बिहार की लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित, सरकार की व्यवस्था नदारद- माले

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राजनीति Published On :


भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने उत्तर बिहार में बाढ़ की विकरालता और सरकार की अव्वल दर्जे की निष्क्रियता पर गहरा रोष जाहिर किया है. कहा कि बाढ़ ने एक बार फिर लाखों की आबादी के जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, लेकिन सरकार का आपदा प्रबंधन कहीं दिख तक नहीं रहा है. कोरोना और बाढ़ ने पूरे उत्तर बिहार की कमर तोड़ दी है लेकिन सरकार को वर्चुअल रैलियों से फुर्सत नहीं है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसी भी प्रकार का राहत अभियान नहीं चल रहा है.

आज पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा से लेकर सीमांचल का इलाका तटबंधों के लगातार टूटने के कारण बाढ़ से घिर गया है. पश्चिम चंपारण के सैंकड़ो गांवों में पानी घुस आया है और रास्ते बंद हो गए हैं. लोगों की मौतें हो रही हैं लेकिन प्रशासन निष्क्रिय बैठा है.

माले राज्य सचिव ने कहा कि चंपारण में नौतन-बैरिया में जो तटबंध टूटा, उसमें 23 जगह रिसाव हो रहे थे. इसकी मरम्मत का ठेका भाजपा-जदयू के स्थानीय कार्यकर्ताओं को मिला था. उन्होंने तटबंध मरम्मत के बजाए इसमें भारी घपला किया. इसके पूर्व गोपालगंज के बहुचर्चित सतरघाट पुल का हाल हम सबने देखा है. दरअसल, तटबंधों, बांधों के निर्माण में भाजपा-जदयू के शासन में बड़े-बड़े घोटाले ही हुए हैं. यही कारण है कि ये तटबंध एक बारिश को भी नहीं झेल पाते.

मुजफ्फरपुर के कटरा, औराई, गायघाट, बंदरा, बोचहां, मुशहरी, मीनापुर, साहेबगंज, पारू, मोतीपुर, सरैया सहित प्रायः प्रखंडों के गांव-पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. यहां तक कि शहर में भी जलजमाव से त्राहीमाम मचा हुआ है, लेकिन सरकार का आपदा राहत कहीं भी दिखलाई नहीं पड़ रहा है. दरभंगा में भी जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बहादुरपुर के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. माले की टीम ने आज उन गांवों का दौरा किया. इसी प्रखंड के कई गांवों में पाॅलीथिन व सूखा राहत को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है. आज माले के नेतृत्व में वहां सीओ का घेराव किया गया.

उन्होंने कहा कि गोपालगंज में भी उसी प्रकार स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है और पानी अब सिवान की ओर भी फैलने लगा है. गोपालगंज जिला में बैकुंठपुर प्रखंड में तीन बांध है और तीनों बांध में तीन जगह टूट चुका है. बांध नंबर 1 पाकहाँ ,बनौरा पूर्व मुखिया जोगिंदर यादव के घर के सामने 70 घाट पल से 1 किलोमीटर पश्चिम जमीन दारी बांध कहलाता है ,दूसरा बांध जो है चीतपुरा, भानु मिश्रा पूर्व बीडीसी का घर ध्वस्त हो चुका है उनके घर के सामने बांध टूटा है तीसरा जो बांध है बंगरा, मड़वा मुंजा तीन जगह टूटा है. बैकुंठपुर ब्लॉक में लगभग 14 पंचायत बाढ़ से प्रभावित है, माझा प्रखण्ड के पुरैना में बांध टूटा है ,बरौली प्रखण्ड में देवापुर के सामने बांध टूटा है.

भाकपा-माले मांग करती है कि बाढ़ प्रभावित सभी गांव-पंचायतों में बड़े पैमाने पर त्रिपाल, सूखा भोजन सामग्री के पैकेट के साथ ही सामुदायिक भोजनालय, शुद्ध पेयजल तथा मवेशियों के लिए चारा की गारंटी करनी चाहिए. कोरोना महामारी तथा बाढ़ जनित बीमारी के मद्देनजर स्थानीय स्तर पर इमरजेंसी मेडिकल कैंप, एंबुलेंस तथा बड़े पैमाने पर बीमारी से बचाव हेतु छिड़काव की व्यवस्था जरूरी है. कोरोना महामारी को देखते हुए बड़े पैमाने पर बेहतर किस्म के मास्क, सैनेटाइजर तथा साबून के वितरण की भी गारंटी  सरकार को करनी चाहिए ताकि लोगों के जान-माल की रक्षा हो सके.


विज्ञप्ति पर आधारित


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