आज से करीब दो महीने पहले कानपुर के बिल्हौर में दैनिक हिंदुस्तान के संवाददाता नवीन गुप्ता की दिनदहाड़े गोली मारकर कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। उस वक्त पत्रकारों ने काफी सक्रियता दिखाते हुए ज्ञापन जारी किए और विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच कराने का भी आश्वासन दिया। उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया।
सोमवार को नवीन गुप्ता के सगे छोटे भाई, चचेरे भाई और उनका पांचवीं में पढ़ने वाला बेटा युवान दिल्ली के प्रेस क्लब में इंसाफ की गुहार लेकर पहुंचे। मामले में एफआइआर कब की हो चुकी है लेकिन यूपी पुलिस ने अब तक जांच नहीं शुरू की है। शासन ने दस लाख का मुआवजा देकर पल्ला झाड़ लिया है। सवाल है कि आखिर क्या वजह है कि अब तक कोई जांच नहीं हुई और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं?
बड़ी बात यह है कि स्थानीय सांसद और विधायक दोनों भारतीय जनता पार्टी से ही हैं। नवीन गुप्ता का परिवार भी भाजपा सरकार के प्रति सकारात्मक रुख़ रखता है। फिर ऐसा क्या है जिसके कारण गुप्ता के कातिलों को अब तक सज़ा नहीं दिलवाई जा सकी है? कौन हैं वे लोग जिन पर हाथ डालने से पुलिस बच रही है? कहीं उनके कोई राजनीतिक संपर्क तो नहीं? क्या दबाव ऊपर से पड़ रहा है?
इन्हीं सब सवालों को समझने के लिए मीडियाविजिल ने नवीन गुप्ता के छोटे भाई से विस्तार से पूरी कहानी सुनी, जिसे नीचे दिए वीडियो में देखा जा सकता है। बेटे ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
नवीन गुप्ता के परिवार की मार्मिक अपील को सुनें और जितनी दूर तक संभव हो, इस आवाज़ को पहुंचाने की कोशिश करें।