19 अप्रैल 2020 को ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन की ह्यूमन राइट्स संस्था IPHRC की तरफ़ से एक ट्वीट करके भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर अपनी चिंता ज़ाहिर की गयी है। ट्वीट में कहा गया कि भारत में तबलीगी ज़मात को भारत में कोरोना वायरस फ़ैलाने के लिए सबसे बड़े ज़िम्मेदार के तौर पर माना जा रहा है। साथ ही भारत के मीडिया पर भी मुस्लिमों को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है। ट्वीट में भारत सरकार से अपील की गयी है कि इन हालातों को रोकने के लिए क़दम उठाये जाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पीएमओ इंडिया के ट्विटर अकाउंट से ये ट्वीट की गई, कि ये कोरोना महामारी मनुष्य में कोई भेद नहीं देखती। न ही रंग भेद, न ही नस्ल भेद, न ही धर्म भेद, न ही बॉर्डर। हमारी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता और भाईचारे को प्रधानता दी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए राजदूत पवन कपूर ने कहा कि भारत और यूएई किसी भी आधार पर भेदभाव के ख़िलाफ़ हैं। किसी भी तरह का भेदभाव हमारे नैतिक तानेबाने और नियम कानून के ख़िलाफ़ है। सभी भारतीय लोगों को जो यूएई में रहते हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए।
संयुक्त अरब अमीरात घराने की एक राजकुमारी ने जतायी नाराज़गी
इस घटना की शुरुआत हुई संयुक्त अरब अमीरात के शाही घराने की एक राजकुमारी और कारोबारी हेंद अल कासिमी के एक रीट्वीट से जहाँ उन्होंने सौरभ उपाध्याय नाम के एक ट्विटर यूजर के ट्वीट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एतराज जताया। (सौरभ उपाध्याय का ट्विटर अब बंद है) सौरभ उपाध्याय ने मुस्लिम समुदाय पर अभद्र टिपण्णी करते हुए कोरोना वायरस फ़ैलाने का ज़िम्मेदार बताया था। राजकुमारी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में जो भी नस्लभेद या भेदभाव करेगा, उस पर जुर्माना लगाया जायेगा, साथ ही देश छोड़ने के लिए कहा जाएगा. और ये रहा एक उदाहरण.”
वर्तमान भाजपा सांसद द्वारा 5 वर्ष पहले अरब की महिलाओं को लेकर अभद्र ट्वीट किया गया था
इसके बाद ट्विटर पर बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या का 5 साल पुराने ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जाने लगा, जिसमें वो तारिक फ़तेह के बयान का इस्तेमाल करते हुए अरब की महिलाओं को लेकर बहुत ही अभद्र और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं। इनके ट्वीट को कई लोगों ने शेयर करते हुए लिखा है कि “भारत और अरब देशों के रिश्ते आपसी सम्मान पर टिके हैं। क्या प्रधानमंत्री मोदी अपने किसी सांसद को अरब की महिलाओं के लिए इस तरह की बातें बोलने देंगे? हम आपसे इनके ख़िलाफ़ तत्काल एक्शन लेने की उम्मीद करते हैं।”
खाड़ी देशों में से अब ये नाराज़गी खुलकर सामने आने लगी हैं कि भारत में मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है और मुस्लिम होने की वजह से उनका अपमान किया जा रहा है। भारत में कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर तबलीगी ज़मात की घटना के बाद पूरे मुस्लिम समाज को ही कोरोना वायरस फ़ैलाने का ज़िम्मेदार माना जाने लगा। देश की तमाम जगहों से मुसलमानों के ऊपर अत्याचार की बात सामने आ रही थी। कहीं किसी गाँव में मुस्लिमों को आने से इंकार कर दिया गया तो कहीं कुछ लोगों द्वारा कानून हाथ में लेकर दुकान लगाने वाले मुस्लिमों के साथ मारपीट की गयी। साथ ही कई घटनाएँ जिनमें मुस्लिम होने की वजह से अस्पतालों में मुस्लिमों का इलाज नहीं किया गया। मेरठ के एक अस्पताल ने तो बाकायदा विज्ञापन देकर मुस्लिमों के प्रति भेदभाव दर्शाया था।
आज के समय में भारत और यूएई के बीच काफ़ी अच्छे संबंध हैं लेकिन हमारे देश में कुछ अराजक तत्वों और फर्जी राष्ट्रभक्तों की वजह से संबंधों पर पानी फ़िर जायेगा। साथ ही अरब देश के प्रभावशाली लोगों द्वारा उठाई गयी आवाजों से पता चलता है कि भारत में सोशल मीडिया पर जिस तरह से कुछ लोग मुस्लिमों को टारगेट करते हैं, उसकी बात इन देशों तक भी जा रही है। आपको बता दें कि गल्फ़ देशों में काम करने वाले लोगों की तरफ़ से भारत में अपने घरों को अरबों डॉलर भेजे जाते हैं। अपमानजनक ट्वीट और मुस्लिमों के प्रति घृणा फ़ैलाने का राजनैतिक असर उन सब पर भी पड़ सकता है।