एक ऐसे वक्त में जब खबरों केे पीछे के सच और सच्ची खबरों को दिखाने की जगहें कम होती जा रही हों जबकि सच कहने के तरीकों को खोजने के लिए पत्रकारों को जद्दोजेहद करनी पड़ रही हो, भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ कर निकले पत्रकार अरुण पटेल का अंदाज़-ए-बयां बहुत से लोगों के लिए नज़ीर बन […]
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ यानी मीडिया के साथ एक समस्या यह है कि चारों स्तंभों के बीच यही इकलौता है जो मुनाफा खोजता है। भारत का समाज बहुत विविध, जटिल और विशिष्ट है लेकिन उसके बारे में जो मीडिया हमें खबरें दे रहा है, उस पर नियंत्रण और ज्यादा संकुचित होता जा रहा है। आपका […]
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नेहरू की फ़र्ज़ी चिट्ठी ‘आज तक’ पर ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ बनी राहुल ने दिया फ़ोनो ! …… क्या किसी संपादक को इतना भी नहीं पता होगा कि इंग्लैंड नाम का कोई देश दुनिया में नहीं है। क्या किसी को युनाइटेड किंगडम और इंग्लैंड का फर्क ना पता हो फिर भी वह देश के सबसे बड़े और तेज़ […]