प्रज्ञा ठाकुर हिंदू संस्‍कृति का प्रतीक, जस्टिस लोया की कहानी कांग्रेसी स्क्रिप्‍ट: PM



पहली बार जब सीबीआइ के विशेष जज जस्टिस बीएच लोया की संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई मौत की कहानी कारवां पत्रिका में छपी थी, तब से लेकर अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर एक शब्‍द भी नहीं बोला है। शुक्रवार को अपनी चुप्‍पी आखिरकार उन्‍होंने तोड़ दी औरलोया की मौत को “नैचुरल’’ बताते हुए पूरी कहानी को कांग्रेसी पटकथा करार दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार दो ऐसे मुद्दों पर अपना मुंह खोला जिनमें एक पर वे दो दिन से और दूसरे पर दो साल से चुप थे। निजी टीवी चैनल टाइम्‍स नाउ को एक इंटरव्‍यू देते हुए वे प्रज्ञा ठाकुर की उम्‍मीदवारी पर हुए विवाद का जवाब दे रहे थे।

प्रज्ञा ठाकुर की उम्‍मीदवारी पर उन्‍होंने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद हुए सिखों के कत्‍लेआम का हवाला देते हुए कहा कि इस कांड के दोषी बाद में सांसद बने और उनमें एक आज मध्‍यप्रदेश का मुख्‍यमंत्री बना हुआ है, तब तो मीडिया ने उनसे ये सवाल नहीं पूछा। उन्‍होंने कहा कि अमेठी का प्रत्‍याशी ज़मानत पर है, रायबरेली का प्रत्‍याशी ज़मानत पर है लेकिन मीडिया भोपाल के प्रत्‍याशी को मुद्दा बना रहा है।

हिंदू संस्‍कृति की महानता को गिनाते हुए उन्‍होंने  साफ़ कहा कि प्रज्ञा ठाकुर की उम्‍मीदवारी कांग्रेस को भारी पड़ने वाली है।

इसी क्रम में उन्‍होंने बताया कि गुजरात में रहते हुए उन्‍होंने कांग्रेस का मोडस ऑपरेंडी देखा है। वे बोले कि कांग्रेस पहले एक घटना की स्क्रिप्‍ट बनाती है, फिर एक खलनायक खोजती है, उसमें हीरो-हीरोइन भरती है और रंग भर देती है। इस संदर्भ में उन्‍नहोंने दो साल में पहली बार जस्टिस बीएस लोया की संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई मौत पर अपनी ज़बान खोली और कहा कि जस्टिस लोया की मौत ‘’नैचुरल’’ हुई थी लेकिन उसे हत्‍या बताना कांग्रेस की स्क्रिप्‍ट थी।

इसी स्क्रिप्‍ट के नाम पर उन्‍होंने नोटबंदी पर कांग्रेस के खुलासे से लेकर तमाम मुद्दों को लपेट दिया।

देखिए टाइम्‍स नाउ का वह वीडियो


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