देशव्यापी रोज़गार आंदोलन का वाहक संगठन ‘युवा हल्ला बोल’ अब बिहार में एक सकारात्मक पहल की शुरुआत कर रहा है। ‘युवा हल्ला बोल’ कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय युवा आंदोलन है।
युवा हल्ला बोल’ के संयोजक अनुपम कहते हैं, “इतिहास गवाह है कि कई बड़े बदलाव की बयार बिहार से आयी है और देश में हर बड़े बदलाव का वाहक युवा ही हुए हैं। लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, कृषि से लेकर पर्यावरण के सवाल पर आज बिहार की हालत चरमराई हुई है। ऐसे में अगर हवा हवाई मुद्दों और दोषारोपण करके चुनाव के दौरान जनता का ध्यान भटका दिया जाए तो इससे बड़ी शर्म की बात कुछ और नहीं हो सकती।”
अनुपम ने कहा कि “हर चुनाव अवसर होता है सरकार के कामकाज की समीक्षा, पार्टियों का आकलन और आगे की योजनाओं पर चर्चा करने का। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव पार्टियों और नेताओं की मौकापरस्ती और सिद्धान्तविहीनता तक सिमटती जा रही है। ऐसे में ‘युवा हल्ला बोल’ ने तय किया है कि बिहार चुनावों का आम जनता से सीधा सरोकार हो, बिहारियों के अपने मुद्दों पर बात हो और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी इन सवालों पर अपना रुख स्पष्ट करें। इसी के तहत ‘बोल बिहारी: मुद्दा हमारा, बात हमारी!’ नारे के साथ 15 अक्टूबर को मुहिम की शुरुआत की जाएगी।”
‘बोल बिहारी’ दस्तावेज़ बिहार की दशा दिशा पर चुनाव लड़ रहे नेताओं और पार्टियों से कुछ सवाल खड़े करेगा। इन्हीं सवालों में बिहार के नागरिकों विशेषकर युवाओं की माँग भी है। स्पष्ट हो जाएगा कि इन सवालों से बचने वाले प्रत्याशियों को बिहार और बिहारियों से कोई सरोकार नहीं है।
‘बोल बिहारी’ एक दस्तावेज़ भर नहीं बल्कि बिहार के चुनावी समर के बीचोबीच एक यात्रा का रूप लेगी। 15 अक्टूबर को पटना में प्रेस वार्ता कर दस्तावेज़ जारी करके उन सवालों को सामने रखा जाएगा जो बिहार के हैं, बिहारियों के हैं।
राजनीतिक विमर्श को जनता के असल मुद्दों पर लाने के लिए 20 अक्टूबर से राज्यव्यापी ‘बोल बिहारी’ यात्रा की शुरुआत होगी। यात्रा में ‘युवा हल्ला बोल’ के संयोजक अनुपम के साथ राष्ट्रीय परिषद के अतुल झा, अजित यादव, बिपिन कुमार, रजनीश झा, आदित्य कश्यप, झारखंड से ऋषव रंजन और अमरेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश से रजत यादव और गोविंद मिश्रा, दिल्ली से सुरिंदर कोहली समेत कई राज्यों से युवक युवतियों की भूमिका होगी।
बिहार के उन बेरोज़गार युवाओं ने भी ‘बोल बिहारी’ मुहिम में जोर शोर से भागेदारी करने का निर्णय लिया है जिनके सवालों को ‘युवा हल्ला बोल’ लगातार मजबूती से उठाता रहा है।