आशुतोष कुमार पांडे / आरा
पिछले सोमवार यानि 20 अगस्त को एक युवक का शव मिलने के बाद एक महिला को निर्वस्त्र कर बिहिया बाजार में सरेआम घुमाया गया था। अब युवक के हत्या के आरोप में दो महिला नर्तकी समेत दो व्यक्तियों समेत चार लोगों को कल गिरफ्तार कर लिया है। महिला को नग्न कर घुमाए जाने के बाद लोग युवक की हत्या के कारणों के बारे कई तरह के बातें कह रहे थे। भोजपुर के एसपी अवकाश कुमार ने बताया कि पांच दिनों की छानबीन के बाद जाँच दल ने बबीता और चांदनी नाम की दो नर्तकियों के साथ मंडली संचालक रामलाल यादव और सन्नी को हत्या के आरोप में अरेस्ट कर लिया है। एसपी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि चारों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
इस घटना की कवरेज को लेकर आरा के तीन प्रमुख अखबार हालांकि अपना ही सुर अलाप रहे हैं। तीनों स्थानीय अखबारों में छपी इस घटना से संबधित खबर पर गौर करें।
दैनिक जागरण ने अपनी खबर का शीर्षक लगाया है- ‘’डांसरों ने ही की थी अन्तर के छात्र की हत्या’’। शीर्षक देखते ही आपको दैनिक जागरण अखबार नहीं, बल्कि किसी पुलिस अथवा जांच एजेंसी का बयान लगेगा। जिस तरह से अंदर यह खबर लिखी गयी है उससे लगता है जैसे रिपोर्टर ही आरोपियों को सजा भी दे देगा। अखबार लिखता है कि बीस अगस्त को घटना के दिन बबीता, रामलाल और सन्नी को विमलेश नामक छात्र का शव रेलवे ट्रैक पर फेंकते हुए देखा गया था। अख़बार आगे लिखता है कि यह बात पड़ोस की गुड्डी और गुड़िया ने पुलिस को बताई। अखबार और पुलिस ने गवाह की निजता का ख्याल नहीं रखा। सरेआम उसका नाम प्रकाशित कर दिया।
प्रभात खबर ने शीर्षक लगाया है- ‘’बिहिया कांड का पुलिस ने किया पटाक्षेप, डांसर सहित चार गिरफ़्तार’’ ।
दैनिक हिन्दुतान ने शीर्षक लगाया है- ‘’निर्वस्त्र घुमाने में 5 के घरों पर चिपकाए इश्तेहार’’ और उपशीर्षक लगाया है कि ‘’निर्वस्त्र घुमाने में अब तक 17 आरोपित हुए गिरफ्तार’’। इस अख़बार ने एक और शीर्षक लगाया है कि ‘’चाँदनी के चक्कर में छात्र ने गँवा दी जान’’। इसमें रिपोर्टर ने लिखा है कि लड़का ‘’जिस्मानी सुख के लिए चाँदनी के पास गया था’’।
हिन्दुतान लिखता है कि जाँच की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया है। जागरण लिखता है कि पड़ोसी गुड़िया द्वारा पुलिस के बताने पर अरेस्ट किया गया जबकि प्रभात खबर एसपी अवकाश कुमार के हवाले से लिखता है कि वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये पुलिस ने अभियुक्तों को अरेस्ट किया है।