इनफेक्शन से बचने के लिए हाथ धाेने की सलाह देने वाला डॉक्टर, जिसे समाज ने मार दिया!

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दुनिया भर में सैनिटाइज़र यानी हाथ धोने वाले द्रव्य का बाज़ार गरम है और स्टॉक खाली हैं। सबको बताया गया है कि हर काम करने के बाद और पहले हाथ धोइये वरना कोरोना का वायरस पकड़ लेगा। पूरी दुनिया रोज़ दिन में पचहत्तर बार डर के मारे हाथ धो रही है। क्या आप जानते हैं कि आज से महज डेढ़ सौ साल पहले उस आदमी का क्या हुआ था जिसने संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए हाथ धोने की मेडिकल सलाह डॉक्टर बिरादरी को दी थी?

जिस सलाह को आज हर कोई आंख बंद कर के मान रहा है और जेब में सैनिटाइज़र लेकर चल रहा है, उस सलाह के प्रणेता को इसके चलते इतना प्रताड़ित किया गया कि वह पागल होकर पागलखाने में मर गया था। आज गूगल ने उसी वैज्ञानिक का एक वीडियो डूडल बनाया है। इस वैज्ञानिक का नाम था इग्नाज़ सेमेलवीस।

Dr. Ignaz Semmelweis, aged 42 in 1860

जिसे हम आज एंटीसेप्टिक के नाम से जानते हैं, सेमेलवीस उसके प्रणेता थे जिनका जन्म 1818 में हंगरी में हुआ था। उन्होंने क्लोरीन मिश्रित नींबू के पानी से हाथ धोने का नुस्खा 1847 में दिया था जब वे वियना के सरकारी अस्पताल में काम करते थे।

उन्होंने कई परचे प्रकाशित किये और बताया कि हाथ धोने से मृत्युदर में एक फीसद की कमी आ जाती है। सेमेलवीस के निष्कर्ष उस समय की स्थापित वैज्ञानिक मान्यताओं से मेल नहीं खाते थे। उनकी बिरादरी के डॉक्टर इस बात से क्षुब्ध रहते थे कि वे बार बार हाथ धोने को कहते हैं। डॉक्टर इस सलाह के लिए उनका मज़ाक उड़ाते थे।

इस अपमान के चलते सेमेलवीस को नर्वस ब्रेकडाउन हो गया। उनके एक सहकर्मी ने इसका नाजायज़ फायदा उठाते हुए उन्हें एक पागलखाने में भर्ती करवा दिया। इस पागलखाने में 14 दिन बाद सेमेलवीस की मौत हो गयी। उन्हें पागलखाने के गार्डों ने पीटा था जिससे उन्हें हाथ में ज़ख्म हो गया था जो गैंग्रीन में बदल गया और जहर पूरी देह में फैल गया।

सेमेलवीस 47 वर्ष की उम्र में इसलिए मौत का शिकार हो गए क्योंकि हाथ धोने की उनकी सलाह को दुनिया ने मजाक मान लिया और साजिश कर के उन्हें पागलखाने भेज दिया। आज डेढ़ सौ साल बाद हम मौत से बचने के लिए हाथ धोये जा रहे हैं।

देखिये इस वैज्ञानिक के सम्मान में आज गूगल का लगाया डूडलः