डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 35 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
इलाहाबाद को प्रयागराज करने की मुहिम के पीछे झूठ और पाखंड का एक कुचक्र है जिसने उन्हें बेहद आहत किया है जो ख़ुद को किन्हीं भी अर्थों में ‘इलाहाबादी’ समझते हैं। ये इलाहाबादी…
बोधिसत्व मनु की बेटी इला का नगर है इलावास उर्फ इलाहाबाद! संसार में बेटी के नाम पर बसा लगभग अकेला नगर है इलावास। जिसका नाम अकबर ने कम, आधुनिक अकबर के साथियों…
यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाएँ इन दिनों जिस तरह से ‘मी टू’ कैंपेन के तहत चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन कर रही हैं, उसमें गुजरात का ‘स्नूपगेट’ किसी को भी याद आ सकता है।…
सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर विशेष 29 अप्रैल 1939 को काँग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के बाद नेता जी सुभाषचंद्र बोस ने 3 मई 1939 को काँग्रेस के अंदर ही…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 34 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक…
हिंदी के वरिष्ठ लेखक और आलोचक डॉ.कर्ण सिंह चौहान आजकल फ़ेसबुक पर 45 साल पहले आयोजित हुए लेखकों के मशहूर ‘बाँदा सम्मेलन’ का संस्मरण लिख रहे हैं। यह सम्मेलन हर रंग के प्रगतिशीलों…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 33 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को…
विनीत कुमार महात्मा गांधी के बारे में यह बात ऐतिहासिक तौर पर प्रचलित है कि उन्होंने रेडियो को कभी पसंद नहीं किया. अपने पूरे जीवन काल में वो केवल एक बार रेडियो पर…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 32 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन हॉल में 22-23 सितंबर को आयोजित कमेटी अगेन्स्ट असॉल्ट ऑन जर्नलिज़्म (CAAJ) सम्मेलन पत्रकारों के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ देश भर में जनमत तैयार करने और इस लिहाज़ से एक…
मुहर्रम पर विशेष…. अशोक कुमार पाण्डेय जून 632 में मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद का दशक अरब के क़स्बों के उन निवासियों और ख़ानाबदोश लोगों (बेडोविन) के सीरिया, इराक़, इरान, मिस्र,…
अंजली अँधेरा घिर आया था। करीब 8 बजे होंगें जब मैं अपनी स्कूटी से त्रिवेणी हॉस्टल की तरफ जा रही थी। देखा कि हमेशा अँधेरे से घिरा वो क्षेत्र रोड लाइट…
पंकज चतुर्वेदी सबसे पहले यह जानकर दिलोदिमाग़ को आघात-सा लगा कि हिंदी के जाज्वल्यमान नक्षत्र विष्णु खरे दिवंगत हो गये। उन सरीखे अथक अध्यवसायी, मेधावी, अतिशय संवेदनशील, मूल्यनिष्ठ, प्रखर कवि-आलोचक और विचारक…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 31 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक…
8 सितंबर, पुण्यतिथि पर विशेष… भारतीय राजनीति में गाँधी परिवार के असर से बच्चा-बच्चा वाक़िफ़ है, लेकिन इस परिवार के पितृपुरुष यानी फ़ीरोज़ गाँधी के बारे में बड़े-बडे भी कम ही जानते हैं।…
दलित शब्द पर प्रतिबन्ध के निहितार्थ कँवल भारती ‘इंडियन एक्सप्रेस’ (6 सितम्बर 2018) में सूरज येंगड़े का लेख ‘हमें दलित शब्द की जरूरत क्यों?’ (Why we need Dalit) और के. सत्यनारायण का लेख ‘तुम हमें बताओगे कि मैं कौन हूँ…
पंकज श्रीवास्तव सभ्य समाज की पहचान है कि किसी के साथ अन्याय न हो। अगर अन्याय हुआ हो तो उसको दुरुस्त किया जाए। जिनके साथ अन्याय हुआ है, उनसे सिर झुकाकर…
जगदीश्वर चतुर्वेदी आम आदमी की जिंदगी जीना सबसे मुश्किल काम है। अभिजन परिवार में पैदा होने और सुखों से भरी जिंदगी छोड़ने की किसी की इच्छा नहीं होती। खासकर इन दिनों सभी…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 30 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
एदुआर्दो गालेआनो के जन्मदिवस पर खास पेशकश कुमार मंगलम साल 2015 की 13 अप्रैल को एदुआर्दो गालेआनो हमारे बीच नहीं रहे। अगर वे ज़िंदा होते, तो इस 3 सितम्बर को जीवन के 78…
पंकज श्रीवास्तव ‘अर्णव-प्रिय’ भक्त फ़िल्मकार विवेक अग्निहोत्री उस क्षण को ज़रूर कोस रहे होंगे जब उनके मन में ‘अर्बन नक्सल’ की लिस्ट बनाने का विचार आया होगा। इसी नाम की अपनी किताब…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 29 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
इस तस्वीर में समाजवादी पुरोधा डॉ.राममनोहर लोहिया और आरएसएस के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर एक दूसरे का हाथ थामे हुए हैं। ख़ुद को ‘कुजात गाँधीवादी’ कहने वाले डॉ.लोहिया काँग्रेस को हराने के लिए ‘शैतान’…
दिवंगत पत्रकार कुलदीप नैयर ने 1942 के भारत छोड़ आंदोलन में बढ़-चढ़कक भाग लिया था। भगत सिंह के विचारों का उन पर काफ़ी प्रभाव था। उन्होंने भगत सिंह के जीवन पर एक…