इंसेफेलायटिस और स्‍वास्‍थ्‍यतंत्र पर सुनें वरिष्‍ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह का व्‍याख्‍यान

पिछले दिनों गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जब ऑक्‍सीजन गैस की आपूर्ति अचानक रुकने से कुछ बच्‍चों और वयस्‍कों की एक रात में एक झअके में मौत हो गई, तो समूचा मीडिया शहर में उमड़ पड़ा। पहली बार इलाके में बच्‍चों की मौत के बहाने जापानी बुखार या इंसेफेलायटिस की 40 साल पुरानी बीमारी की ओर सबका ध्‍यान गया। गोरखपुर न्‍यूज़लाइन नामक समाचार वेबसाइट के माध्‍यम से वरिष्‍ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह ने इस घटना की वृहद् कवरेज की जिनकी रिपोर्टों को साभार मीडियाविजिल ने भी लगातार प्रकाशित किया।

मनोज कुमार सिंह लंबे समय से इंसेफेलायटिस की बीमारी को कवर करते रहे हैं। गांव-गांव घूम कर उन्‍होंने इस बीमारी के बारे में सूचनाएं जुटायी हैं और अकादमिक शोधों के माध्‍यम से इस विषय को पाठकों के बीच रखने की कोशिश की है। इसी विषय पर उन्‍होंने दिल्‍ली के राजेंद्र भवन में शनिवार, 7 अक्‍टूबर 2017 की शाम घंटे भर से भी लंबा और बेहद सूचनाप्रद व्‍याख्‍यान दिया।

मनोज कुमार सिंह मीडियाविजिल के सलाहकार मंडल के सक्रिय सदस्‍य भी हैं। मीडियाविजिल पर हम उनके व्‍याख्‍यान को दो हिस्‍सों में डाल रहे हैं। एक ‘रहस्‍यमय बीमारी’ के पीछे की राजनीति और समाजशास्‍त्र को समझने के लिए यह लेक्‍चर सुना जाना चाहिए।

व्‍याख्‍यान का पहला भाग

व्‍याख्‍यान का दूसरा भाग

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