यक़ीन करना मुश्किल है, लेकिन खुद को इतिहास की सबसे राष्ट्रवादी सरकार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार चीन की आक्रामक रणनीति के आगे बेबस नज़र आ रही है। सरकार के दबाव…
लाल बहादुर सिंह अमित शाह ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। लोग हतप्रभ हैं। क्या कोरोना का खतरा टल गया, उसका Curve फ्लैट हो गया, क्या वह अब ढलान पर है? ऐसे समय…
सत्यम वर्मा दुनिया भर में थू-थू के बावजूद मोदी सरकार द्वारा बड़े प्यार से पिछले गणतंत्र दिवस के मौक़े पर मुख्य अतिथि बनाकर बुलाये गये ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने अपने दोस्त…
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रकाश झा का साप्ताहिक स्तम्भ चुनाव चर्चा आज से फिर शुरू हो रहा है। लगभग साल भर पहले, लोकसभा चुनाव के बाद यह स्तम्भ स्थगित हो गया था। मीडिला हलकों…
हमारे देश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की जो दुर्गति है, उसका खामियाजा सिर्फ बेरोजगार युवाओं को ही नहीं बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था को भुगतना पड़ता है। अलग अलग राज्यों में सबसे ज़्यादा…
संध्या अनुपम खेर…! इन महोदय की पहली फ़िल्म का नाम “सारांश” था। जीवन की लंबी फिल्मी यात्रा के दौरान वर्ष 2005 में इनकी एक और फ़िल्म आई थी जिसका नाम था “मैंने…
एक ज़रुरी अभियान की फ़िल्म इस कठिन कठोर क्वारंटीन समय में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. यह मीडिया विजिल के लिए लिखे जा रहे उनके साप्ताहिक…
नीतीश कुमार और सुशील मोदी, शोर मचा कर काम नहीं करते… मोदी जी के नेतृत्व में देश का दुनिया में नाम हुआ है… कोरोना के समय में, लोगों ने मोदी जी का साथ…
मुझे तानाशाहों की पहचान है, अमरीका सावधान सलमान रुश्दी मैंने अपनी ज़िंदगी में कई तानाशाहों को चढ़ते और गिरते देखा है. आज मैं इस अप्रिय नस्ल के लोगों की पिछली पीढ़ियों को याद…
हिमांशु पंड्या वे ग्यारह हैं. आज से ठीक दो साल पहले इनमें से पाँच को गिरफ्तार किया गया. बाद में छह और गिरफ्तार हुए. इनमें से कोई अपनी भाषा के सबसे बड़े…
पत्रकारिता बिनाका गीतमाला नहीं है। फ़रमाइश की चिट्ठी लिख दी और गीत बज गया। गीतमाला चलाने के लिए भी पैसे और लोग की ज़रूरत तो होती होगी। मैं हर दिन ऐसे मैसेज देखता…
कुमार संभव उत्तरी अटलांटिक सागर में मुख्य योरपीय भू-भाग से थोड़ा सा छिटका हुआ एक छोटा सा संपन्न, सुन्दर और सभ्य देश है आइसलैंड। योरप में इंग्लैंण्ड के बाद सबसे बड़ा द्वीप। …
अमेरिका मे बीती 25 मई को एक 46 साल के अश्वेत नागरिक ‘जॉर्ज फ्लॉयड’ की पुलिस ने हिरासत में लेने के दौरान मौत हो गयी। एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज की गर्दन…
पिछले तीन माह में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मोर्चे पर असफल रही है। न केवल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से…
अजित सिंह यादव कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 3 जून 2020 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रमुख कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर…
महामारी एक है। जर्मनी और अमरीका एक नहीं हैं। रोज़गार और बेरोज़गारी को लेकर दोनों की नीति अलग है। जर्मनी ने सारे नियोक्ताओं यानि कंपनियों दफ्तरों और दुकानों के मालिकों से कहा कि…
5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस, जिसकी शुरूआत 1972 से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की गयी थी – आज के समय और ज़्यादा प्रासंगिक हो जाना चाहिए था। आज पर्यावरण पर संकट एक…
केरल के पलक्कड़ ज़िले में एक गर्भवती हथिनी की दुखद मृत्यु को लेकर रिपोर्ट में कुछ ग़लतबयानी को लेकर एनडीटीवी की पत्रकार शैलजा वर्मा ने माफ़ी माँगी है। ट्विटर पर यह माफ़ीनामा उन्होंने…
बुधवार, 3 जून को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 में तब्दीली को मंज़ूरी दे दी गयी। 65 साल बाद हुए इस बदलाव पर सरकार अपनी…
उर्दू के मशहूर आलोचक शम्शुर्रहमान फारुक़ी का उपन्यास कई चाँद थे सरे आसमाँ 2014 में छपा था। मूल रूप से उर्दू में लिखा गया यह उपन्यास देखते ही देखते अनुवाद के ज़रिये तमाम…
प्रियदर्शन मालवीय शुरुआत में ऐसा लगा कि कोरोना के कारण सड़क दुर्घटनाएं नहीं के बराबर हो रही हैं मगर बाद में एक के बाद एक तमाम दिल दहलाने वाली दुर्घटनाएँ हुईं। लखनऊ…
आनंद मालवीय प्रधानमंत्री जी ने अपने हालिया उद्बोधन में आत्मनिर्भरता स्वदेशी और स्थानीयता पर बल दिया। इस सरकार में इन्हीं विषय को लेकर कई अंतर्विरोध है इस पर फिलहाल मैं कुछ नहीं कहूँगा…
गिरीश मालवीय रेलवे के बाद निजीकरण के मामले में सरकार की नजर आपके घर की बिजली पर है। सरकार चाहती है कि बिजली क्षेत्र पूरी तरह से प्राइवेट हाथों में चला जाए,…
‘हम चाहते हैं कि हमें सुना जाए..’ 25 मई 2020, अमेरिका के मिनिएपोलिस शहर में जॉर्ज फ़्लॉयड नाम का एक निहत्था अश्वेत व्यक्ति, डेरिक शौविन नाम के एक श्वेत पुलिस कर्मचारी के घुटनो…
रामशरण जोशी अमेरिका के ट्रम्प शासन काल में रंग-भेद नस्ल-भेद का मुद्दा फिर से शिद्दत के साथ देश भर में फ़ैल गया है। हिंसक घटनाओं ने समाज और पुलिस प्रशासन को अपनी…