नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) संसद में लाने की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के दो दिन बाद गुरुवार को मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. गौरतलब है कि गृह मंत्री ने कहा था कि सरकार यह विधेयक संसद में लाएगी. जिसके बाद इंफाल घाटी में बड़ी संख्या में सिविल सोसायटी के सदस्यों और विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने प्रदर्शन किए.
Manipur: Manipur People against Citizenship Amendment Bill (MANPAC), a conglomerate of several civil bodies in the state, organised a protest march against Citizenship Amendment Bill, in Imphal. Student bodies of Manipur also joined in the protest. (03.10.2019) pic.twitter.com/YKKKBdBTWg
— ANI (@ANI) October 4, 2019
छह प्रमुख छात्रों के संगठनों ने भी इस विरोध का समर्थन किया. ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन (AMSU), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स अलायंस ऑफ मणिपुर (DESAM), कंगलिपक स्टूडेंट्स एसोसिएशन (KSA), स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ कंगलिपक (SUK) और अपुनबा हिस्पनिपक माहेइरो सिंगपंगलुप (AIMS) इसमें मुख्य रूप से शामिल थे.
Protest against Citizenship Amendment Bill in Manipur
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— ANI Digital (@ani_digital) October 4, 2019
शिलांग में प्रदर्शन का आयोजन करने वाले एनईएफआइपी ने आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक क्षेत्र से मूल आदिवासियों को खदेड़ने वाला होगा.संगठन ने कहा कि केंद्र ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से विस्थापित होने वालों को वैध नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक लागू किया तो वह संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग करेगा.
The JCPI asked the chief ministers of the northeastern states to come together and oppose the Bill https://t.co/rCr8cjJbiQ
— Economic Times (@EconomicTimes) October 4, 2019
जेसीपीआई ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एकजुट होकर इस विधेयक का विरोध करने का आह्वान किया.
जेसीपीआई ने कहा, ‘मौजूदा समय में दीमापुर में तीन से चार लाख शरणार्थी रह रहे हैं, असम में 31 अगस्त को एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी हुआ था. यह आगे और बढ़ने वाला है. नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होने पर इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी और नगालैंड पहले जैसा नहीं रहेगा.’
Protestors including members of JCPI and NEFIP submit a memorandum to Nagaland chief minister Neiphiu Rio@Neiphiu_Rio @WeTheNagas #citizenship @HMOIndia @PMOIndia https://t.co/8IvlaUUQgy
— Northeast Now (@NENowNews) October 3, 2019
इम्फाल में इस विधेयक के विरोध में हजारों की संख्या में महिलाएं और छात्र सड़कों पर उतरे. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले मणिपुर पीपुल अगेंस्ट सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (एमएएनपीएसी) का कहना है कि यह नागरिकता संशोधन विधेयक असम समझौता को अप्रभावी कर देगा.
#News: Mass rallies taken out to demand scrapping of the contentious bill in various parts of the region, particularly in states like Manipur, Meghalaya and Nagaland@AmitShah @narendramodi #EastStory#NorthEastIndiahttps://t.co/Mv5vDizQEM
— EastMojo (@EastMojo) October 3, 2019
नगालैंड की राजधानी कोहिमा में भी विभिन्न नगा जनजातियों के हजारों प्रतिनिधियों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में ‘ज्वाइंट कमिटी ऑन प्रोटेक्शन ऑफ इंडिजनस पीपुल (जेसीपीआई), नगालैंड एंड नॉर्थ ईस्ट फोरम ऑफ इंडिजनस पीपुल (एनईएफआईपी) के आह्वान पर विरोध मार्च निकाला और मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को ज्ञापन सौंपा.
Krishak Mukti Sangram Samiti (KMSS) and the All Assam Students’ Union (AASU) criticised Amit Shah for asserting that the Centre would bring the Citizenship (Amendment) Bill in the winter session of Parliament.https://t.co/YrCq9Xnm0i
— The Telegraph (@ttindia) October 3, 2019
ज्ञापन में कहा गया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनजातियों के सिर पर लटक रही खतरे की तलवार है. शिलांग में आयोजित रैली में एनईएफआईपी ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन विधेयक क्षेत्र से मूल जनजातियों के खात्मे की कोशिश है.