ये मेरा चमन है मेरा चमन/मैं अपने चमन का बुलबुल हूँ
जो अब्र यहाँ से उट्ठेगा/ वो सारे जहाँ पर बरसेगा
हर जू-ए-रवां पर बरसेगा/हर कोह-ए-गिरां पर बरसेगा
हर सर्वो समन पर बरसेगा/हर कोहो-दमन पर बरसेगा
ख़ुद अपने चमन पर बरसेगा/गैरों के चमन पर बरसेगा
हर शहर-ए-तरब पर गरजेगा/हर क़स्र-ए-तरब पर कड़केगा
ये अब्र हमेशा बरसा है/ये अब्र हमेशा बरसेगा
ये अब्र हमेशा बरसा है/ये अब्र हमेशा बरसेगा
बरसेगा
बरसेगा
बरसेगा….
इंक़लाबी शायर असरारुल हक़ मज़ाज़ के लिखे अलीगढ़ तराना से बिहार चुनाव की वोटिंग के आग़ाज़ का अफ़साना बयाँ हो सकता है. वोटिंग के पहले दिन 2.14 करोड वोटरो को आज सूर्योदय के बाद से सूर्यास्त तक वोट देना था. उन्हे 114 महिला उम्मीदवार समेत कुल 1,066 प्रत्याशियो की सियासी किस्मत पर अपना निर्णय देना था. वोटरो में 599 थर्ड जेंडर (उभय लिंगी) के हैं. कोई थर्ड जेंडर प्रत्याशी नहीं है,
बिहार की 243 सीटो की नई विधान सभा के चुनाव के लिये वोटिंग के पहले चरण में बुधवार को 16 जिलो में फैली 71 सीटों पर अनुमानित 50 फीसद से अधिक वोटरो ने अब्र ही तो बरसाये हैं. इस बारिश से किसकी फ़सल हरी होगी,ये तो 10 नवम्बर को काउंटिंग के दिन ही चलेगा.
इस वोटिंग से पहले गोदी मीडिया ने पिछले कई माह ‘ड्रग दो – ड्रग दो, रिया..रिया.. रिया’ …आदि के जितने भी गैर मुददे खडे किये उसे बिहारियो ने आज धो डाला. वोटिंग जिन जिलो में हुई उनमें गंगा नदी के पूर्वी छोर के भी भागलपुर समेत कई जिले शामिल हैं. बिहार मूल के फिल्म अभिनेता सुशांत कुमार सिंह की आत्महत्या के सन्दर्भ में उनकी बंगालन मित्र रिया चक्रवर्ती की कथित नशाखोरी आदि सारे के सारे हवाई मुददो पर आक्रोश का संकेतक है.
हवाई बनाम वास्तविक मुद्दे
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के लिये घोषित दावेदार तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार में बिहार के जमीनी यथार्थ को सर्वोपरि कर, रोजगार, किसानों की बदहाली और कोरोना महामारी के वास्तविक मुद्दे सामने रखे. इन मुद्दो को महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और तीनो प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टियो- भाकपामाले , भाकपा , माकपा और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी जोर से उठाया. अवाम इन वास्तविक मुद्दो पर गोलबंद होने लगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 23 अक्टूबर को भागलपुर की चुनाव सभा में पहले ही कह दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई की नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) सरकार युवाओ को रोजगार देने मे पूरी तरह से विफल साबित हुई है. मोदी जी ने दो करोड़ लोगों को रोज़गार देने का वादा किया था लेकिन वो जुमला ही साबित हुआ. उनके मुताबिक बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर 19 लाख युवाओं को रोजगार दिया जायेगा और किसानो के सारे फसली बैंक कर्ज माफ कर दिये जायेंगे. राहुल गांधी ने आज चंपारण और दरभंगा की रैली में भी ये वादा दोहराया.
राहुल गांधी के साथ नवादा जिले के हिसुआ में चुनाव सभा में तेजस्वी यादव ने, एक छोटे अंतराल को छोड़, लगातार 15 बरस से सरकार की बागडोर सम्भाले जनता दल युनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार सरकार पर तीखे प्रहार कर चुनौती दी कि इतने बरस में राज्य में एक भी कारखाना लगाया हो तो बताये.
महागठबंधन के चुनाव प्रचार की बिहारियों में गहरी पैठ का नतीजा ये हुआ कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही नहीं पूरा एनडीए बैकफुट पर आ गया. प्रधानमंत्री मोदी के इशारे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनाव प्रचार के लिये बिहार पहुंचकर अजीबो-गरीब घोषणा कर दी कि कोरोना से पीड़ित सभी लोगों को वैक्सीन मुफ्त में दी जायेगी.
गौरतलब है कि कोरोना पीड़ितों के उपचार के लिये भारत क्या दुनिया भर में कही भी संयुक्त राष्ट्र से सम्बद्ध विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्युएचओ) से मान्य कोई कारगर दवा अभी तक नहीं बनी है. रूस जैसे कुछ देशो में जो दवा बनाने के दावे किये गये हैं उसका विश्व विज्ञान समुदाय से सम्मति अभी नहीं मिली है. निर्मला सीतारमण जी कोरोना के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा नियुक्त प्रभारी भी हैं.
मोदी जी
मोदी जी ने 23 अक्टूबर को सासाराम की चुनाव सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में उनकी सरकार के 15 बरस के कामकाज की सराहना कर कहा था कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिये राज्य में एनडीए की सरकार जरुरी है. मोदी जी ने बिहारियों को रिझाने के लिये यहाँ तक कह दिया: बिहार देश का संस्कार है. वो अब न बीमार है न ‘बीमारु’ है. बिहार, लालटेन युग से आगे बढ़ उजाले मे आ गया है.
कमोबेश यही सारी बातें आज मोदी जी ने पटना की अपनी रैली में भी कही. उन्होने कहा कि बीते डेढ़ दशक में बिहार ने नीतीश जी की अगुवाई में कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं. एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है.
नीतीश कुमार ने महागठबंधन के आक्रामक चुनाव प्रचार से घबरा कर अपने बचाव में मोदी जी के साथ सासाराम हवाई अड्डा मैदान पर चुनाव सभा में कहा था कि मोदी सरकार ने बिहार के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की योजनाये मंजूर की हैं. इन्हे चुनाव के बाद लागू किया जायेगा. नीतीश जी पहले समाजवादी और समतावादी थे. उन्होंने दिवंगत केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडीस और अन्य के साथ मिलकर लालू प्रसाद यादव के राजद से निकलने के बाद जो नई सियासी पार्टी बनाई उसका नाम समता पार्टी ही रखा था. इस पार्टी ने बिहार के एक बार के चुनाव में भाकपा(माले) से गठबंधन भी किया था. वही आगे चल कर जदयू बना. बहरहाल, वो प्रखर समाजवादी नेता डाक्टर राममनोहर लोहिया का ये प्रसिद्ध कथन शायद भूल गये कि जिंदा कौमे पांच बरस इंतजार नहीं करती हैं.
कोविड- 19
पहले चरण के लिये प्रचार का अंत आते-आते कोरोना कोविड-19 की नई वैश्विक महामारी का मुद्दा हावी हो गया. भाजपा के 30 स्टार प्रचारकों में से पाँच कोरोना से पीड़ित हो गए. उनमें भाजपा की तरफ से इस चुनाव की कमान संभाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, राज्य के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और नीतीश कुमार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी शामिल है.
तेजस्वी यादव ने बिहार का नया चुनाव कराने की निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम की 25 सितंबर को घोषणा से पहले आयोग से ये चुनाव कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट टाल देने का अनुरोध किया था। पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि चुनाव टाले नहीं जायेंगे.
अयोध्या
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के महासचिव रहे दिवंगत पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री श्रेयसी सिंह जमुई से प्रत्याशी हैं। उनके प्रचार के लिये आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या के मुद्दे को खडा करने की अजीबोगरीब ढंग से कोशिश की. उन्होने कहा कि भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक बिहारियो को अयोध्या ले जाकर वहा प्रस्तावित उस राम मंदिर का दर्शन करायेंगे जिसकी आधारशिला मोदी जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मोहन भागवत की उपस्थिति मे रखी थी.
दिवंगत दिग्विजय सिंह जेएनयू में समाजवादी युवजन सभा (एसवायएस) के छात्र नेता रहे थे. बाद में वे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सम्पर्क मे आकर सियासत में आ गये और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री भी रहे. वह बांका से सांसद थे जहाँ का प्रतिनिधित्व कभी प्रख्यात समाजवादी नेता दिवंगत मधु लिमये ने किया था.
27 वर्षीय श्रेयसी सिंह पहली बार चुनाव मैदान मैं उतरी हैं. वह शूटिंग चम्पियन रही हैं. भाजपा ने उन्हे जिताने के लिये अपना सत्ताबल और धनबल झोंक दिया है. उनका मुख्य मुकाबला राजद के मौजूदा विधायक विजय प्रकाश यादव से है. उनकी बहन दिव्या प्रकाश भी बगल की तारापुर सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं. जमुई से अभी लोकसभा सदस्य लोजपा के चिराग पासवान ने श्रेयसी सिंह का समर्थन किया है.
वोटिंग
निर्वाचन आयोग के घोषित कार्यक्रम के अनुरूप राज्य में कुल 7.79 करोड़ वोटर के बीच तीन चरण मे 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान कराया जा रहा है। पहले चरण में औपचारिक चुनाव प्रचार सोमवार 26 अक्टूबर को ही शाम पाँच बजे खत्म हो गया था. लेकिन अप्रत्यक्ष प्रचार जारी रहा. वोटिंग के दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार के लिये खुद पटना आये. आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बिहार पहुंच दूसरे चरण की वोटिंग के निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार किया.
परिणाम
बिहार में 7.79 करोड़ वोटर में करीब 3.39 करोड़ महिला हैं. दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर तीन नवम्बर को और तीसरे चरण में बाकी 78 सीटों पर वोटिंग होगी. मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिये ही होगा. मतो की गिनती भी ईवीएम के जरिये सभी सीटो पर एकसाथ 10 नवंबर को निर्धारित है.
10 नवंबर को ही दोपहर बाद तक सारे परिणाम घोषित कर देने की सम्भावना है. मौजूदा विधान सभा का पांच बरस का निर्धारित कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो जायेगा. उसके पहले नई विधानसभा का गठन हो जाना चाहिये.
इन सीटों पर जेडीयू के 35, भाजपा के 29 इन दोनो की सहयोगी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा ( हम ) के छह और विकासशील इंसान पार्टी ( वीआईपी) के एक उम्मीदवार हैं। राजद के 42 , कांग्रेस के 20 और सीपीआईएमएल (भाकपा-माले) का एक उम्मीदवार है.
दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के 42 प्रत्याशी पहले चरण के चुनावी मैदान में हैं। लोजपा भाजपा की ही बी-टीम मानी जाती है. लोजपा ने भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी नहीं खड़े किये हैं।
मंत्री
नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस ( एनडीए ) का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के 8 मंत्री (शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा , कृषि मंत्री प्रेम कुमार , ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार , विज्ञान एवं प्रोधोगिकी मंत्री जय कुमार सिंह , राजस्व मंत्री रामनारायण मण्डल , श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा , खनन मंत्री ब्रिजकिशोर बिन्द और परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला पहले चरण में मैदान में थे। साथ में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की किस्मत भी ईवीएम में बंद हो गयी.
सेकुलर फ्रंट
पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) की अगुवाई में नये बने सेकुलर फ्रंट में शामिल उनके दल के 43 और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 27 प्रत्याशी हैं।
बहरहाल अभी दो चरण के चुनाव प्रचार बांकी हैं. देखना है कि मोदी जी एनडीए का चुनाव प्रचार सम्भालने के लिये और आगे नया क्या मंत्र फूंकते है. उनके भाषण का जादू बिहार के चुनावी यथार्थ से टकरा कर जोर पकड सकेगा या छू मंतर हो जायेगा यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है.
सीपी नाम से चर्चित लेखक चंद्रप्रकाश झा ,युनाईटेड न्यूज ऑफ इंडिया के मुम्बई ब्यूरो के विशेष संवाददाता पद से रिटायर होने के बाद तीन बरस से अपने गांव में खेतीबाड़ी करने और स्कूल चलाने के साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन भी कर रहे हैं. उन्होने भारत की आज़ादी, चुनाव , अर्थनीति, यूएनआई का इतिहास आदि विषय पर कई ई-किताबे लिखी हैं. वह मीडिया विजिल के अलहदा चुनाव चर्चा के स्तम्भकार हैं. वह क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा मीडिया पुरस्कार की संस्थापक कम्पनी पीपुल्स मिशन के अवैतनिक प्रबंध निदेशक भी हैं, जिसकी कोरोना- कोविड 19 पर अंग्रेजी–हिंदी में पांच किताबो का सेट शीघ्र प्रकाश्य है.