त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब एक बार फिर विवादित बयान देकर सुर्खियों में हैं, उनके बयान से राजनीति गरमा गई है। देब के विवादित बयान पर टीएमसी ने उन्हें घेरा है। इस बार उन पर न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगा है। तृणमूल कांग्रेस सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर देब पर निशाना साधा है।
दरअसल, शनिवार को बिप्लब देब ने त्रिपुरा सिविल सेवा के अधिकारियों के एक सम्मेलन के दौरान कहा कि अधिकारियों को अदालत की अवमानना के डर के बिना कार्य करना चाहिए। देब के बयान पर टीएमसी ने जमकर कटाक्ष किया है। कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद विपक्षी दल बिल्पब कुमार देब पर हमले कर रहे हैं।
‘बिप्लब देब पूरे देश के लिए शर्मनाक हैं’
बिप्लब देब के विवादित बयान पर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर देब को पूरे देश के लिए शर्मनाक बताया है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर कहा, “बिप्लब देब पूरे देश के लिए शर्मनाक हैं! उन्होंने (बिप्लब देब) बेशर्मी से लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाया, माननीय न्यायपालिका का मज़ाक उड़ाया। क्या सुप्रीम कोर्ट उनकी टिप्पणियों पर संज्ञान लेगा जो गंभीर अनादर दिखाता हैं?”
.@BjpBiplab is a DISGRACE to the entire nation!
He shamelessly mocks Democracy, MOCKS the Hon’ble JUDICIARY and seemingly gets away with it!
Will the SUPREME COURT take cognizance of his comments that reflect such grave disrespect? pic.twitter.com/0qEAdBQ54r
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) September 26, 2021
वहीं, सीपीएम नेता पबित्रा कर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने जो भी बयान दिया वह संविधान और न्यायिक व्यवस्था पर हमला है। सीएम होने के नाते वह इस तरह के बयान नहीं दे सकते। हम इसकी निंदा करते हैं और इस ओर कोर्ट का भी ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे।
सीएम बिप्लब देब बयान में कहा..
बिप्लब देब ने स्थानीय भाषा में अपने बयान में कहा, कोर्ट की अवमानना इस तरह से कही जाती है जैसे कोई बाघ बैठा हो। मैं एक बाघ हूँ सत्ता उसी के पास है जो सरकार चलाता है। इसका मतलब है कि सारी शक्ति लोगों के पास है। हम लोगों की सरकार हैं, अदालतों की सरकार नहीं। बिप्लब देब ने आगे कहा कि किसी को जेल भेजना आसान नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस के काम को याद किया जाए।
अगर अदालत पुलिस को किसी को जेल भेजने के लिए कहती है, तो पुलिस उन्हें बताएगी कि आरोपी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आखिरकार ताकत ‘बाप’ के हाथ में है। देब ने यह भी उल्लेख किया कैसे राज्य के पूर्व मुख्य सचिव को अदालत की अवमानना के डर के कारण उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था। क्योंकि उन्हें अवमानना का डर था। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी परवाह नहीं है।