अफ्रीका के स्वतंत्रता संग्राम के नायक व जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया है. 95 साल के मुगाबे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. एक समय था जब मुगाबे को जिम्बाबे का पर्याय माना जाता था. जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इमर्सन मनंगाग्वा ने दो हफ्ते पहले कैबिनेट की बैठक में बताया था कि उनका उपचार रोक दिया गया है.
Robert Mugabe, Former President of Zimbabwe passes away at the age of 95, at a hospital in Singapore: Zimbabwean media. pic.twitter.com/arNO0I9Wf5
— ANI (@ANI) September 6, 2019
जिम्बॉब्वे के राष्ट्रपति इमर्सन मनंगाग्वा ने ट्विटर पर दुख के साथ मुगाबे के निधन की घोषणा की है. जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इमर्सन मनंगाग्वा ने उनकी मौत की खबर देते हुए ट्वीट में कहा, “बेहद दुख के साथ मैं ये सूचित करता हूं कि जिम्बाब्वे के जनक और पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे नहीं रहे.”
उन्होंने लिखा कि “मुगाबे स्वतंत्रता के प्रतिक थे, वो एक ऐसे अफ्रीकी नेता थे जिन्होंने अपने लोगों की स्वतंत्रता और सशक्तिकरण में अपना जीवन बीता दिया. इस देश और महाद्वीप के इतिहास में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. उनकी आत्मा को शांति मिले.”
Cde Mugabe was an icon of liberation, a pan-Africanist who dedicated his life to the emancipation and empowerment of his people. His contribution to the history of our nation and continent will never be forgotten. May his soul rest in eternal peace (2/2)
— President of Zimbabwe (@edmnangagwa) September 6, 2019
रॉबर्ट मुगाबे ने 37 सालों तक जिम्बाब्वे का नेतृत्व किया था. मुगाबे 1980 से 1987 तक प्रधानमंत्री और 1987 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे थे.
मुगाबे का जन्म 21 फरवरी 1924 को हार्वे के पश्चिम में एक गरीब कृषि क्षेत्र ज़्विम्बा में हुआ था. उनके पिता एक बढ़ई थे.
मुगाबे को जिम्बाबे की आजादी के नायक के रूप में जाना जाता है लेकिन वह कई विवादों में भी घिरे रहे. नवंबर 2017 में उनकी खुद की पार्टी ने जब उन पर महाभियोग चलाने की धमकी दी और सेना द्वारा तख्तापलट के बाद उन्होंने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दिया था.
मुगाबे को देश में बड़ा जनसमर्थन हासिल था और उनके इस्तीफे के बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. उनकी पार्टी का नाम जानू-पीएफ है.
एक समय का स्कूली शिक्षक रहे मुगाबे क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी बने जिसने अपने देश से श्वेत-अल्पसंख्यक शासन को समाप्त कर दिया था.
BREAKING: Robert Mugabe, the former leader of Zimbabwe, has died at the age of 95 https://t.co/vOSu90v8dW pic.twitter.com/9iloYmY2Iq
— Bloomberg (@business) September 6, 2019
जनमत संग्रह और चुनाव में हार के बावजूद उन्होंने पद नहीं छोड़ा. उनपर यह भी आरोप था कि समय के साथ शासन के तरीके में बदलाव नहीं किया गया. वह सत्ता को भी क्रांतिकारी ढंग से चलाते थे और आलोचकों को गद्दार साबित करने से चूकते नहीं थे. अर्थव्यवस्था के स्तर पर उनके खाते में कई नाकामियां हैं लेकिन इसके लिए वह पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराते थे. एक बार दो क्रिकेटरों ने उनकी नीतियों का विरोध करने के लिए काली पट्टी बांधी थी तो उनके खेलने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था.
मुगाबे ने दो शादियां की थीं. 73 वर्ष की आयु में उनकी तीसरी संतान हुई थी. कहा जाता है कि मुगाबे शाकाहारी थे और शराब भी नहीं पीते थे.