भ्रष्टाचार पर बेशर्म सरकारी जश्न, सरकारी बाबुओं और ठेका मज़दूरों के मत्थे फोड़ा ठीकरा

कपिल शर्मा कपिल शर्मा
अजब-गजब Published On :


मध्यप्रदेश को ऐसे ही अजब-गजब प्रदेश नहीं कहा जाता है, यहां अजब राजनीति के गजब भ्रष्टाचार भी होते है अब खबर कुछ यूँ है कि मध्यप्रदेश में इस साल बारिश बहुत हो रही है जो सामान्य बारिश से अधिक है पर इतनी भी नही कि 100 करोड़ की लागत से बने एक साल पुराने डैम भी टूटने लगें, नहरें फूटने लगें, सड़क और पुल-पुलिया पानी में बहने लगें, पर हो यही रहा है. पर मजे की बात यह है कि सरकार करोड़ो की लागत से बने डैम टूटने में हुए भ्रष्टाचार की जांच की और दोषियों पर कार्यवाई करने की जगह, दूसरी ओर से पानी निकाले जाने को उपलब्धि बताने पर जश्न मना रही है. जी हां, सही पढ़ा आपने, सरकार जश्न मना रही और भ्रष्टाचार के सवाल पर वही सदियों पुराना रटा-रटाया जवाब, कि कार्यवाही हो रही है, और कार्यवाई के नाम पर कम्पनी को ब्लेकलिस्ट (प्रतिबंध) करके कार्यवाई मान लिया जाता है. पर होता यूँ है कि अपने सत्ता संरक्षकों की छत्र-छाया में ब्लैक लिस्टेड कम्पनी के मालिक उसी कंपनी को दूसरे नाम से रजिस्टर्ड करते हैं, और फिर सरकारी ठेके हासिल कर लेते हैं, यानि मालिक पुराना नाम नया, बस यही खेल सालों से मध्यप्रदेश में चल रहा है.
धार जिले के कारम डैम में हुए भ्रष्टाचार पर सन्नाटा पसरा हुआ है और विपक्ष भी दो दिन मुंह बजाकर शांत हो गया है, विपक्ष ने आरोप लगाए थे कि बांध निर्माण करने वाली कम्पनियों से बीजेपी के नेताओं और खासकर गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के रिश्ते हैं | यही कारण है कि जांच के नाम पर जो रिपोर्ट सौपीं गई है उसकी हेडलाइन कुछ इस प्रकार की है: “धार डैम लीकेज मामला: ठेकेदार और अफसरों को क्लीनचिट देने की तैयारी, छोटे सरकारी कार्मचारी और ठेकेदार के कार्मचारियों के मत्थे फोड़ा ठिकरा”
आगे जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मिट्टी से लेकर बांध बनाने की प्रक्रिया में लापरवाही हुई है पर सारा दोष उन कार्मचारियों का है जो रक्षाबंधन की छुट्टी मनाने गए थे, और कार्यवाई की तलवार भी उनके ही ऊपर लटती हुई है इतना ही नहीं, बीते 11 अगस्त को रक्षाबंधन था. उसी दौरान बांध में जलस्तर बढ़ रहा था. यही कारण था कि बांध से पानी निकालने के लिए दूसरे विकल्प तलाश करने पड़े. बांध की ऊंचाई ज्यादा है. इसलिए निर्माण कार्य में अनुभवी इंजीनियरों को लगाया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. निर्माण कार्य में भी गड़बड़ी की ओर रिपोर्ट में इशारा किया गया है. और अब कुल मिलकर सारा दोष निचले स्तर के कर्मचारियों पर मढ़ने की तैयारी है.
बांध की पाल में गिनाईं खामियां
जांच दल ने बांध की पाल में कई खामियां गिनाई हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि बांध की पाल काली मिट्टी से तैयार की गई है, लेकिन उसे ऊपर से पत्थर और मुरम से कवर नहीं किया गया. मिट्टी में कंकड़ भी थे, जिस वजह से पानी भरने से मिट्टी में कटाव शुरू हो गया और बांध की पाल से पानी रिसने लगा. इसके अलावा भी जांच रिपोर्ट में कई बिंदु शामिल हैं. धार जिले के भारूड़पुरा में  304.44 करोड़ की लागत से कारम नदी पर ये बांध बनाया जा रहा है, जिसमें 100 करोड़ में बांध का निर्माण किया गया और बाकि राशि में मुआवजा समेत दूसरे खर्चे शामिल किए गए. 45 एमसीएम यानि मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता वाले इस बांध में 15 एमसीएम ही पानी भर पाया था कि 11 अगस्त को पाल से पानी रिसने लगा.
ब्लैकलिस्ट कंपनियों के नाम
1. ANS कंस्ट्रक्शन
2. सारथी कंस्ट्रक्शन
सरकार ने ANS कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. साथ ही दोनों कंपनियों को नोटिस के साथ रजिस्ट्रेशन भी सस्पेंड कर दिया गया है