पहले पन्ने पर आते जा रहे हैं राहुल गांधी, ‘सबके तोते उड़े’ ही प्रमुख ख़बर

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संजय कुमार सिंह


सीबीआई पर सरकार की आधी रात की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की खबर और इसके विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन की खबर सभी अखबारों में पहले पन्ने पर है। खास बात यही है कि कांग्रेस और राहुल गांधी अखबारों के पहले पन्ने पर आ गए हैं और सरकारी गति से चलने वाली जांच को दो हफ्ते में पूरा करने से सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सबके तोते उड़े। दैनिक हिन्दुस्तान ने लिखा है, “सीबीआई पर सुप्रीम कोर्ट से सड़क तक संग्राम”। फ्लैग हेडिंग है, “आलोक वर्मा की जांच दो हफ्ते में पूरी करे सीवीसी : कोर्ट” और “अंतरिम निदेशक राव कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे”। क्या, कौन और कब के साथ अखबार ने असर के तहत लिखा है, वर्मा-अस्थाना को फिलहाल राहत नहीं। अखबार ने इसी खबर के साथ, लीड की हेडिंग से अलग पर फ्लैग शीर्षक के नीचे, “कांग्रेस का सीबीआई दफ्तर पर प्रदर्शन, राहुल ने गिरफ्तारी दी” भी भी प्रकाशित किया है। हालांकि , दो कॉलम के इस शीर्षक के नीचे नौ लाइन की खबर है और दूसरे कॉलम में वित्त मंत्री अरुण जेटली का कोट बड़े फौन्ट में उतनी ही जगह में है, “सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में होने वाली सीवीसी जांच से पूरे मामले का सच सामने आ जाएगा। केंद्र सरकार का किसी खास व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है।”

सीबीआई पर केंद्र सरकार की कार्रवाई और फिर कहना कि वर्मा को हटाया नहीं गया है और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने और फैसला आने के बाद जेटली की यह दावा महत्वपूर्ण है और अखबार ने इसे पूरी प्रमुखता से कांग्रेस के प्रदर्शन की फोटो के साथ छापा है। नवभारत भारत टाइम्स ने इस खबर को तीन कॉलम में एक लाइन की हेडिंग, “सबके तोते उड़े” से लीड के रूप मे छापा है। उप शीर्षक है, सीबीआई पर सुप्रीम आदेश में सभी की सीमा तय। अखबार ने उपशीर्षक के बाद, तीन बॉक्स में तीन शीर्षक के साथ तीन सूचनाएं दी हैं। पहली, वर्मा की जांच के साथ वर्मा की फोटो है और सूचना यह कि आरोपों की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग दो हफ्ते में पूरी करेगा, दूसरी सूचना जांच की निगरानी के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो है और सूचना यह है कि केंद्र ने सीवीसी को जांच दी तो कोर्ट ने कहा कि यह जांच पूर्व जस्टिस की निगरानी में होगी। राव पर बंदिश शीर्षक के तहत तीसरी सूचना यह है कि वे सिर्फ रूटीन काम कर सकेंगे, नीतिगत फैसले नहीं लेंगे, ट्रांसफर के आदेशों का ब्यौरा मांगा। नभाटा ने अपनी इसी लीड के साथ दो कॉलम में ‘कांग्रेस का विरोध, थाने में राहुल’ शीर्षक से राहुल गांधी की फोटो छापी है और कैप्शन के रूप में बड़े अक्षरों में सूचना है कि कांग्रेस ने शुक्रवार को देश भर में सीबीआई दप्तरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। नभाटा ने इस खबर के नीचे सिंगल कॉलम में दो खबरें लगाई हैं, अस्थाना की अर्जी को कोर्ट ने बताया लेट और फैसले को सरकार ने पॉजिटिव बताया।

नवोदय टाइम्स ने इस खबर को सीबीआई विवाद विषय के तहत, राव महज रबड़ स्टांप शीर्षक से लीड बनाया है। उपशीर्षक है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नहीं ले सकते नीतिगत निर्णय। एक अलग बिन्दु एक कॉलम तीन लाइन में है, “वर्मा के खिलाफ दो हफ्ते में जांच पूरी करे सीवीसी”। इसके नीचे सुप्रीम कोर्ट की फोटो और उसके नीचे सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव की फोटो है। उपशीर्षक के नीचे खबर के चौथे या अखबार के आखिरी कॉलम में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना की फोटो आधे कॉलम में है और इसके नीचे एक कॉलम में बताया गया है, ऐसे समझें अदालत के आदेश। इस खबर के साथ तीन कॉलम में एक छोटी खबर का शीर्षक है, “सरकार किसी के पक्ष या विरोध में नहीं : जेतली”। इसके साथ अरुण जेतली की फोटो है। नवोदय टाइम्स ने भी कांग्रेस के विरोध को लीड के साथ प्रमुखता से छापा है। हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस बस में राहुल गांधी की फोटो के साथ यह खबर, “चौकीदार को चोरी नहीं करने देंगे : राहुल” शीर्षक से छापा है। उपशीर्षक है, “राफेल डील, वर्मा को हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष का मोदी पर तीखा हमला”। बीच में गोल बॉक्स में लिखा है, “सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, राहुल ने दी गिरफ्तारी”। इस खबर के साथ कांग्रेस का देश भर में प्रदर्शन आधे कॉलम में प्रमुखता से छपा है जो अंदर के पेज पर जारी है।

दैनिक जागरण ने इस खबर को, “सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में होगी सीबीआई निदेशक वर्मा की जांच” शीर्षक से छापा है। कांग्रेस के प्रदर्शन की खबर और राहुल की गिरफ्तारी की फोटो इसी के साथ है। जागरण ने अस्थाना की याचिका पर नहीं हुई सुनवाई शीर्षक से खबर भी लीड के साथ छापी है। इसके मुताबिक, अटार्नी जनरल ने राकेश अस्थाना की जांच के बारे में पूछा तो कोर्ट ने कहा कि अस्थाना का मामला उनके सामने नहीं है। इसपर वकील मुकल रोहतगी ने कहा कि अस्थाना ने याचिका दाखिल की है और उनकी ओर से पेश हैं। लेकिन कोर्ट ने मामला लिस्ट न होने के कारण दलीलें सुनने से मना कर दिया। असल में सीबीआई का मामला आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच टकराव का ही है। सरकारी कार्रवाई इसी कारण हुई और इसके खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जो खबरें आई हैं उनमें राकेश अस्थाना का मामला स्पष्टता से नहीं है। जागरण ने उसे कायदे से स्पष्ट किया है। इस मामले में सरकार की तरफ से जेटली का बयान भी जागरण में है।

दैनिक भास्कर में आज यह खबर लीड है। शीर्षक है, “सीवीसी 63 दिन से सीबीआई डायरेक्टर की जांच कर रहा था; सुप्रीम कोर्ट बोला – 14 दिन में पूरी करें जांच”। राहुल गांधी की गिरफ्तारी की खबर भी भास्कर ने भी लीड के साथ छापी है और फोटो भी है। शीर्षक है, “राहुल गांधी ने दी गिरफ्तारी; कहा – प्रधानमंत्री सच से भाग सकते हैं, लेकिन छिप नहीं सकते”। दो लाइन के शीर्षक के बाद अखबार ने तीन हिस्से में तीन खबरें दी हैं, सीबीआई कोर्ट में, कांग्रेस सड़क पर और सरकार को कुछ राहत। भास्कर ने एक ऐसी खबर को प्रमुखता दी है जो दूसरे अखबारों में प्रमुखता से नहीं है। खबर है, “वर्मा के दो पीएसओ अज्ञात जगह ट्रांसफर”। इसमें कहा गया है कि वर्मा के घर के बाहर आईबी अफसरों से मारपीट की थी। आईबी डायरेक्टर ने एनएसए अजीत डोभाल से शिकायत की थी। इसके बाद ऐक्शन हुआ।

राजस्थान पत्रिका ने भी इस खबर को लीड बनाया है और कांग्रेस के प्रदर्शन की खबर फोटो के साथ इसी में शामिल है। शीर्षक है, “पखवाड़े में हो वर्मा मामले में सीवीसी की जांच, रिटायर्ड जज करेंगे निगरानी : सुप्रीम कोर्ट”। फ्लैग शीर्षक है, कोर्ट से सड़क तक सीबीआई विवाद में सर्वोच्च अदालत का अंतरिम फैसला। पत्रिका ने इस खबर के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी बयान छापा है जो दूसरे अखबारों की लीड खबर के साथ इस तरह से नहीं है। मनमोहन सिंह ने कहा है कि, मोदी सरकार में सीबीआई जैसे संस्थानों का माहौल खराब हुआ है। सरकार ने मतदाताओं का विश्वास खो दिया है। अमर उजाला में भी यह खबर लीड है और कांग्रेस के प्रदर्शन की खबर फोटो के साथ उसी में शामिल है। यहां राजनाथ बोले – कांग्रेस के पास जनहित के मुद्दे नहीं – एक अलग खबर प्रमुखता से छपी मिली।

 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।