चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, मुकेश साहनी और शरद यादव जैसे हाइप्रोफाइल प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। बिहार में किसकी सीटें अधिक रहेंगी, इसको लेकर तीन चरण के चुनाव जीतने…
अक्षय कुमार को दिए इंटरव्यू में वे कह रहे हैं कि जब वे मुख्यमंत्री भी नहीं थे तब एक बार संसद आए थे और वहां उन्होंने गुलाम नबी आज़ाद के साथ गप्पें मारी…
12 मई 2016 को यह खबर अखबारों की सुर्खियां बनी कि 2008 के मालेगांव बम धमाकों के मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने तय किया है कि वह मुंबई की अदालत में…
आठवीं लोकसभा के लिए 1984 में हुआ आम चुनाव असाधारण था। लगभग दो दशक तक देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बनी रहीं एक वीरांगना की हत्या हो गई थी। पहली बार देश…
जब नरेन्द्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में संसदीय दल के नेता चुने गए और प्रधानमंत्री बनकर पहली बार संसद भवन पहुंचे तो उन्होंने संसद भवन के गेट पर माथा टेका था। सेवकजी…
सत्रहवें लोकसभा चुनाव के लिए भारत के बड़े राज्यों में से एक तमिलनाडु के 38 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग 18 अप्रैल को शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इसमें औसत 72 प्रतिशत का मतदान हुआ।…
शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक विशेष बेंच बैठा कर अपने आपको यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर लिया। न्याय के सभी सिद्धान्तों को धता बताते हुए आरोप के घेरे…
चाय है तो चर्चा है, चर्चा है तो चाय है, चाय पर चर्चा इस देश के चरित्र में शामिल है। जब कुछ है तो चाय है, जब कुछ नहीं है तो चाय है।…
चुनावी मौसम में मिथिलांचल में भटकते भटकते हमें उमेश पासवान मिल गए, जो मैथिली के जाने माने कवि हैं। उन्हें साहित्य अकादमी का युवा कवि पुरस्कार मिला है और दिलचस्प बात है कि…
8 अप्रैल की सुबह से ही एबीपी न्यूज़ की ब्रेकिंग बनी रही इस खबर ने कोहराम मचा रखा था कि चुनाव का रुख बदल देने वाला इंटरव्यू आयेगा। इस ‘क्रांतिकारी’ इंटरव्यू की जो…
आपातकाल के दुर्भाग्यपूर्ण कालखंड की कोख से 1977 में जिस नए गैर-कांग्रेसी प्रयोग का जन्म हुआ उसने 1980 आते-आते दम तोड़ दिया। जनता पार्टी में शामिल विभिन्न घटक दलों के नेताओं ने अपनी…
हमारे देश के संदर्भ में हमेशा यह बात कही जाती है कि भारत विविधताओं का देश है. हमारी राजनीति के बारे में कहा जाता रहा है कि भारतीय राजनीति संक्रमण से गुज़र रही…
पहली बार जब सीबीआइ के विशेष जज जस्टिस बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की कहानी कारवां पत्रिका में छपी थी, तब से लेकर अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस…
इस देश का मतदाता ज्यादा ईमानदार है या नेता? इसे इस तरह भी पूछ सकते हैं कि दोनों में से ज्यादा बेईमान कौन है? अगर नेता बेईमान है तो इसका दोष मतदाता पर…
भाजपा ने ज़मानत पर बाहर आतंकवाद की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को अपने में शामिल किया और भोपाल से टिकट दे दिया। क्या आपको आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोई बयान या प्रतिक्रिया…
आजाद भारत के चुनावी इतिहास में 1977 का आम चुनाव हमेशा बेहद शिद्दत से याद किया जाएगा क्योंकि यह आम चुनाव इससे पहले और इसके बाद अब तक हुए सभी आम चुनावों से…
सत्रहवें लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लंबित चुनाव ‘सुरक्षा’ कारणों से नहीं कराने का निर्वाचन आयोग का निर्णय अधिकतर कश्मीरियों के पल्ले नहीं पड़ा। राज्य में लोकसभा की सभी छह सीटों…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शायद ही कभी अपराधियों पर दबिश बनाने का श्रेय लेना छोड़ते हों। पिछले साल जब से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नई सरकार आयी है, तब से…
बिहार के पहले दलित सांसद किराय मुसहर के पौत्र उमेश से पुष्य मित्र की बातचीत
बीते पांच साल के एनडीए के शासन में जो सबसे बड़े पत्रकारीय उद्घाटन हुए और जो विवाद सबसे लंबे समय तक चले, उनमें निर्विवाद रूप से जस्टिस बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में…
टाखेलेस यिद्दिश भाषा से लिया गया जर्मन शब्द है, जिसका मतलब है सीधी-सपाट या खरी-खोटी बातें. जहां अभी तीन साल पहले तक टाखेलेस हुआ करता था– शहर के केंद्र में ओरानियेनबुर्गर टोर के…
बरतानवी हुकूमत से देश के आजाद होने के साथ ही जिस तरह महात्मा गांधी की कांग्रेस अनौपचारिक रूप से समाप्त हो गई थी, ठीक उसी तरह जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस भी उनकी मौत…
कल आंबेडकर जयंती है। राजकमल प्रकाशन से हाल में आयी अरुंधति रॉय की पुस्तक ‘एक था डॉक्टर एक था संत’ इस लिहाज से काफी प्रासंगिक है। वर्तमान भारत में असमानता को समझने और…
चुनाव पर चर्चा से पहले दो खौफ़नाक कथन : 1- “ मोदी नाम की सुनामी है.देश में जागृति आई है.मुझे लगता है कि इस चुनाव के बाद 2024 में चुनाव नहीं होगा.केवल यही…
सन् 1967 में हुए चौथे आम चुनाव से भारतीय राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। इस आम चुनाव की काफी कुछ पृष्ठभूमि 1962 में हुए तीसरे आम चुनाव में ही तैयार…