नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने पिछले दिनों भारत में टू मच डेमोक्रेसी (बहुत ज़्यादा लोकतंत्र) पर चिंता जतायी थी। इस बहुत ज्यादा लोकतंत्र में सीएए जैसा कानून बना, क्रोनोलॉजी समझाई गई,…
क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति का दौर भारतीय राजनीति में 1990 का दशक सामाजिक न्याय और सामाजिक परिवर्तन का दशक माना जायेगा, क्योंकि इसी दशक में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं और…
भले ही अब बीजेपी ‘पार्टी विद डिफरेंस’ नहीं रह गई हो लेकिन उसके पास कई ऐसे हुनर अब भी हैं, जो उसकी विरोधी पार्टियों को नहीं आते। यहां हम उसके बिना चुनाव जीते…
सम्पूर्ण क्रान्ति का युग सत्तर के दशक को महत्वपूर्ण राजनैतिक आन्दोलनों के लिये जाना जाता है। इस युग में दलित राजनीति का कोई उल्लेखनीय विकास नहीं हुआ। पर आम चुनावों में जगजीवन…
बिहार चुनाव 2020 में जो नहीं हो सका वो बंगाल विधान सभा के आने वाले चुनाव में हो जाये तो भारत में चुनावों पर और खास कर लोक सभा चुनाव 2014 के बाद…
स्वातंत्रोत्तर दलित राजनीति स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद दलित राजनीति में कोई क्रान्तिकारी विकास नहीं हुआ। स्वतन्त्र भारत में काँग्रेस सत्तारूढ़ हुई और उसी ने दलितों का नेतृत्व किया। दलितों के लिये…
जिस तरह डा. आंबेडकर कम्यूनल अवार्ड में दलित वर्गों को एक पृथक अल्पसंख्यक वर्ग के रूप में मान्यता दिलाने में कामयाब हो गये थे, वह गाँधी के लिये इसीलिये ज्यादा चिंताजनक था कि…
कृषि मंत्री के इस बयान से कि "यदि क़ानून वापस ले लिए गए, तो सरकार से कारपोरेट का भरोसा उठ जाएगा।", स्पष्ट है कि भारत के लोकतंत्र को कुछ कार्पोरेट्स के हितों के…
अरुण शौरी के नेतृत्व में राजीव गांधी के खिलाफ अभियान चलाने और बोफर्स का हौव्वा खड़ा करने वाले इंडियन एक्सप्रेस समूह ने तब अपनी छवि सत्ता विरोधी होने की बनाई थी। तब की…
देश के कथित मुख्यधारा मीडिया में अचानक बंगाल छाने लगा है। रोज़ कोई न कोई केंद्रीय मंत्री या बीजेपी का बड़ा नेता बंगाल फतेह करने के अंदाज़ में पश्चिम बंगाल पहुँचता है और…
भारतीय जनता पार्टी की माननीय सांसद प्रज्ञा ठाकुर का ताज़ा उवाच है,”शूद्र को शूद्र कहे दो , बुरा लग जाता है। कारण क्या है ? क्योंकि न समझी , समझ नहीं पाते।” इससे…
1942 से 1946 तक भारत में वायसराय की कार्यकारणी के श्रम सदस्य रहते डा0 अम्बेडकर ने औद्योगिक विवाद अधिनियम का निर्माण किया जो 1947 से लागू है। इस महत्वपूर्ण कानून की आत्मा को…
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनडीटीवी की एक खबर को ‘फेकन्यूज’ कह दिया और पत्रकारिता पर ज्ञान देने वाले जानकारों ने एनडीटीवी को खूब भला-बुरा कहा। अगर मेरी याद्दाश्त सही है तो ऐसा पहले भी…
आठ दिसंबर को ‘ भारत बंद’ है। देश में किसान आंदोलन भी हफ़्तों से जारी है। शासक नगरी दिल्ली की घेराबंदी हो चुकी है। किसानों की मांगों से हम सभी परिचित हो चुके हैं। …
अंबेडकर ने सामूहिक खेती या को ऑपरेटिव खेती की बात की। आगे चलकर ' राज्य और अल्पसंख्यक ' नामक दस्तावेज में, जिसे उन्होनें संविधान सभा के समक्ष अनुसूचित जाति परिसंघ की ओर से…
मोदी सरकार के कृषि कानूनों की वापसी पर सहमति न बन पाने से दिल्ली की किसान घेरेबंदी कसती जा रही है। इस आन्दोलन में देश भर के किसानों का प्रतिनिधित्व बेशक है लेकिन…
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और अभी राज्य विधान परिषद के सदस्य सुशील कुमार मोदी (सुमो) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में काबिना मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन से रिक्त राज्यसभा…
मारादोना कहता था - "अमेरिका की यह बात मुझे ज़रा भी पसंद नहीं है कि वह दुनिया पर अपनी दादागीरी चलाने के लिए बहुत मेहनत करता है और उसे दुनिया के हर नागरिक…
माना जाता है कि टीएमसी को इस चुनाव में भाजपा कड़ी टक्कर दे सकती है क्योंकि राज्य के मतदाताओं के बीच हाल में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें तेज़ हुई हैं।
जनता दल युनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 16 नवम्बर को करीब साढ़े चार बजे सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन कर भारत में सर्वाधिक बार इस पद पर विराजने का…
हिंदू वर्चस्व और मुस्लिम पहचान की सियासत नहीं चलेगी भारत में हिंदू वर्चस्व और मुस्लिम पहचान की सियासत नई नही है. भारत के 1857 के सशस्त्र स्वतंत्रता संग्राम और 1947 में समाप्त…
"मेरा नजरिया इसलिए नहीं बदला है कि दूसरों की निजी आजादी के संबंध में भारत की सर्वोच्च अदालत की चुप्पी बिना आलोचना के नहीं रह सकती है। मैं अपने ट्वीट वापस लेने का…
भारत में कोरोना-कोविड 19 नाम की नई महामारी के पहले से उत्पन्न आर्थिक, सामाजिक , राजनीतिक संकट बिहार की 17 वी विधान सभा चुनाव के बाद और गहरा गये. नई सरकार जिनकी भी…
बेशक प्रधानमन्त्री मोदी ने बिहार चुनाव प्रचार की गर्मी में लालू यादव-राबड़ी देवी के 15 वर्ष के शासन की याद दिलाते हुए महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार उनके बेटे तेजस्वी यादव को…
तो अन्तः विश्व के शक्तिशाली और चरम पूंजीवादी देश अमेरिका ने अपना फैसला सुना दिया है. वहां के करोड़ों मतदाताओं ने डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन को देश का 46वां राष्ट्रपति चुन लिया और…