संजय कुमार सिंह वैसे तो आज के अखबारों में कई खबरें चर्चा के लायक हैं पर आम आदमी को सीधे प्रभावित करने वाले एक सरकारी आदेश से केंद्र की भाजपा सरकार के इरादे,…
संजय कुमार सिंह मशहूर अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने समकालीन भारत की स्थिति बताते हुए अपनी चिन्ता जाहिर की है। छोटे से उनके वीडियो को शांति की पहल, “कारवां ए मोहब्ब्त” ने अपलोड किया…
कौंसिल की बैठक शनिवार को होने वाली है और प्रधानमंत्री ने टेलीविजन कार्यक्रम में जीएसटी से संबंधित घोषणाएं कर डालीं जो असंवैधानिक है
शिवराज सिंह ने 2012 में ही कह दिया था कि प्रदेश में आने वाले उद्योगों में कम से कम 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देना होगा
ये वाकई पहली बार है कि राजनीति ने इकनॉमी को हड़प लियाया फिर राजनीतिक अर्थशास्त्र ही भारत का सच हो चला है
कांग्रेस में आम सहमति बन चुकी है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव हारे नहीं बल्कि जीते भी जा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि मोदी-शाह न होते तो हार का अंतर कहीं बडा होता। मोदी का 'चमत्कारी व्यक्तित्व' और शाह की 'चाणक्यनीति' ने ही मध्यप्रदेश और राजस्थान में पूरी तरह ढहने वाले…
वरिष्ठ पत्रकार उज्ज्वल भट्टाचार्य का साप्ताहिक स्तंभ
यह समझौता चीन के हार्वे प्रोवेंस के नबडागंग में नबडागंग औद्योगिक पार्क की प्रशासनिक समिति और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड तथा और नेपाल की एक संस्था के बीच किया गया है
बीजेपी का मतलब अगर मोदी-शाह हो गया तो फिर संघ परिवार के राजनीतिक शुद्दिकरण के दावे से निकले स्वयंसेवकों का राजनीतिक होना और संघ के राजनीतिक संगठन के तौर पर बीजेपी का निर्माण…
संगठन को उस धागे में पिरोना है जहा काँग्रेस का मंच सबके लिये खुल जाये।
'शक्ति' ऐप से बूथ स्तर के 4 मिलियन (40 लाख कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं)
शीर्षक से तो लग रहा है जैसे ‘कमल’ की सरकार बन गई।
तब यह मिथक मजबूत होता कि कांग्रेस, बीजेपी को सीधी लड़ाई में नहीं हरा सकती।
छत्तीसगढ के 27 और मध्यप्रदेश के 36 लोगों पर दिल्ली से सीबीआई और इनकम टैक्सके छापे पड़े।
आज के प्रजातंत्र का पहला पन्ना देखिए। चुनाव परिणाम है लेकिन कोई शीर्षक नहीं
राहुल गलतियों से 'सीख' कर प्रधानमन्त्री बनेंगे न कि पिता की तरह प्रधानमन्त्री बन कर गलतियाँ करने को स्वतंत्र होंगे
फेक न्यूज के लिए डिसइनफॉर्मेशन शब्द का इस्तेमाल करने लगे हैं,
चुनाव परिणाम भाजपा के खिलाफ निकलने पर उसके गठबंधन की ताकत और भी बिखर सकती है।
जागरण में उपेन्द्र कुशवाह के इस्तीफे की तीसरी खबर पहले पन्ने पर नहीं है।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार का पाक्षिक स्तंभ
जेरूसलम पर प्रकाश के रे के स्तंभ का तैंतीसवां अध्याय
आप 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर रहे हैं तो 2000 रुपए के नए नोट क्यों शुरू करेंगे?
बीजेपी कहीं ज्यादा कारपोरेट प्रेमी हो गई और काग्रेस भारत के जमीनी ढांचे को समझते हुये बदल गई ।
उज्जवल भट्टाचार्य के नियमित साप्ताहिक स्तंभ का बारहवां अध्याय