पता चल गया था कि आज के हिन्दी अखबारों में लीड क्या होगी। कुछेक अखबारों के शीर्षक भी…
संजय कुमार सिंह सरकार पर ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ का इल्जाम, अखबारों में प्रमुखता नहींछत्तीसगढ़ में आज विधानसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री रमन सिंह के राजनादगांव विधानसभा क्षेत्र समेत 18 सीटों…
साकेत आनंद पत्रकारिता की पढ़ाई में एक थ्योरी पढ़ाई जाती है- एजेंडा सेटिंग थ्योरी। इस सिद्धांत की अवधारणा यह है कि मीडिया के द्वारा मुद्दों का निर्माण किया जाता है। मीडिया कुछ ख़ास…
दोस्तो, बीते क़रीब तीन साल से मीडिया विजिल.कॉम के ज़रिए हम ख़बरों की दुनिया में चल रहे गोरखधंधों को लेकर आपको सचेत कर रहे हैं। यही नहीं, तमाम उन ख़बरों और ज़रूरी जानकारियों…
नितिन ठाकुर तानाशाही प्रवृत्ति का नेता जब जीतता है तो बदतर होता है, लेकिन जब वो हारता है तो बदतरीन साबित होता है। अमेरिका में ट्रंप ने इस बात को एकदम सही साबित…
नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर इसके विभिन्न पहलुओं पर देश और दुनिया में चर्चा हो रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं दक्षिण दिल्ली लोकसभा प्रभारी राघव चड्ढा…