उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सोनभद्र के उभा गांव का दौरा किया। इस गांव में चार दिन पहले 17 जुलाई को ज़मीन विवाद में एक भयंकर हत्याकांड हुआ था जिसमें दस आदिवासी मारे गए थे। हत्याकांड के बाद पहली बार गांव में शासन की ओर से किसी ने दौरा किया है।
दौरे के बाद उन्होंने दोषी पुलिसवालों को सस्पेंड करने का आदेश दिया। साथ ही कुछ घोषणाएं कर के बीते दो दिनों में प्रदेश सरकार की हुई फजीहत को रोकने थामने की कोशिश की।
सोनभद्र से मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की प्रेस वार्ता। https://t.co/UesLlGyJ3z
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 21, 2019
योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मृतकों के परिजनों को प्रत्येक साढ़े अठारह लाख की मुआवजा रकम दी जाएगी, साथ ही घायलों को ढाई-ढाई लाख की मदद मिलेगी। इसके अलावा ‘गांव में ग्रामीणों के लिए पुलिस चौकी खोली जाएगी और आदिवासियों को ‘जमीन पर पहले की तरह खेती करने की छूट दी जाएगी।
इनके अलावा ‘किसान पेंशन की इसी गांव से शुरूआत होगी, आंगनबाड़ी केंद्र की गांव में स्थापना होगी और ग्रामीणों को पीएम-सीएम आवास दिया जाएगा तथा उम्भा गांव में एक आवासीय स्कूल खोला जाएगा।
Chief Minister of Uttar Pradesh, Yogi Adityanath met and interacted with family members of those who lost their lives in Sonabhadra firing incident, at Umba village in Sonbhadra, today. pic.twitter.com/eSVFg1Jzkv
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 21, 2019
मुख्यमंत्री ने गांव में आकर पीडि़त परिवारों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के साथ भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे भी मौजूद रहे। पीडि़तों से मिलकर मुख्यमंत्री ने घटना की पूरी जानकारी ली और घायलों को चेक बांटे।
गांव में योगी का यह पहला दौरा है लेकिन घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के घटना के विवरण मीडिया में सार्वजनिक कर दिए थे और इस हत्याकांड के लिए कांग्रेस की पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहरा दिया था।
योगी के आगमन की तैयारी में प्रशासन दो दिन से ही मुस्तैद था। एक ओर जहां उभा गांव में साफ सफाई और रंगरोगन का काम कल से चल रहा था, वहीं आज सुबह एहतियातन पुलिस ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा सहित स्थानीय सपा नेताओं को हिरासत में ले लिया।
कुल पचास लोगों को आज सुबह सुरक्षा कारणों का हवाला देकर योगी के पहुंचने से पहले हिरासत में लिया गया।