रथयात्रा की अनुमति नहीं मिली तो जागरण ने छापा, “भाजपा को बंगाल में रैलियों की मंजूरी, रथयात्रा में पेंच”
सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस के साथ नहीं रहने से जो त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होगा उसके कारण भाजपा को और भी ज्यादा नुकसान होगा।
टेलीग्राफ की आज की लीड का शीर्षक है- “डरावनी संक्रांति”.. उपशीर्षक, “हमारी मातृभूमि के ‘राष्ट्रद्रोही’ विलेन और देशभक्त ‘हीरो’'' है
संजय कुमार सिंह सोशल मीडिया की खबरें आमतौर पर अखबारों में नहीं आतीं। लेकिन आज एक खबर कई अखबारों में प्रमुखता से है। खबर है, “जस्टिस एके सीकरी ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव,…
उज्ज्वल भट्टाचार्य के साप्ताहिक स्तंभ का सतरहवां अध्याय
गढ़वाली बोलती दादी के लजाने और हंसने के बीच रैप संगीत के धड़ाके से खुलने का मजा है
अभी जो नियुक्त होगा वही, 2019 में भाजपा सरकार अगर वापस सत्ता में नहीं आई तो उसकी जांच करेगा
टेलीग्राफ ने प्रधानमंत्री से सीधे पूछा सवाल सीबीआई में दागी अफसर लाना अपराध है तो दोषी और भी हैं !!
आरोप है कि आलोक वर्मा रफाल मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच करने वाले थे इसलिए उन्हें आधी रात की कार्रवाई में हटाया गया।
अब ऐसे राजनेता गिनती के भी नहीं बचे जो वोटों के नुकसान की क़ीमत पर सत्य बोल सकें।
आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को मैच जिताने वाला छक्का बताया।
यह पहली बार हुआ कि किसी प्रधानमंत्री ने किसी अदालती विवाद में खुद को उसके एक पक्ष का पैरोकार बना लिया
तनख्वाह देने जैसी जरूरतों के लिए उसे करीब 1000 करोड़ रुपए उधार लेने पड़े हैं।
'संघ बोलता नहीं बुलवाता है। और कौन बोल रहा है, और आने वाले वक्त में कौन -कौन बोलेगा....इंतजार कीजिये, फरवरी तक बहुत कुछ होगा।
अमित शाह ने कहा, 'युति होगी तो साथी को जिताएंगे नहीं तो पटक देंगे।
औसतन हर बरस बीस लाख करोड़ से ज्यादा का चूना, खनन माफिया देश को लगाते हैं।
धारा-66 ए निरस्त किए जाने के बावजूद अब तक 22 से ज्यादा मुकदमे चलाए गए हैं
देश में बेरोज़गारी दर 8-9 फ़ीसदी जा पहुँची है, और शिक्षित बेरोज़गारी दर 16 फ़ीसदी के आसपास है. साल 2018 में ही एक करोड़ से अधिक रोज़गार कम हुआ है.
आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है। इसका मक़सद सदियों से वंचित समुदायों को शासन-प्रशासन में हिस्सेदारी देकर उन्हें राष्ट्र का अंग होने का अहसास दिलाना है।
चीन ने चन्द्रमा के दूरस्थ हिस्से पर कदम रख दिये हैं
इस तरह आप जिसपर काम कर रही हैं वह सही है और दूसरे जिसपर काम कर रहे थे वह?"
क्या 57 महीने की सत्ता भोगने के बाद कोई शर्म, कोई अपराधबोध नहीं है?
उज्ज्वल भट्टाचार्य के साप्ताहिक स्तंभ का सोलहवां अध्याय
अभी हिंदी बोलने, पढ़ने वाले युवा में रीढ़ की वह हड्डी विकसित नहीं हुई है कि वह अपने लेखकों के औचित्य पर सवाल उठा सके
बीजेपी नेता ने ही कंपनी (अगस्ता वेस्टलैंड) का नाम ब्लैकलिस्ट की सूची से हटाने के लिए सिफारिश की थी।