“इमरजेंसी पर फिल्‍में बनाने से फुरसत मिल गई हो तो अब ‘गुजरात फाइल्‍स’ पर फिल्‍म बनाएं”

पत्रकार राणा अयूब की किताब ‘गुजरात फाइल्‍स’ के हिंदी संस्‍करण के लोकार्पण के मौके पर 16 सितंबर को दिल्‍ली में मंच से एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने अपनी बात रखी। उन्‍होंने सवाल उठाया कि आखिर हम दंगों को क्‍यों भूल जाते हैं। किताब के कवर का उन्‍होंने विशेष रूप से जि़क्र किया जिस पर एक छिपकिली बनी है। यह किताब इसी छिपकिली के रूप में है। देखें पूरा वीडियो:  

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