जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 के बाद 144 बच्चों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें अधिकांश बच्चे 9 से 18 साल के बीच के हैं. जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति यानी जुवेनाइल जस्टिस कमिटी (जेजेसी) ने सुप्रीम कोर्ट में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि 5 अगस्त के बाद 144 बच्चों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि घाटी में कोई भी बच्चा अवैध हिरासत में नहीं है.
144 Juveniles Arrested Since Aug 5 ; None Under Illegal Detention : J&K Juvenile Justice Committee Submits Report Quoting Police [Read Report] https://t.co/AYRBx3Wvss
— Live Law (@LiveLawIndia) October 2, 2019
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमिटी (जेजेसी) की यह रिपोर्ट राज्य पुलिस और एकीकृत बाल संरक्षण सेवाओं से प्राप्त पैनल के आंकड़ों पर आधारित है.
बाल अधिकार कार्यकर्ता इनाक्षी गांगुली और शांता सिन्हा द्वारा एक याचिका दावा किया गया था कि 5 अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से कश्मीर में निवारक निरोध कानून के तहत कई नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है .इस याचिका पर सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने 20 सितंबर को कहा था,’मामला बच्चों के गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लेने का है, हम जुवेनाइल जस्टिस कमिटी को मामले की जांच के निर्देश देते हैं. हमें एक सप्ताह के अंदर इसपर जवाब चाहिए.’
जुवेनाइल जस्टिस कमिटी के सदस्यों में चार जज जस्टिस अली मोहम्मद मागरे, धीरज सिंह ठाकुर, संजीव कुमार और राशिद अली हैं. अपनी डिटेल रिपोर्ट में जेजेसी ने दर्ज की गई एफआईआर, हिरासत में लिए जाने के बाद रिहाई की विस्तृत जानकारी दी है.
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अली मोहम्मद माग्रे की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति की रिपोर्ट, न्यायमूर्ति एनवी रमना, न्यायमूर्ति आर सुबाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ को सौंपी गई, जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ बाल अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है.
रिपोर्ट के अनुसार राज्य की पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा के मुताबिक, 5 अगस्त से 23 सितंबर के बीच 9 से 18 साल के बीच के 144 बच्चों को गिरफ्तार किया गया. जिनमें से 13 से 18 साल के बीच के 9 बच्चों को अशांति फैलाने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया, वहीं बाकी को शांति भंग करने के केस में गिरफ्तार किया गया. अब तक सिर्फ दो ही बच्चे न्यायिक हिरासत में हैं, जिन्हें जुवेनाइल होम में रखा गया है. बाकी सभी को रिहा कर दिया गया है.
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