JNU: हॉस्टल फीस बढ़ोतरी में आंशिक कटौती को मीडिया ने ‘मेजर रोल बैक’ बना दिया !

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी में आंशिक कटौती की है। शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यन ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि एग्जिक्यूटिव कमिटी ने हॉस्टल फीस में वृद्धि और अन्य नियमों से जुड़े फैसले को वापस ले लिया है।

किन्तु जेएनयू के पूर्व छात्र नेता एन साई बालाजी ने कहा है कि जेएनयू में फीस वृद्धि की वापसी की खबर भ्रमित करने वाली है। प्रशासन ने केवल हॉस्टल फी में कटौती की है बाकी बढ़े हुए प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं किया है।

ख़बर के अनुसार, अब छात्रों को सिंगल रूम के लिए 200 तथा डबल रूम के लिए 100 रुपए देने होंगे।

शिक्षा सचिव ने ट्वीट कर कहा कि हॉस्टल फीस वृद्धि में भारी कटौती की गई है। एग्जिक्यूटिव कमिटी की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने से संबंधित योजना का प्रस्ताव भी पेश किया गया और गरीब परिवारों के छात्रों के लिए योजना का भी ऐलान किया गया। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि प्रदर्शन खत्म कर वापस क्लास का रुख करें।

जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टल रूम रेंट में भारी बढ़ोत्तरी की थी। पहले जहां सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपये था वो प्रशासन ने बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया था। वहीं डबल सीटर का रेंट दस रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था। हॉस्टल में पहले छात्रों को कभी सर्विस चार्ज या यूटिलिटी चार्जेज जैसे कि पानी और बिजली के पैसे नहीं देने होते थे। जेएनयू प्रशासन की ओर से इसमें भी बढोत्तरी की गई थी। यूटिलिटी चार्जेज के तौर पर (एज पर एक्चुअल) यानी इस्तेमाल के अनुसार बिल का प्रावधान कर दिया गया था।

जेेएनयू  द्वारा प्रस्तावित फीस:

10 रु. किराया था सिंगल सीटर कमरे का, 300 रु. कर दिया गया, 20 रु. किराया था डबल सीटर कमरे का, 600 रु. कर दिया गया, 5500 रु. थी वन टाइम मेस सिक्योरिटी फीस, 12,000 कर दी गई थी।

जेएनयू के विद्यार्थियों का विरोध प्रदर्शन बीते 15 दिनों से जारी है। सोमवार को एआईसीटीई में हुए दीक्षांत समारोह के दौरान भी छात्रों ने प्रदर्शन किया था।