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मीडियाविजिल प्रतिनिधि / दिल्ली
बंगाल के मुर्शिदाबाद से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है जिसमें सीमा सुरक्षा बल के जवानों पर दो दलितों को गोली मारकर उनकी लाशें गायब कर देने का आरोप लगाया गया है। यह खबर स्थानीय बांग्ला स्टेट्समैन के अलावा और कहीं नहीं है। राष्ट्रीय मीडिया में भी खबर नदारद है।
मामला मुर्शिदाबाद के रानीनगर पुलिस थानांतर्गत कलीनगर-2 ग्राम पंचायत में पड़ने वाले गांव लक्खीनारायनपुर का है जहां के निवासी सुकुमार मंडल उर्फ बबलू मंडल (32 साल) और पारितोश मंडल (29 साल) के परिवारों ने हारुडांगा बीएसएफ शिविर की छत्तीसवीं बटालियन के कर्मियों पर आरोप लगया है कि उन्होंने 3 जुलाई को दोनों दलितों को गोली मार दी और उनकी लाशों को ठिकाने लगा दिया।
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दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को आज भेजी एक लिखित शिकायत में बांगलार मानवाधिकार सुरक्षा मंच (MASUM) के संस्थापक सचिव और प्रोग्राम अगेंस्ट कस्टोडियल टॉर्चर एंड इमप्यूनिटी (PACTI) के राष्ट्रीय संयोजक कीर्ति रॉय ने इस घटना का जिक्र करते हुए इसकी जांच की मांग की है।
घटना का विवरण देते हुए बताया गया है कि मृतकों के परिजनों के अनुसार 3 जुलाई की सुबह चार बजे दोनों दलित युवक अपने खेतों में काम करने गए थे। हारुडांगा बीएसएफ शिविर की छत्तीसवीं बटालियन के कर्मी ने उन्हें तस्कर समझ लिया और बिना कोई चेतावनी दिए कुछ राउंड गोलियां चला दीं। इसमें दोनों युवक मारे गए। जिस जगह यह घटना हुई है वह अंतरराष्ट्रीय सीमा से तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर है।
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परिवार के सदस्यों का आरोप है कि गोली चलाने वाले बीसएफ कर्मियों ने अपना अपराध छुपाने के लिए लाशों को पास बहने वाली पद्मा नदी में फेंक दिया जिसके चलते परिवारों को आज तक उनकी लाश नहीं मिली। एनएचआरसी को लिखे पत्र में बताया गया है कि गोली चलने की आवाज़ सुनकर हारुडांगा गांव के कई लोग बाहर निकल आए और घटनास्थल की ओर जाने लगे लेकिन बीएसएफ वालों ने उन्हें उधर जाने नहीं दिया बल्कि जगह खाली करवाने के लिए अपने हथियार समेत गांव वालों को वहां से खदेड़ दिया।
परिवार वालों का कहना है कि वे रानीनगर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराने गए थे और उन्होंने पूरा विवरण पुलिस को बताया लेकिन पुलिस ने बीएसएफ के खिलाफ कोई भी शिकायत लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुकुमार मंडल की पत्नी सुचित्रा मंडल ने मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत दी और इसमें यह भी लिखा कि स्थानीय थाने ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था।
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एनएचआरसी को भेजी कीर्ति रॉय की याचिका में कहा गया है कि सुचित्रा मंडल की शिकायत को एसपी ने बुधवार को मंजूर किया लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी मामले में कोई जांच शुरू नहीं हुई है। रॉय ने एनएचआरसी से मांग की है कि सुचित्रा मंडल की तहरीर को ही एफआइआर मानकर दर्ज किया जाए चूंकि यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। साथ ही संबद्ध पुलिस प्रशासन को उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया जाए।