पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित होने वाले हज़ारों शिक्षकों की मौत हो गयी है। शिक्षक संघों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी है। उन्होंने 1621 शिक्षकों की लिस्ट भी जारी की है जिनकी मौत हुई है। हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुएकहा है कि जान गँवाने वाले शिक्षकों के परिजनो को एक करोड़ का मुआवज़ा मिलना चाहिए।
बहरहाल, यूपी की योगी सरकार महज़ तीन शिक्षकों की कोरोना से मौत स्वीकार कर रही है जिस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने सख्त ऐतराज़ जताया है। उन्होने फेसबुक पर ख़बर को साझा करते हुए लिखा है-
“पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।”
ग़ौरतलब है कि प्रियंका गाँधी पहले भी इस मुद्दे को उठा चुकी हैं। तब करीब सात सौ की सूची शिक्षक संघ ने जारी की थी। प्रियंका ने सारी सूटी अपने ट्विटर पर डालकर सरकार से पचास लाखा मुआवज़ा देने की माँग की थी। कांग्रेस ने कहा है कि वह जान गँवाने वाले सभी शिक्षकों को मुआवज़ा दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।