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रूस की महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति की 100वीं वर्षगांठ विभिन्न क्रांतिकारी संगठनों-ट्रेड यूनियनों द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और दिल्ली-हरियाणा में जोशो खरोश से मनायी गयी। अक्टूबर क्रांति शताब्दी वर्ष मनाने के लिए वर्ष भर पूर्व इंकलाबी मजदूर केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र एवं विभिन्न ट्रेड यूनियनों, स्थानीय संगठनों द्वारा अक्टूबर क्रांति शताब्दी वर्ष समारोह समिति का गठन किया गया था। इस समिति के बैनर तले वर्ष भर विभिन्न स्थानों पर सेमिनार-गोष्ठी, जुलूस-प्रदर्शनों, अध्ययन शिविरों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में सौवीं वर्षगांठ पर विभिन्न शहरों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रस्तुत है अलग-अलग जिलों से एक राउंडअप रिपोर्ट।
रुद्रपुर (उत्तराखण्ड)
7 नवम्बर को श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर के बैनर तले विभिन्न यूनियनों, मजदूर संगठनों द्वारा राम सुमेर शुक्ला, पार्क निकट रोडवेज बस अड्डा रुद्रपुर में सभा की गयी। सभा के पश्चात शहर में जुलूस निकाला गया। सभा में वक्ताओं ने अक्टूबर क्रांति और विश्वव्यापी प्रभाव के बारे में बात रखी। वक्ताओं ने कहा कि अक्टूबर क्रांति के प्रभाव में भारत में भी भगतसिंह सरीखे समाजवाद के सिपाही पैदा हुए। समाजवाद में ही मजदूरों-मेहनतकशों की समस्याओं का हल होगा। उनके शोषण का खात्मा होगा।
सभा व जुलूस में श्रमिक संयुक्त मोर्चा, इंटरार्क मजदूर संगठन(पंतनगर), इंटरार्क मजदूर संगठन(किच्छा), आटोलाइन इम्पलाइज यूनियन, महिन्द्रा सीआईई श्रमिक संगठन, मंत्री मेटेलिक्स यूनियन, यजाकि वर्कर यूनियन, राने मद्रास इम्पलाइज यूनियन, ब्रिटानिया श्रमिक संघ, पारले श्रमिक संघ, टी.वी.एस. लुकास, एरा श्रमिक संगठन, इंकलाबी मजदूर केन्द्र, मजदूर सहयोग केन्द्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, एक्टू, सीपीआई आदि संगठनों के लोगों ने भागीदारी की।
7 नवम्बर को प्रातः ही इंकलाबी मजदूर केन्द्र द्वारा सिडकुल के आवास विकास की ओर के प्रवेश द्वार पर अक्टूबर क्रांति पर पोस्टर प्रदर्शनी लगायी गयी।
5 नवम्बर 2017 को इमके द्वारा सिडकुल ढाल ट्रांजिट कैम्प रुद्रपुर में पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गयी और सभा की गयी। सभा के दौरान रायबरेली के एनटीपीसी प्लांट में मारे गये मजदूरों की याद में शोक व्यक्त करते हुए 2 मिनट का मौन रखा गया और इसे मजदूरों का कत्ल करने का कुकृत्य घोषित किया गया।
8 अक्टूबर को इंकलाबी मजदूर केन्द्र, ब्रिटानिया श्रमिक संगठन, इण्टार्क मजदूर संगठन पन्तनगर, इण्टार्क मजदूर संगठन किच्छा, टाटा यंजाकी वर्कर्स यूनियन, प्रिकोल मजदूर संगठन, आटोलाइन एम्प्लाइज यूनियन, ठेका मजदूर कल्याण समिति (पंतनगर) द्वारा संयुक्त रूप से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने 1. रूस एवं चीन में समाजवादी क्रांति से पूर्व समाजवादी क्रांति के दौरान व समाजवादी निर्माण के पश्चात ट्रेड यूनियनों की भूमिका, 2. भारत के स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान व उसके पश्चात ट्रेड यूनियनों की भूमिका, 3. लाल (रेड) ट्रेड यूनियनें व पीली (येलो) ट्रेड यूनियनों के बीच अन्तर, 4. वर्तमान सन्दर्भ में हमारे कार्यभार विषय पर वक्तव्य रखे। वक्ताओं ने कहा कि आज भारत समेत दुनिया भर का केन्द्रीय ट्रेड यूनियन नेतृत्व व केन्द्रीय ट्रेड यूनियन केन्द्र पतित हो चुके हैं। वे भ्रष्टाचार पूंजीपरस्ती व गद्दारी के गहरे दलदल में धंसी हैं। इन्हें धकियाकर मजदूर आंदोलन से बाहर करके ही ट्रेड यूनियन आन्दोलन आगे बढ़ सकता है वास्तविक एकता की राह खुल सकती है। मजदूर आंदोलन से वैचारिक विभ्रम दूर कर, हर प्रकार के अवसरवाद से संघर्ष करना आज की सबसे प्रमुख जरूरत है। भारत में बोल्शेविक पार्टी की तरह ही क्रांतिकारी सिद्धान्तों पर आधारित कम्युनिस्ट पार्टी की आवश्यकता है। अक्टूबर क्रांति की तर्ज पर ही भारत में भी समाजवादी क्रांति के जरिये ही मजदूर मेहनतकशों की हर समस्या, दुःख-पीड़ा के मुकम्मिल हल की तरफ आगे बढ़ा जा सकता है।
पंतनगर (उत्तराखण्ड)
7 नवम्बर को इंकलाबी मजदूर केन्द्र एवं ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा पंतनगर वि.वि. परिसर की विभिन्न कालोनियों से होते हुए प्रभातफेरी निकाली गयी। प्रभात फेरी में क्रांतिकारी गीतों-नारों के साथ लोगों ने भागीदारी की। प्रभातफेरी शहीद स्मारक पंतनगर पर पहुंच नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गयी।
इससे पूर्व 5 नवम्बर को इमके व ठेका मजदूर कल्याण समिति, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा एक विचार गोष्ठी ‘क्रांति में ट्रेड यूनियनों की भूमिका’ विषय पर आयोजित की गयी। गोष्ठी में वक्ताओं ने रूसी क्रांति व भारत की आजादी की लड़ाई में ट्रेड यूनियनों की भूमिका पर बात की और वर्तमान में मजदूर आंदोलन को क्रांतिकारी राह पर लाने की जरूरत पर जोर दिया। यहां भी ऊंचाहार के एनटीपीसी प्लांट में मारे गये मजदूरों को दो मिनट का मौन रख श्रृद्धांजलि दी गयी।
हरिद्वार (उत्तराखण्ड)
7 नवम्बर को इमके, मजदूर ट्रेड यूनियनों, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा साइकिल रैली निकाली गयी और इसके माध्यम से महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति के संदेश को प्रचारित करने का प्रयास किया। साइकिल रैली सुभाषनगर से शुरू करके भेल पुनर्वास, शास्त्रीनगर, बीएचईएल सेक्टर 9, ब्रहमपुरी, रावली महदूद, सलेमपुर, रोशनपुर से होते हुए सिडकुल सेक्टर 4 में भेल मजदूर ट्रेड यूनियन कार्यालय पर समाप्त हुई।
इससे पूर्व 5 नवम्बर को स्थानीय रविदास मंदिर रावली महदूद में ‘महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति और वर्तमान चुनौतियां’ विषय पर एक विचार गोष्ठी उपरोक्त संगठनों ने आयोजित की।
रामनगर (उत्तराखण्ड)
7 नवम्बर को परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इमके, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा शहीद पार्क लखनपुर चुंगी पर एक सभा व नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। सभा में समाजवादी व्यवस्था की पूंजीवाद के ऊपर श्रेष्ठता को स्थापित किया गया। इस अवसर पर किये गये नुक्कड़ नाटक में रूस में हुई अक्टूबर क्रांति की महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाते हुए भारत में भी इसी तरह की क्रांति की आवश्यकता पर बल दिया।
हल्द्वानी (उत्तराखण्ड)
7 नवम्बर को परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इंकलाबी मजदूर केन्द्र, क्रांतिकारी लोकअधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में क्रांतिकारी गीतों के साथ वक्ताओं ने सोवियत समाजवाद में शिक्षा, नारी मुक्ति के लिए किये गये उपायों पर चर्चा की।
काशीपुर (उत्तराखण्ड)
7 नवम्बर को इंकलाबी मजदूर केन्द्र, रिचा श्रमिक संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा स्थानीय पंत पार्क में सभा की गयी व इसके उपरान्त शहर में जुलूस निकाला गया।
नैनीताल (उत्तराखण्ड)
परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) की नैनीताल इकाई द्वारा 25 अक्टूबर 2017 को ‘‘महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति के सौ वर्ष’’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन ‘शैले हाॅल’ (नैनीताल क्लब) राज्य अतिथि गृह में किया गया। गोष्ठी का संचालन विपिन ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत एक क्रांतिकारी गीत ‘‘तू जिन्दा है तो जिन्दगी की जीत में यकीन कर’’ द्वारा की गयी।
गोष्ठी में बात रखते हुये वक्ताओं ने कहा कि 2007 से छाया विश्व आर्थिक संकट आज भी जारी है। मेहनतकशों का जीवन बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है, अक्टूबर समाजवादी क्रांति का पुरी दुनिया पर व्यापक प्र्रभाव पड़ा। हिन्दुस्तान में भी भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी समाजवादी विचारों से गहरे प्रभावित थे।
प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की प्रतिनिधि ने कहा कि समाजवादी क्रांति में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही, यहां तक कि फरवरी 1917 की पूंजीवादी जनवादी क्रांति की शुरूआत ही महिलाओं के प्रदर्शनों-हड़तालों से हुई।
पछास के प्रतिनिधि ने बात रखते हुये कहा कि हिन्दुस्तान में नौजवान पीढ़ी शिक्षा के निजीकरण के कारण शिक्षा से बाहर की जा रही है। छात्रों में अवसादग्रस्तता, कुण्ठा और आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं, अक्टूबर समाजवादी क्रांति में छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। समाज का समाजवादी (क्रांतिकारी) परिवर्तन ही छात्रों को इस अंधेरे से बाहर निकाल सकता है।
बरेली (उ.प्र.)
यहां 25 अक्टूबर को एक विचार गोष्ठी ‘अक्टूबर क्रांति के सबक’ विषय पर इंकलाबी मजदूर केन्द्र व क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा आयोजित की गयी। गोष्ठी में आज छाये विश्व व्यापी आर्थिक संकट की चर्चा करते हुए भारत में समाजवादी क्रांति की आवश्यकता पर बल दिया गया।
मऊ (उ.प्र.)
7 नवम्बर को क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, इंकलाबी मजदूर केन्द्र, साम्राज्यवाद विरोधी जनवादी मंच द्वारा शहर में एक जुलूस निकाला गया। जुलूस आजमगढ़ मोड़ से चलकर रोडवेज, बाल निकेतन, कोतवाली, सदर चौक होते हुए रौ जा पर आकर जनसभा में तब्दील हो गया। जनसभा में बोल्शेविकों के नेतृत्व में हुई इस क्रांति में बोल्शेविक पार्टी की भूमिका पर बात की गयी।
बदायूं (उत्तर प्रदेश)
सांस्कृतिक मंच के साथियों द्वारा प्रस्तुत क्रांतिकारी गीत (क्रान्ति के लिए उठे कदम) के साथ आज 25/10/17 को इंक़लाबी मज़दूर केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के द्वारा महान अक्टूबर समाजवादी क्रान्ति की 100वीं वर्षगाँठ पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन अम्बेडकर पार्क, नेकपुर, बदायूं में किया । गोष्ठी का विषय ‘अक्टूबर क्रान्ति के सबक, था। गोष्ठी में वक्ताओं ने अक्टूबर क्रान्ति के इतिहास पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि पूँजीवाद अपने इतिहास के सबसे निर्मम दौर में चल रहा है। आज देश और दुनिया के मेहनतकशों के रक्त की आखरी बूँद को भी पूंजीपति वर्ग सिक्कों में ढालकर अपनी तिजोरियां भर रहा है। मेहनतकश जनता गरीबी भुखमरी बेरोजगारी व महंगाई की मार झेल रही है। लोग अवसाद से ग्रसित हो आत्महत्याएं कर रहे हैं। दूसरी ओर शासक पूंजीपति वर्ग रंगरेलियां मना रहे हैं। जनता को जाति धर्म छेत्र के आधार पर बांटकर फासीवादी ताकतें सत्ता हथिया रही हैं। ऐसे में अक्तूबर क्रान्ति दुनिया भर की क्रांतिकारी जनता को अपने अपने देशों में पूँजीवाद को ध्वस्त कर समाजवादी क्रान्ति करके एक शोषण उत्पीड़न विहीन समाज बनाने की प्रेरणा देती है।
फरीदाबाद (हरियाणा)
7 नवम्बर को इंकलाबी मजदूर केन्द्र व वीनस वर्कर्स यूनियन द्वारा इंडस्ट्रियल एरिया, सेक्टर 2 व पंजाब रैलिंग चौक पर जनसभा की। सभा में मजदूर साथी लाल झंडों, बैनर व पोस्टर के साथ लेनिन, स्टालिन व शहीदे आजम भगत सिंह के छाया चित्र हाथों में लिए हुए थे। सभा में वक्ताओं ने अक्टूबर क्रांति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक युगान्तरकारी घटना थी।
गुड़गांव (हरियाणा)
अक्टूबर क्रांति शताब्दी वर्ष आयोजन समिति द्वारा इस अवसर पर पर्चा-पुस्तिका के साथ पोस्टर प्रदर्शनी जारी की थी। इसका सभी जगहों पर पिछले एक माह से लगातार अभियान चला। समाज में इस संदर्भ में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की गयी। महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति (1917. 2017) के ऐतिहासिक मौके पर इंकलाबी मजदूर केन्द्र द्वारा 5 नवम्बर, 2017 को गुड़गांव (हरियाणा) में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय ‘‘महान अक्टूबर क्रांतिः उपलब्धियां, सबक और चुनौतियां’’ था। सेमिनार में विभिन्न क्रांतिकारी-जनवादी संगठनों, ट्रेड यूनियन, छात्र युवा, मजदूर एवं बुद्धिजीवियों ने सक्रिय भागीदारी की। सेमिनार में इंकलाबी मजदूर केन्द्र की ओर से सेमिनार पत्र भी प्रस्तुत किया गया।
इंकलाबी मजदूर केन्द्र की ओर से साथी श्यामवीर ने सेमिनार पत्र पर वक्तव्य पेश किया। तत्पश्चात क्रांतिकारी नौजवान सभा के पराग, जनसंघर्ष मंच के पाल सिंह, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की हेमलता, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट आॅफ इण्डिया के अर्जुन प्रसाद, विश्वविद्यालय की शिक्षिका पायल, आइसिन वर्कर्स यूनियन (आई. एम. टी रोहतक) के अनिल, श्रमिक संग्राम कमेटी के सुआशीष, बेलसोनिका इम्प्लाइज यूनियन के जयप्रकाश, ममता मूलक महिला संगठन की सुदेश कुमारी जी, प्रोग्रेसिव मेडिकोज फोरम के डा. अजीत, एस पी एम आटो काम्प इम्प्लाइज यूनियन के धीरज, मजदूर सहयोग केन्द्र के रामनिवास ने सेमिनार में अपने वक्तव्य रखे, वक्ताओं ने अक्टूबर क्रांति के ऐतिहासिक महत्व, सोवियत समाजवाद की उपलब्धियों एवं सबक पर विभिन्न आयामों से अपनी बात कही।
दिल्ली
7 नवम्बर को इंकलाबी मजदूर केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रमएके द्वारा मजदूर बस्ती शाहबाद डेरी स्थित राणा प्रताप चैक पर एक संक्षिप्त सभा की गयी। जिसमें अक्टूबर क्रांति के महत्व व आज के दौर की चुनौतियों पर बात रखी गयी। इसके बाद नारे लगाते हुए बस्ती में जुलूस निकाला गया।
इंकलाबी मजदूर केंद्र से प्राप्त विज्ञप्ति पर आधारित