कोरोना से मुकाबले के लिए वेंटीलेटर्स की काफी अहमियत है। ये वह उपकरण है जिसके ज़रिये मानव अंगों को कृत्रिम तरीके से भी जीवित रखा जा सकता है और कई बार कोमा में पहुँच चुका मरीज़ इसके सहारे फिर से जिंदगी पा जाता है। कोरोना का आतंक शुरू होते ही इसकी माँग अचानक बढ़ गयी और देश-विदेश, कहीं से भी इसका इतंज़ाम करने की कोशिश की जाने लगे। लेकिन देश में कोरोना मामलों को लेकर नंबर दो हो चुके गुजरात में कुछ अलग ही खेल हुआ। कुछ दिन पहले अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में गुजरात में ही बने वेंटीलेटर लगाये गये जिनका उद्घाटन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने किया। लेकिन ‘अहमदाबाद मिरर’ नाम की वेबसाइट ने खुलासा किया है कि जिसको वेंटीलेटर कहा जा रहा था वो सिर्फ़ सांस लेने का एक उपकरण भर है। जिन्हें मशीनीकृत एम्बू बैग कहा जाता है। एम्बू बैग के माध्यम से सांस लेने में समस्या होने पर कृत्रिम सांस दी जाती है। लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री ने 4 अप्रैल को बतौर वेंटीलेटर इनका उद्घाटन करते हुए बताया था कि ये बढ़िया काम कर रहे हैं। इन वेंटिलेटर्स को राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में लगा दिया गया है तो पता चला है कि ये सिर्फ एम्बू बैग हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के अधिकारियों का भी कहना है कि जिन उपकरणों की आपूर्ति हुई है उनसे उन्नत परिणाम नहीं मिल पा रहा है। 18 मई 2020 तक गुजरात में कोरोना संक्रमण के कुल 11,746 मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें 6,248 मामले अभी एक्टिव हैं और 4,804 लोग ठीक हो चुके हैं साथ ही 694 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है। और ये आंकड़े उस राज्य के हैं, जहां वेंटिलेटर्स के नाम पर एम्बू बैग्स पास कर दिए जाते हैं। जिन एम्बू बैग्स को वेंटिलेटर्स के नाम से प्रचारित किया गया और अस्पतालों में आपूर्ति की गयी। उसके बारे में गुजरात सरकार द्वारा जारी किये गए प्रेस नोट में बताया गया था कि राजकोट स्थित एक कंपनी ज्योति सीएनसी ने मात्र 10 दिनों में ये वेंटिलेटर्स बनाये गए हैं और इनकी कीमत भी 1 लाख रुपए से कम है। साथ ही उसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम कैंपेन मेक इन इंडिया में ये वेंटिलेटर्स नया अध्याय जोड़ेंगे।
इस मामले को लेकर गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने एक ट्वीट करके गुजरात सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, “मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कथित तौर पर एम्बू बैग्स को वेंटिलेटर्स के तौर पर अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में पास करके लगवाया था। अपने दोस्त की कंपनी को हित पहुंचाने के लिए लिया गया ये क़दम लोगों की जान के साथ समझौता है”
For the urgent attention of National Media-@vijayrupanibjp ji has allegedly 'passed of Ambu-bags as Ventilators' in Ahmedabad Civil Hospital. This is a serious kind of compromise with human lives just for the interests of his friend's company.https://t.co/CqLytcZIx6
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) May 18, 2020
प्रशांत भूषण ने भी इस मामले से संबंधित एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि गुजरात मॉडल! सी.एम रूपाणी के द्वारा एम्बू बैग्स को वेंटिलेटर्स की जगह पास करना अपराध होने के साथ ही ये भी दर्शाता है कि विजय रूपाणी के शासन में गुजरात सरकार किस तरह से काम कर रही है.
Gujarat Model! CM Rupani passes off Ambu-bags as Ventilators! "A chief minister passing off Ambu-bag as ventilators is not just criminal but reflects how everything runs in Gujarat government these days under the regime of Rupani" https://t.co/pHzqboKaTn
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 18, 2020
कांग्रेस के प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने भी अहमदाबाद मिरर को दिए अपने एक बयान में इस मामले को चिंताजनक बताया है और उन्होंने कहा कि कंपनी के लोग सिविल अस्पताल गए भी नहीं थे और 15 मई 2020 को सिविल हॉस्पिटल द्वारा लिखे गए पत्र का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि पत्र में बताया गया था कि इनसे वांछित परिणाम नहीं मिल रहे हैं। फिर किसके निर्देशों पर इन वेंटिलेटर्स को अस्पतालों में लगाया गया ? कौन इस कंपनी का निदेशक है ? जिस शहर की कंपनी का ये उपकरण है, सीएम भी उसी शहर से आते हैं। साथ ही इसकी भी जांच होनी चाहिए कि इस कंपनी से भाजपा को कितना फण्ड मिला है ?
देश भर में कोरोना संक्रमण के कुल 97,987 मामले आये हैं। जिनमें से 56,732 एक्टिव मामले हैं और 38,156 लोग इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। 3,093 लोगों कि देश भर में मृत्यु हो चुकी है। इसी तरह राज्य स्तर पर देखें तो महाराष्ट्र में 33,053 संक्रमण के केस सामने आये हैं। 24,167 एक्टिव केस हैं। 7,688 लोग ठीक हो चुके हैं और 1,198 लोगों की महाराष्ट्र में इस संक्रमण से मृत्यु हुई है। तमिलनाडु में 11 हज़ार 760 मामले कोरोना संक्रमण के पाए गए हैं। जिनमें से 7 हज़ार 272 एक्टिव हैं और 4 हज़ार 406 लोग ठीक हो चुके हैं। तमिलनाडु में इस संक्रमण से कुल 82 लोगों की मृत्यु हुई है। दिल्ली में भी रोज़ाना बड़े स्तर पर कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। अब तक 10,054 मामले सामने आये हैं। जिनमें 5 हज़ार 409 एक्टिव केस हैं। 4 हज़ार 485 लोग इससे ठीक हो चुके हैं और 160 लोगों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गयी है।