हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी के गठन और जांच के आदेश तेलंगाना सरकार ने दिए हैं. वहीं हैदराबाद एनकाउंटर मामले की आज तेलंगाना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
Government of Telangana constitutes a Special Investigation Team (SIT) for investigation into the encounter by police against the 4 accused who were involved in a woman veterinarian's rape and murder. The SIT will be headed by Rachakonda Police Commissioner Mahesh M Bhagwat. pic.twitter.com/0zfYBqyLyv
— ANI (@ANI) December 8, 2019
तेलंगाना हाईकोर्ट ने वेटरनरी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या करने वाले आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक सुरक्षित रखने का आदेश दिया. हैदराबाद एनकाउंटर मामले की अब अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. इससे पहले कोर्ट ने आदेश दिया था कि चारों आरोपियों के शव 9 दिसंबर की रात 8 बजे तक सुरक्षित रखे जाएं.
#TelanganaEncounter case: Telangana High Court orders to preserve the bodies of the accused (in rape and murder of woman veterinarian), till December 13. The matter has been posted for hearing on December 12.
— ANI (@ANI) December 9, 2019
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि सभी आरोपियों के शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद उसका वीडियो सीडी में अथवा पेन ड्राइव में महबूबनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश को सौंपा जाए. इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने महबूबनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश के सीडी अथवा पेन ड्राइव लेने और उसे उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपने के निर्देश दिए थे.
Telangana High Court orders to preserve the dead bodies of four accused in rape cum murder case of veterinarian till Dec 13. HC has fixed next date of hearing on 12 Dec. It orders to shift the dead bodies to Gandhi Hospital in Hyderabad city. #TelanganaEncounter
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) December 9, 2019
इधर सुप्रीम कोर्ट भी हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.
हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप और मर्डर केस में चारों आरोपियों का एनकाउंटर किया गया था. इस मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और मामले की जांच करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के वकील जीएस मणि ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी. याचिका में एनकाउंटर की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है. साथ ही इस मामले में साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार और एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया है.
एसआईटी आरोपियों की मौत से जुड़े सभी साक्ष्यों को सुरक्षित और इकट्ठा करेगी. पुलिस इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज करेगी, साथ ही उन पुलिसकर्मियों के बारे में जांच करेगी जिनकी मौजूदगी में आरोपियों की मौत हुई है.
हैदराबाद में गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने की घटना की आलोचना की थी.
Justice loses its character as Justice if it becomes revenge: CJI Bobde#CJISABobde https://t.co/tGVxLXWZn1
— Bar and Bench (@barandbench) December 7, 2019
जोधपुर में एक कार्यक्रम में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा था कि न्याय कभी भी आनन-फानन में किया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि अगर न्याय बदले की भावना से किया जाए तो अपना मूल चरित्र खो देता है.
#WATCH: Chief Justice of India (CJI) Sharad Arvind Bobde: I don't think justice can ever be or ought to be instant. And justice must never ever take the form of revenge. I believe justice loses its character of justice if it becomes a revenge. pic.twitter.com/oKIHKecHqt
— ANI (@ANI) December 7, 2019
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच टीम इस मामले की जांच के लिए पहले ही पहुंच चुकी हैं.
National Human Rights Commission(NHRC) team arrives in Hyderabad. #TelanganaEncounter pic.twitter.com/eCWVYpcdqH
— ANI (@ANI) December 7, 2019
उधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी ने हैदराबाद एनकाउंटर पर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तेलंगाना पुलिस की तारीफ की है. आंध्र प्रदेश विधानसभा में चर्चा के दौरान सीएम जगन रेड्डी ने कहा कि मैं दो बच्चियों का पिता हूं. मेरी एक बहन भी है और पत्नी भी है. अगर मेरी बच्चियों को कुछ होता है तो एक पिता के तौर पर मेरी प्रतिक्रिया क्या होगी? मैं क्या चाहूंगा? जगन रेड्डी बोले कि कानूनों में बदलाव त्वरित न्याय के लिए जरूरी है.