दुनिया के 70 देशों की सरकारों ने सोशल मीडिया से दुष्प्रचार किया है, फेसबुक शीर्ष पर है

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वियतनाम में व्यक्तिगत फेसबुक पेजों पर सरकार समर्थक संदेश पोस्ट करने वाले नागरिकों को सूचीबद्ध किया था. ग्वाटेमाला सरकार ने असहमतिपूर्ण राय को चुप कराने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लोगों की जानकारी चोरी करवाई. इसी तरह इथियोपिया की सत्तारूढ़ पार्टी ने सोशल मीडिया वार्तालापों को अपने पक्ष में करने के लिए भाड़े पर लोगों को काम पर रखा.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया द्वारा इन्टरनेट के दुरुपोयोग रोकने के तमाम प्रयासों के बाद भी दुनियाभर की सरकारों ने इन माध्यमों पर अपने पक्ष में प्रचार के लिए तकनीकों को अपनाया और बढ़ाया है.

राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने, विरोधी विचारों का विरोध करने और विदेशी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए दुनिया भर की सरकारें दुष्प्रचार फैला रही हैं.

शोधकर्ताओं ने दुनिया भर की सरकारों द्वारा फैलाये जा रहे दुष्प्रचार के उपायों के संदर्भ में समाचार संगठनों नागरिक समाज समूहों और सरकारों की जानकारी अपनी रिपोर्ट में सनग्ल किया है.

शोधकर्ताओं ने पाया है कि दुनिया भर में बीते दो वर्षों में राजनैतिक दुष्प्रचार करने वाली सरकारों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है. दुनिया के 70 देशों की सरकारें आज सत्ता बचाने या उसे पाने के लिए दुष्प्रचार कर रही हैं. इन सभी देशों में कम से कम एक राजनीतिक दल या सरकारी इकाई के सबूत हैं जो सोशल मीडिया हेरफेर में संलग्न है.

रिपोर्ट के अनुसार, दुष्प्रचार फ़ैलाने के लिए फेसबुक नबर एक सोशल नेटवर्क बना हुआ है. 56 देशों ने संगठित दुष्प्रचार अभियान मंच चलाया.

ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता और अध्ययन के सह-लेखक, सामंता ब्रैडशॉ के अनुसार, “सोशल मीडिया प्रौद्योगिकी वास्तव में नए तरीकों से दुष्प्रचार को सशक्त बनाया है”.

इस संस्थान ने 2016 में अमेरिकी चुनाव अभियान में रुसी हस्तक्षेप की जांच के लिए काम किया था.

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रिपोर्ट में फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के लिए जारी चुनौती पर प्रकाश डाला गया है. क्योंकि सरकार द्वारा दुष्प्रचार के लिए इन मंचों का दुरोपोयोग किया जाता है और ये उनसे निपटने के लिए प्रयास करते हैं.

हाल ही के दिनों में सरकारों ने पब्लिक ओपिनियन बनाने के लिए ‘सोशल ट्रूप्स’ यानी ‘सायबर सेना’ का गठन किया है.

पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें.