धर्म ने मनुष्य के मन में बार बार एक काल्पनिक 'डर' के संचार करने का प्रयास किया, और जिसे ज्यादा भयावह बनाने के लिए 'सामूहिक मृत्यु' यानी एक ही समय में-एक ही कारण…
"किसी महामारी में, चित्रों के माध्यम से सबसे व्यवस्थित ढंग से इस्तेमाल शायद हमें यूरोप के ब्यूबोनिक प्लेग महामारी के दौरान दिखता है। इस महामारी के दौरान संत सबेस्टीन (300 ईस्वीं) को इस…
"इन सभी चित्रों में जीवन के तमाम सुन्दर और सकारात्मक पक्षों के विरुद्ध एक भय को संचार करने की, धर्म की कोशिश दिखती है। महामारी के बाद जीवन के प्रति मोह की कमी…
यूरोप में 1348 से आरम्भ होकर 1381 तक चले प्लेग की महामारी ने यूरोप की आधी आबादी को लील लिया था। इस महामारी का सबसे सटीक वर्णन इटली निवासी इतिहासकार एगनोलो डी टुरा…
10 मई विशेष – ऊपर की मुख्य तस्वीर में बाएँ एक पोट्रेट है। यह रेखाचित्र अज़ीमुल्ला ख़ान का है। माना जाता है कि यह शरलॉक होम्स जैसे जासूसी किरदार के रचयिता सर…
10 मई 1857 से शुरू हुए प्रथम स्वाधीनता संग्राम की याद में विशेष 10 मई 1857 को मेरठ से भड़का विद्रोह, अंग्रेज़ों की नज़र में सिर्फ़ सिपाही विद्रोह था, लेकिन वास्तव में…
टैगोर का लेख है 'भारत में राष्ट्रवाद.' इसके आरम्भ ही वह कहते हैं "भारत में हमारी असली समस्या राजनीतिक नहीं, सामाजिक है." वह लिखते हैं - ' इतिहास के आरंभिक काल से ही…
"गरीब आदमी को स्वतंत्र प्रेस की जरूरत अपने अमीर पड़ोसी से ज्यादा होती है। अगर आप शिक्षित, जागरूक हैं और आपके पास पैसे हैं तो आपके पास अपनी दिलचस्पी का ख्याल रखने के…
जो लोग मार्क्सवाद और कम्युनिज्म को आए दिन अतार्किकों की तरह गालियां देते हैं और उनके प्रति घृणा का प्रचार करते हैं वे जान बूझकर कम्युनिस्टों की कुर्बानियों को छिपाते हैं। आज के…
नोट- यह लेख 27 दिसंबर 2016 को मीडिया विजिल में प्रकाशित हुआ था। उस दिन हिंदी को पहले थिसारस देने वाले अरविंद कुमार ने इस महत्वपूर्ण कोश की रचना के संबंध में कुछ…
संसदीय बहसों में नेहरू के भारत की परिकल्पना को बचाने में जिन गैर कांग्रेसी नेताओं ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया उनमें चंद्रशेखर अग्रणी थे. और वो ही अंत तक इस प्रतिबद्धता पर टिके भी…
ऐसी है संस्कृत की समृद्ध परंपरा. किसी एक धर्म या दर्शन का इस पर अधिकार नहीं रहा. ब्राह्मण दर्शन है, तो बौद्ध दर्शन भी है. नास्तिक दर्शन भी है. वेदों की प्रशस्ति है…
भीमराव आंबेडकर हिन्दुओं में पहले दलित या निम्न जाति नेता थे जिन्होंने पश्चिम जाकर पीएचडी जैसे सर्वोच्च स्तर तक की औपचारिक शिक्षा हासिल की थी। अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि के बाबजूद वह अपनी…
आंबेडकर जयन्ती के कार्यक्रम, सड़कों पर दो कि.मी.लम्बा जुलूस (दि बाम्बे क्रानिकल, 15 अप्रैल 1941) बम्बई, सोमवार। दलित वर्ग युवाओं की 70 से ज्यादा संस्थाओं ने मिलकर कल डा. बी. आर.…
जब यह बीमारी पुणे शहर में फैली तब सावित्रीबाई फुले और यशवंत ने जोतिबा फुले के कहे वचन को याद किया और रोगियों की सेवा में जुट गए. रोगियों को लाना और उनकी…
उदय खत्री कहते हैं कि केशव चक्रवर्ती उन दस क्रांतिकारियों में शामिल थे जिन्होंने काकोरी ट्रेन डकैती को अंजाम दिया था। वे पकड़े नहीं गये थे। 1968 में जब आरएसएस के मुखपत्र पाँचजन्य…
आज प्रेमचन्द होते, तो उनसे जरूर पूछा जाता कि जब उनके अनुसार संयुक्त निर्वाचन में दलितों की मुक्ति थी, तो संयुक्त निर्वाचन लागू होने के बाद, उनकी मुक्ति क्यों नहीं हुई? दलितों के…
प्रेमचन्द ने यह नहीं बताया कि किस बादशाह के जमाने में क्षत्रिय को छोड़कर कोई भी स्वेच्छा से सेना में भर्ती हो सकता था? यह सुविधा तो अँग्रेजों के समय में ही मिली,…
चार हजार साल या उससे भी अधिक समय पहले कुछ हिन्दुओं के कान में दूसरे हिन्दुओं के द्वारा सीसा गलाकर डाल दिया जाता था और उनकी जबान खींच ली जाती थी । क्योंकि…
आजकल आरएसएस और उससे जुड़े संगठन भगत सिंह और तमाम दूसरे क्रांतिकारियों का नाम बड़े ज़ोर-शोर से लेता है। लेकिन हक़ीक़त ये है कि आज़ादी की यह क्रांतिकारी धारा जिस भारत का सपना…
जापान ही नहीं पूरे संसार में सेलेब्रिटी बन चुकी जुन्को को जब-जब इस उपलब्धि का भान कराया जाता वह बड़ी विनम्रता से कहती कि वह चाहती है उसे ऐसा करने वाले छत्तीसवें व्यक्ति…