करीब 500 व्यक्तियों, महिला संगठनों, महिला अधिकार संगठनों, लोकतंत्र कार्यकर्ताओं, वकीलों, शिक्षाविदों, छात्रों, लेखकों और दुनिया भर के पत्रकारों के एक समूह ने कश्मीर की महिलाओं के समर्थन में एक बयान जारी कर भारत सरकार से कश्मीर में लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है.
A group of 500 individuals and organisations of feminists, women’s rights and democracy activists, lawyers, academics, students, writers, and journalists from across the world have issued a statement in solidarity with the women of Kashmir. https://t.co/LqixqiQhVn
— Scroll.in (@scroll_in) September 27, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के एक दिन पहले यह बयान जारी किया गया है. गौरतलब है कि बीते रविवार को टेक्सास में एक कार्यक्रम में मोदी ने कश्मीर को लेकर अपनी सरकार के हालिया फैसलों का बचाव किया और पाकिस्तान की आलोचना की थी.
ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में आयोजित ‘Howdy Modi’ कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित प्रवासी भारतीयों से कहा कि वे उन सांसदों के सम्मान में खड़े हो जायें जिन्होंने अगस्त में जम्मू-कश्मीर की विशेष संवैधानिक स्थिति को रद्द करने के फैसले को मंजूरी दी थी.
जारी बयान पर हस्ताक्षर करने वाली महिलाओं ने कहा कि कश्मीर में स्वतंत्रता, न्याय, सत्य और व्यापक मानव अधिकारों के उल्लंघन और विशेष कर महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के विरुद्ध संघर्षों में कश्मीरी महिलाएं हमेशा आगे रही हैं.
बयान पर हस्ताक्षर करने वाली महिलाओं ने कहा कि, आज दुनिया की महिलाएं कश्मीर की महिलाओं के साथ खड़ी हैं.उन्होंने भारत सरकार से कश्मीर से आक्रामकता,हिंसा, सैनिक कार्यवाही और हमलों को रोकने की अपील की है. क्योंकि 1947 से आज तक सैन्य बल से कश्मीर विवाद का कोई समाधान नहीं हो पाया है.
इस बयान पर कुछ प्रसिद्ध हस्ताक्षरकर्ताओं में शिक्षाविद निवेदिता मेनन, नंदिनी सुंदर, कल्पना कन्नबीरन, मीना कंदासामी जैसे नाम शामिल हैं.
इस बयान का 30 देशों के व्यक्तियों और संगठनों ने समर्थन किया है- दक्षिण एशियाई देशों से लेकर अमेरिका, ईरान, इंडोनेशिया, इजरायल, फिलिस्तीन और युगांडा तक इसमें शामिल है.
स्क्रॉल इन के साभार से प्रकाशित