हैदरपोरा: पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नागरिकों के परिजन विरोध करने पर हिरासत में, उमर ने कहा- अपमानजनक!

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श्रीनगर के हैदरपोरा में एनकाउंटर में कथित रूप से मारे गए दो नागरिकों को लेकर बवाल छेड़ गया है। कल यानी बुधवार को मुठभेड़ में मारे गए दो नागरिकों अल्ताफ भट और मुदासिर गुल के परिजनों ने निर्दोषों की हत्या का आरोप लगाकर श्रीनगर में आम नागरिकों के साथ प्रदर्शन कर शव सौंपने की मांग उठाई।तभी, परिजनों समेत सभी प्रदर्शनकारियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

हालांकि, पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद सभी को अपने घरों को लौटने की अनुमति दे दी, लेकिन इस मामले पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर पूर्व सीएम ने इसे अपमानजनक बताया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने पर पुलिस ने कहा कि यह प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए किया गया था, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में तापमान शून्य से नीचे चला गया है।

मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश…

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हैदरपोरा मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दें दिए हैं। एडीएम रैंक के अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करेंगे। एलजी ने कहा है कि समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट मिलते ही सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। वहीं मुठभेड़ में मारे गए रामबन के निवासी के गांव व आसपास के इलाकों में जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 144 लागू कर दी है। क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा।

पूरा मामला…

दरअसल, हैदरपोरा में सोमवार को हुई मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने दावा किया कि एक पाकिस्तानी आतंकी और उसके स्थानीय सहयोगी मोहम्मद आमिर के साथ ही दो नागरिक अल्ताफ भट और मुदस्सर गुल भी मारे गए। इसके बाद पुलिस ने दावा किया कि उनके द्वारा कथित तौर पर एक अवैध कॉल सेंटर और एक आतंकी ठिकाना चलाया जा रहा था। पुलिस द्वारा दो मृतक नागरिकों के बारे में किए गए परस्पर विरोधी दावों के बाद विवाद छिड़ गया। मृतकों के परिजनों ने पुलिस के इस आरोप का विरोध किया कि वे आतंकवादी के सहयोगी थे। वहीं, पुलिस ने बिना परिजनों को शव दिए दफना दिया। पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए चारों के शवों को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में दफनाया गया।

पुलिस रात के अंधेरे में घसीटती है: उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर कहा कि यह अपमानजनक है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने परिवारों को शांतिपूर्ण धरना देने की अनुमति नहीं दी। अब्दुल्ला ने कहा, “मैंने शायद ही कभी ऐसे परिवारों को नहीं देखा है जिनके साथ अन्याय हुआ है, वे अपनी मांगों में वाजिब हैं और अपने आचरण में प्रतिष्ठित हैं। इसका परिणाम सभी को दिखाई दे रहा है क्योंकि पुलिस उन्हें रात के अंधेरे में घसीटती है।” इससे पहले, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि नागरिकों को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्हें नुकसान पहुंचाया गया था। उन्होंने ट्वीट किया, “पुलिस का मानना ​​है कि वे इमारत के मालिक (अल्ताफ) और किरायेदार (गुल) को इमारत में ले गए और दरवाजे खटखटाने के लिए उनका इस्तेमाल किया। फिर इन लोगों को आतंकवादी कैसे कहा जा सकता है? वे नागरिक हैं।”


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