उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा को चौथा दिन बीत चुके हैं इसके बावजूद अभी किसी आरोपी को गिरफ्तार नही किया गया। भले ही मामले में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हो, लेकिन अब तक पकड़ा किसी को नहीं गया। इसके चलते पीड़ित परिवार और किसान सरकार पर सवाल उठा रहें हैं। वहीं गिरफ्तारी को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी सरकार को चेतावनी दी है।
न गिरफ्तारी न पूछताछ..
किसानों द्वारा लिखी गई एफआईआर में मुख्य आरोपी के तौर पर केंद्रीय मंत्री का बेटा नामज़द है। इसके बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई न ही पुलिस ने मुख्य आरोपी से पूछताछ की है। आरोपीयों पर ध्यान देने के बजाए सरकार ने विपक्ष पर कड़ाई दिखाई, पुलिस ने प्रियंका गांधी को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आप सांसद संजय सिंह को सीतापुर से गिरफ्तार किया, अकिलेश यादव को हाउस अरेस्ट करने समेत कई बड़े नेताओं की गिरफ्तार और हाउस अरेस्ट किया गया। लेकिन नामज़द आरोपी आशीष मिश्र को पुलिस ने गिरफ्तार नही किया। गिरफ्तारी तो दूर की बात है उससे पूछताछ तक नहीं की है।
पीड़ित परिवार का पुलिस से सवाल..टिकैत की सरकार को चेतावनी..
सरकार द्वारा किसानो की हत्या में गिरफ्तारी में ढिलाई को लेकर पीड़ित परिवार और किसान अब सवाल उठा रहे हैं उनका कहना है की क्या अगर आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे की जगह कोई आम आदमी होता तब भी पुलिस इसी तरह काम करती? अब इस मामले में किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है। टिकैत ने कहा है कि, सरकार के पास कार्रवाई के लिए 7-8 दिन का वक्त है।
किसानों को कुचलने वाले नेता नहीं हो सकते, वे खूंखार लोग हैं: टिकैत
बता दे की घटना के बाद जब किसान मृतकों का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर रहे थे। तब राकेश टिकैत ने प्रशासन से बातचीत के बाद किसानों को समझाया था। सरकार से बात चीत के दौरान तय हुआ था कि किसानों की जो भी मांगें हैं, उन पर अगले 10 दिनों में कार्रवाई होनी चाहिए। राकेश टिकैत इसी बातचीत को सरकार को याद दिला रहे हैं कि अब उनके पास सिर्फ 7 दिन का वक्त बाकी है।
सिर्फ सरकार को ही नही बल्कि टिकैत ने इस मामले को लेकर अलग-अलग बयान देने वाले नेताओं को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “किसानों को कुचलने वाले नेता नहीं हो सकते, वे खूंखार लोग हैं। एफआईआर दर्ज कर ली गई है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सरकार के पास 7-8 दिन का समय है। जो मंत्री दिल्ली में बैठकर बयान दे रहे हैं, वे अपनी जुबान पर लगाम लगाएं। गिरफ्तारी के बाद दें बयान दें।”
किसानों के दुख में न योगी बोले ना मोदी…
हालांकि, इस मामले में 6 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है और कहा जा रहा है कि 7 अक्टूबर तक न्यायिक जांच के लिए भी कमेटी गठित की जाएगी। लेकिन पुलिस इस मामले में रसूख रखने वाले नेताओं से दबी हुई है और कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। आलम ये है की अभी तक पुलिस ने इस हिंसक घटना को लेकर कोई बयान जारी नही किया है। वहीं यूपी और केंद्र सरकार की बात करे तो हर छोटे – छोटे मुद्दों पर बात करने वाली बीजेपी किसानों के मुद्दे पर मौन है।
यूपी के सीएम से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने लखीमपुर हिंसा पर दुख के एक शब्द नही बोलें हैं। यूपी में अपराध कम होने को लेकर अपनी सरकार का बखान करने वाले योगी जी ने अपनी ही पार्टी के आरोपियों पर अभी तक कोई नकेल नही करी है। यूपी सरकार ने सिर्फ विपक्ष को लखीमपुर ना जाने देने पर बयान दिया है। वहीं नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर को लखनऊ आये थे,उम्मीद थी कि हर छोटी चीज पर नजर रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखीमपुर कांड पर कुछ बोलेंगे, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं कहा।