सोहराबुद्दीन केस: अमित शाह के बरी होने के बाद मारे गए थे लोया के दो राज़दार, तीसरे का खुलासा

जानलेवा हादसे में बाल-बाल बचे थे लोया के अंतिम राज़दार एडवोकेट सतीश उइके

कांग्रेस की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में दो और मौतों का खुलासा

सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ हत्‍याकांड की सुनवाई करने वाले सीबीआइ के विशेष जज बीएच लोया की संदिग्‍ध मौत का मामला और गहरा गया है। कांग्रेस के कुछ नेताओं और जज लोया के एक जानने वाले वकील ने दिल्‍ली में बुधवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर के बताया कि जज लोया के दो राज़दार भी उनकी मौत के बाद संदिग्‍ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। इनमें एक रिटायर्ड जज थे और एक वकील, जिन्‍हें लोया ने बताया था कि उनके ऊपर केस में मुख्‍य आरोपी अमित शाह के पक्ष में फैसला देने का दबाव बनाया जा रहा था।

कांग्रेस नेता और अधिवक्‍ता कपिल सिब्‍बल, सलमान खुर्शीद, विवेक तन्‍खा और रणदीप सुरजेवाला द्वारा संबोधित दिल्‍ली में आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में एडवोकेट सतीश उइके भी मौजूद थे, जिन्‍हें लोया ने संपर्क किया था। उइके के साथ भी एक जानलेवा हादसा हो चुका है, लेकिन वे किसी तरह बच गए।

सोहराबुद्दीन मामले में जज नियुक्‍त किए जाने के बाद अक्‍टूबर 2014 के दूसरे हफ्ते में लोया ने अधिवक्‍ता श्रीकांत खंडालकर और एक अवकाश प्राप्‍त जिला जज प्रकाश थोम्‍बरे के माध्‍यम से एडवोकेश सतीश उइके से संपर्क साधा था। इन तीनों को किए एक वीडियो कॉल में लोया ने बताया था कि उनके ऊपर मुख्‍य न्‍यायाधीश मोहित शाह, जस्टिस बीआर गवई, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फणनवीस और नागपुर के शुभांशु जोशी का दबाव है कि वे अमित शाह के अनुकूल आदेश सुनाएं। इस कॉल में लोया ने दावा किया था कि उन्‍हें एक बना-बनाया आदेश पकड़ा दिया गया है और कहा गया है कि वे इसे पढ़ दें। इस आदेश की एक प्रति उन्‍होंने जज थोम्‍बरे को भेजी थी।

लोया की मौत के बमुश्किल तीन हफ्ते पहले थोम्‍बरे और उइके दिल्‍ली कुछ बड़े वकीलों से मिलने आए थे। कपिल सिब्‍बल के मुताबिक इन लोगों ने अधिवक्‍ता प्रशांत भूषण से भी बात की थी। दिल्‍ली के वकीलों ने कहा कि इस मामले में अदालत जाने के लिए पर्याप्‍त साक्ष्‍य मौजूद नहीं हैं। उइके और थोम्‍बरे 9 नवंबर 2014 को नागपुर खाली हाथ लौट गए।

इसके बाद जज लोया को 30 नवंबर को एक शादी में नागपुर जाने के लिए बाध्‍य किया गया जहां उनकी संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई। एडवोकेट खंडालकर ने उइके को बताया था कि उन्‍हें भी जस्टिस गवई और एडवोकेट केतकी जोशी से धमकियां मिल रही हैं। खंडालकर को जिला अदालत नागपुर में 29 नवंबर 2015 यानी लोया की मौत के ठीक एक साल बाद मृत पाया गया। कहा गया कि वे आठवीं मंजिल से नीचे गिर गए थे। चूंकि 28 नवंबर को छुट्टी थी तो उनकी लाश दो दिन बाद बरामद हो सकी।

थोम्‍बरे ने भी उइके से कहा था कि जस्टिस गवई उन्‍हें धमकी दे रहे हैं कि उनकी पेंशन रुकवा देंगे। 16मई 2016 को थोम्‍बरे नागपुर से बंगलुरु की यात्रा के दौरान हैदराबाद में ट्रेन में मृत पाए गए। कहा गया कि वे ट्रेन की ऊपर वाली बर्थ से नीचे गिर गए थे जिससे उनकी रीढ़ टूट गई थी।

इन दोनों की मौत के बाद सतीश उइके की जान पर भी हमला हुआ जब 8 जून, 2016 को उनके दफ्तर की छत पर पांच हजार किलो का एक लोहे का सरिया गिर गया जिससे उनका दफ्तर नष्‍ट हो गया। इस हादसे में उइके बाल-बाल बच गए थे। इस मामले में नागपुर में एक ािशकायत दर्ज करवायी गई लेकिन अब तक न तो एफआइआर हुई है और न ही कोई जांच।

बुधवार की कांग्रेस की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में उइके खुद मौजूद थे। कपिल सिब्‍बल ने बताया कि उनकी जानकारी में यह सारा मामला जुलाई 2017 में आया था लेकिन वे अब इसे इसलिए सामने ला रहे हैं क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि इसका वक्‍त अब आ चुका है।


नेशनल हेराल्‍ड में छपी विश्‍वदीपक की रिपोर्ट पर आधारित
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