वायु प्रदूषण पर SC की सख्त टिप्पणी: हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं?

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दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले पर अंतिम फैसला देने से इनकार करते हुए कहा कि यह गंभीर मुद्दा है, इसपर विस्तृत आदेश दिया जायेगा।

जो भी प्रतिबंध था वह 21 नवंबर तक..

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब मौसम खराब होता है तो उपाय किए जाते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए भी उपाय किए जाने चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी का हाल ऐसा है, सोचिए हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमन ने कहा कि हमारे पास कई आवेदन आए हैं। एक मजदूर संगठन की मांग है कि निर्माण कार्य शुरू किया जाए। वहीं, दो किसानों ने पराली पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। चीफ जस्टिस की इन बातों का जवाब देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो भी प्रतिबंध था वह 21 नवंबर तक था, अब स्थिति बेहतर हो गई है।

आपने क्या किया? हम हवा की वजह से बचे: SC

कोर्ट ने केंद्र से सवाल करते हुए कहा कि हम सभी हवा के बहाव की वजह से बच गए, लेकिन आपने क्या किया? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वायु प्रदूषण में कमी आई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए विशेष बसें चलाई गई हैं। ये बसें 22 नवंबर से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि 15 साल से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।

16 नवंबर को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 था, जो अब 290 पर पहुंच गया है। हम तीन दिन बाद फिर से मॉनीटर करेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण से लड़ने के लिए वैज्ञानिक तैयारी होनी चाहिए। कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा आने वाले दिनों में हवा कैसे चलेगी। इसको लेकर तैयारी की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर अंतिम फैसला नहीं देंगे। यह एक गंभीर मसला है। हम इसे सुनना जारी रखेंगे और विस्तृत आदेश पारित करेंगे। अदालत मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को करेगी।