स्वामी विरजानंद थे दयानंद सरस्वती के गुरु। नेत्रहीन थे लेकिन 1857 की क्रांति की पृष्ठभूमि तैयार करने में भूमिका निभायी। 1856 में हिंदू और मुस्लिम फ़क़ीरों ने मथुरा की पंचायत में मिलकर कहा…
नीतीश जी पिछले पंद्रह वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। बीच के आठ महीने बेशक उन्होंने कुर्सी जीतनराम मांझी के लिए छोड़ी थी, लेकिन रिमोट-कण्ट्रोल की बागडोर नहीं छोड़ी थी। मांझी थोड़े बिदके…
और यही राजनीति है। क्योंकि, प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने वाली सरकार और सूत्रों की खबर छापने वाले मीडिया के बीच, कोरोना के संकट में शनिवार को जारी हुई इस खबर का शीर्षक टेलीग्राफ…
पिछले कई दिनों में हमने मेनस्ट्रीम मीडिया, सोशल मीडिया, व्हॉट्सएप से लेकर निजी बातचीत तक में कई बार सुना कि 'पीड़ित की कोई जाति नहीं होती...' पर जाति के बाहर विवाह तक पर…
कृषि कानूनों में बदलाव और उसके ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन पर पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी.सिंह के पौत्र इंद्र शेखर सिंह और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा से सौम्या गुप्ता…
पुनर्जागरण की राजनीति।राष्ट्रराज्य में आधुनिकता और पूँजीवाद का जन्म। राज्य का जन्म और विकास और अराजकतावाद का दर्शन।
कुछ लोग खुश हो सकते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में दक्षिण दिल्ली के शाहीनबाग में तीन माह से ज्यादा चले धरने-प्रदर्शनों को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए…
युनीक आईडेंटिटी अथॉरिटी ओफ इंडिया (आधार) के 31 मई 2020 को जारी डेटा के अनुसार तब बिहार की आबादी 12.4 करोड थी. निर्वाचन आयोग ने 25 सितम्बर को बिहार विधान सभा के…
आदमखोर बाघ मर जाता है तो ऐरू गैरू नत्थू खैरू सभी मरे पड़े बाघ के पीछे खड़े होकर फोटो खिंचवाने लग जाते है. कमोबेश यही परिदृश्य अर्णव गोस्वामी (अर्गो) और उसके खबरिया टीवी…
ये सिस्टम ही फ़्राड है। और इस फ़्राड के सभी लाभार्थी रहे हैं। रेटिंग का फ़्राड सिर्फ़ एक तरीक़े से नहीं किया जाता है। यह काम सिर्फ़ अकेले चैनल नहीं करता है बल्कि…
‘आये हैं सो जाएंगे, राजा-रंक-फ़क़ीर’- जो भी दुनिया में हैं, एक दिन विदा होंगे। अनेक वर्षों से बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रामविलास जी चुपचाप विदा हो गए। पिछले कई…
बात किन्हीं एक या दो ‘तात्कालिक’, ‘संवेदनशील’ या ‘आग लगाऊ’ मुद्दों की ही नहीं है। अपने देश में हो या दुनिया में, गैरबराबरी व शोषण पर आधारित समाज व्यवस्थाओं में दलित-पीड़ित व वंचित…
साधारण कथाओं का यह असाधारण दौर है। बिहार उन्हीं साधारण कथाओं के फ्रेम में फंसा एक जहाज़ है। बिहार की राजनीति में जाति के कई टापू हैं। बिहार की राजनीति में गठबंधनों के…
आर.राम मनोज मंजिल, बिहार के आरा से अगियांव विधान सभा क्षेत्र से भाकपा माले के उम्मीदवार हैं। मनोज भोजपुर के रेडिकल वाम आंदोलन के नई पीढी के प्रतिनिधि नेता हैं। उन्होंने…
‘अस्सी नब्बे पूरे सौ, सौ में लगा धागा, चोर निकल के भागा’- सूत्र वाक्य तरह की ये बात बिहार में बच्चों के बीच बेहद पुराने ‘सूई–धागा खेल’ में कहते है. इस खेल में…
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गत रविवार को विपक्ष पर हाथरस में एक दलित युवती से हुई बर्बरता की आड़ में जाति युद्ध भड़काने की तोहमत लगाने के 24 घंटे के…
भारतीय सामाजिक संस्थान, बेंगलुरु, ने कुछ गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर प्रवासी कामगारों का विस्तृत अध्ययन किया है- लॉकडाउन से पहले उनकी स्थिति, लॉकडाउन के दौरान उन पर हुए आघात, उनकी वर्तमान…
महात्मा गांधी (02 अक्टूबर 1869 – 30 जनवरी1948) भारत के संविधान में प्रयुक्त पदबंध ‘हम भारत के लोग’ के लिये ही नहीं, पूरी दुनिया के वास्ते ‘सत्य’ के मेटाफर भी बन चुके हैं.…
सरकारों के मुंह पर पुलिस का खून तो लगा ही हुआ था अब अदालतों का खून भी लग गया है। कहते हैं ब्रिटिश राज ने दुनिया भर में फैले अपने औपनिवेशिक साम्राज्य को…
भारत में गणतंत्र बनने के साथ ही महिला और पुरुष की समानता का सिद्धांत स्थापित हुआ। संविधान, सदियों से महिलाएं जिस असमानता की विरासत को ढो रही थी, उससे आजादी का मार्ग प्रशस्त…